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पराली वेस्ट रीसायकल से उत्पाद निर्माण व्यवसाय | Product Making Business from Parali Waste Recycle in hindi

पराली वेस्ट रीसायकल व्यवसाय: यदि आप एक ऐसे innovative business startup की खोज में हैं जिसे अपना कर बेहतर मुनाफा कमाने के साथ पर्यावरण का संरक्षण भी किया जा सके तथा किसानों को भी लाभ का मौका प्रदान किया जा सके तो पराली वेस्ट रीसायकल व्यवसाय (Parali Waste Recycle Business) सबसे शानदार विकल्पों में से एक है.

अमूमन पराली वेस्ट सामान्य किसान के लिए एक जैविक कचरा है, जिसे वह जल्द से जल्द अपने खेत से निकालकर बहार फेकना अथवा नष्ट करना चाहता है. वर्तमान में देश के कुछ राज्यों द्वारा पराली अवशेष को नष्ट करने के लिए किसानों द्वारा पराली कोआग के हवाले” भी किया जा रहा है.

धान के पुआल का उपयोग जिसे पराली वेस्ट भी कहा जाता है, को जलाने से जहां एक तरफ धुंए के गुबार बहुत बड़ी मात्रा में वायु प्रदूषण (प्राण वायु का खतरा) तो होता ही है, वही दूसरी ओर फसल उत्पादन के लिए भूमि की उर्वरक क्षमता भी घटती जाती है.

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केंद्र सरकार व राज्य सरकारों द्वारा पराली वेस्ट को जलाने की रोकथाम के लिए कई नियम पारित किये हैं. साथ ही पराली जलाना कानूनी अपराध की श्रेणी में भी शामिल किया है, परन्तु इसके बाद भी पराली जलाये जाने की गति थम नहीं रही है. ऐसे में पराली अपशिष्ट का उचित निपटान किया जाना सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय बनता जा रहा है.

ऐसे में पराली वेस्ट को रीसायकल कर दैनिक उपयोग में लिए जाने वाले उत्पादों का निर्माण व्यवसाय स्थापित करना एक ऐसे नए कारोबार की शुरुआत करने की सकारात्मक पहल हो सकती है, जो इच्छुक उद्यमी को भविष्य का सफल कारोबारी बनाने की क्षमता रखती है. आज बहुत कम लोग हैं जिन्हें पता है कि कचरा भी कमाई का जरिया हो सकता है.

पराली का सदुपयोग अथवा पराली अपशिष्ट प्रबंधन (waste to wealth) के तहत पराली वेस्ट रीसायकल से उत्पाद निर्माण व्यवसाय शुरू करने के लिए इच्छुक उद्यमी/व्यवसायीय को Organic Waste Management Plan को प्राथमिकता पर विस्तार से समझना जरूरी है.

मसलन- पराली में कौन-कौन से घटक पाए जाते हैं?, पराली को इकठ्ठा कैसे करें?, पराली वेस्ट को रीसायकल करने में किन-किन सामग्रियों, घटकों, मशीनरी व मैनपावर की आवश्यकता होती है?, पराली से कितने उत्पाद बनाए जा सकते है?, पराली वेस्ट रीसायकल प्लांट स्थापित करने के लिए कितनी लागत का निवेश करना होगा और मुनाफा कितना बनाया जा सकता है?

ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनके उत्तर इच्छुक उद्यमी/व्यवसायीय को पराली वेस्ट रीसायकल व्यवसाय को शुरू करने से पहले खोजने जरूरी होते हैं. तो चलिए शुरू करते हैं भविष्य के उभरते हुए एक नए innovative business startup की चर्चा- सबसे पहले जानते हैं कि आखिर पराली क्या होता है और किसे कहते हैं?

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पराली क्या है (What is Parali/Rice Straw)-

धान की कटाई के बाद जो कृषि अवशेष जैसे- फसल जड़ (सामान्य भाषा में ठूंठ- Rice straw) खेत में रह जाता है इसी कृषि अपशिष्ट को पराली कहा जाता है. अमूमन किसी भी फसल का वह भाग जो फसल हार्वेस्ट करने के बाद अपशिष्ट (waste) के तौर पर खेतों में बच जाता है, पराली की श्रेणी में गिना जाता है.

पराली वेस्ट रीसायकल को शुरू करने के लिए पराली कैसे एकत्र करें?

यदि आप पराली वेस्ट को एकत्र करने के लिए अधिक निवेश नहीं करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले किसानों को वेस्ट पराली के महत्व से जागरूक करने की आवश्यकता है. इसके लिए शुरूआती चरणों में किसानों से मिलकर उन्हें पराली वेस्ट को सहेजने के लिए प्रेरित करना प्राथमिक चरण होता है.

किसानों द्वारा एकत्र की गई पराली पर आप किसान को तय की गई दर से धनराशी भुगतान की पेशकश करें. धनराशी भुगतान प्रस्ताव से जहां एक तरफ किसानों को फसल वेस्ट (organic corp waste) से लाभ कमाने का मौका मिलेगा, वहीं दूसरी तरफ आपको अपना मनचाहा कच्चा माल भी आसानी से प्राप्त हो जाएगा.

और जैसे-जैसे पराली वेस्ट के प्रति किसानों की जागरूकता बढ़ेगी, कई किसान स्वयं अपनी पराली वेस्ट का विक्रय करने के लिए आपसे संपर्क करेंगे.

पराली वेस्ट का मूल्य क्या है?

मौजूदा बाजार में पराली 2500 से लेकर 5000 रुपये तक प्रति एकड़ की दर से विक्रय होती है, विभिन्न धान किस्मों के अनुसार पराली की कीमत अलग-अलग होती है. बासमती धान की पराली का भाव सबसे महंगा देखने को मिलता है.

Recycling व्यवसाय की संभावनाएं एवं अवसर-

आज प्रत्येक क्षेत्र में मानव निर्मित कचरे की बढ़ोत्तरी हो रही है, इसको देखते हुए इसका निपटान किया जाना प्राथमिक और अनिवार्य हो चुका है, जहां तक कचरे कि बात करें तो किसी भी कचरे का निपटान करने के लिए 02 विकल्पों की संभावना हो सकती है-

  1. कचरे को पूर्ण रूप से नष्ट (जलाकर या जमीन में दबाकर) कर दिया जाए, जिससे पर्यावरण दूषित होगा.
  2. कचरे का पुनर्नवीनीकरण (Recycle) कर पुनः उपयोग हेतु बनाया जाए, जो पर्यावरण को दूषित न करे.

हमारी सहज समझ दूसरे विकल्प का ही चुनाव करेगी. तो इसका मतलब यह है कि Recycling का व्यवसाय शुरू करना एक लाभ का कारोबार सिद्ध हो सकता है. साथ ही बदलते समय के साथ पुनर्नवीनीकरण व्यवसाय को शुरू करने की आवश्यकता भी है क्योंकि अगर समय से कचरे को रीसायकल नहीं किया गया तो जिस पृथ्वी पर हम रहते हैं वहां त्रसिदी निश्चित है और जिसके जिम्मेदार हम खुद होंगे.

वहीं दूसरी ओर अगर हम इस कचरे का पुनर्नवीनीकरण (Waste Recycling) समय से करते हैं तो यह Recycling business (व्यवसाय) हमें एक अच्छा मुनाफा भी दे सकता है, आज बहुत ही कम लोग है जो जानते कि कचरा भी कमाई का जरिया हो सकता है.

अगर आप पराली वेस्ट रीसायकल अथवा अपशिष्ट पुनर्नवीनीकरण व्यवसाय (Parali waste recycling plant) स्थापित करना या इसके बारे विस्तृत जानकारी पाना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें.

पराली वेस्ट रीसायकल से क्या-क्या बनाया जा सकता है?

अमूमन पराली वेस्ट एक ऐसा जैविक कचरा है, जिसका उत्पादन प्रत्येक वर्ष बढ़ी मात्रा में होता ही होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि पराली एक फसल वेस्ट कचरा है और इसका समय से उचित निपटान किया जाना सबसे प्राथमिक चरणों में से एक है. व्यवसायिक स्तर पर पराली वेस्ट से-

1. जैविक खाद का निर्माण
2. जैविक ईंट (Bio Brick)
3. आर्गेनिक डिस्पोजेबल बर्तन (दोना, पत्तल)
4. कागज़
5. कोयला
6. तारकोल
7. पराली ब्रिकेट

पराली वेस्ट रीसायकल के लिए वांछित स्थान (required place)-

पराली वेस्ट रीसायकल व्यवसाय प्लांट को स्थापित करने के लिए कम से कम 3000 sqft से लेकर 5000 sqft स्थान की आवश्यकता होती है. जहां पराली वेस्ट को रीसायकल कर उत्पाद निर्माण करने के लिए मशीनरी व तैयार उत्पाद के संरक्षण हेतु 2500 sqft स्थान धूल-मिट्टी, बारिस व प्रदूषण आदि से सुरक्षित होना जरूरी है. साथ ही आपके कार्य क्षेत्र पर रोशनदान व एक्जास्ट पंखा का होना जरूरी है.

प्लांट में मशीनों के स्थान, एकत्रीकरण व छटाई स्थान, ऐसे निर्धारित किए गए हों जिससे कर्मचारियों को काम करने एवं कच्चा व तैयार माल सुरक्षित रखने में असुविधा न हो. इस स्थान पर बिजली आदि की उचित व्यवस्था का होना अनिवार्य है.

सुझाव (Suggestion)-

आपको Parali waste recycling का व्यवसाय शुरू करने के लिए ऐसे स्थान का चुनाव करना चाहिए, जहां से रॉ मटेरियल या कच्चा माल आसानी से मिल सकता हो. साथ ही आपके प्लांट स्थान पर transportation संबंधी आवागमन (क्रय-विक्रय आदि) की उचित व्यवस्था होनी आवश्यक है. यह स्थान अगर किसी ग्रामीण व्यवसायिक क्षेत्रों के अंतर्गत आता है तो सबसे उत्तम है.

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स्थान पर बिजली आपूर्ति व आवश्यक उपकरण (Required electricity & equipment)-

पराली वेस्ट रीसायकल व्यवसाय में मशीनों आदि के सुगम संचालन के लिए कम से कम 05 से 25 किलोवॉट क्षमता के बिजली कनेक्शन की अवश्यकता होती है. यह क्षमता मशीनों के चयन आधार पर भी सुनिश्चित/निर्धारित की जा सकती है, साथ ही प्लांट में बिजली को नियंत्रित व पर्याप्त आपूर्ति के लिए DG Set, Control Panel, Power Panel आदि बिजली उपकरणों का होना जरूरी है.

कहां से खरीदें-

उपरोक्त पैनल्स को आप अपने लोकल मार्केट से बनवा या खरीद सकते हैं यदि आपके लोकल बाजार में यह पैनल नहीं मिल पा रहे हैं तो इसे आप ऑनलाइन भी नीचे दी गई वेबसाइटस से खरीद सकते हैं-

  1. www.indiamart.com
  2. www.tradeindia.com
  3. www.exportersindia.com

पराली वेस्ट रीसायकल व्यवसाय का पंजीकरण (Business Registration)-

पराली वेस्ट मटेरियल को रीसायकल करने वाले व्यवसाय/कारोबार को शुरू करने के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए मानक प्रमाण पत्रों से पंजीकृत कराना अनिवार्य है. यह पंजीकरण हैं-

  1. MSME Registration (उद्यम पंजीकरण)
  2. Factory License
  3. GST No.
  4. Trade License
  5. Trade Mark License (if required)
  6. NOC Certificate from Pollution Department & Fire Control Board
  7. IEC License

पराली वेस्ट रीसायकल व्यवसाय में मैनपावर की आवश्यकता (Required Manpower)-

अमूमन बड़े स्तर पर प्रत्येक रीसाइक्लिंग व्यवसाय में मैनपावर या कर्मचारियों की जरूरत पड़ती ही है, पराली अपशिष्ट पुनर्चक्रीकरण (Parali waste recycling business) व्यवसाय को शुरू करने में शुरुआती चरण में कम से कम 08 से 15 मैनपावर या कर्मचारियों की अवश्यकता होती है. ये कर्मचारी मैनेजर, मार्केटर, कुशल लेबर व सफाई कर्मी आदि हो सकते हैं.

उत्पाद बनाने के लिए मशीनरी (Required Machinery)-

पराली वेस्ट को रीसायकल कर उत्पादों का निर्माण करने के लिए कई प्रकार की मशीनों को उपयोग में लिया जाता है. यहां मशीनों का चुनाव करने से पूर्व वांछित उत्पाद का चुनाव करना आवश्यक है, जिसका उत्पादन/निर्माण किया जाना होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि विभिन्न किस्म के उत्पादों का निर्माण करने के लिए अलग-अलग मशीनों का उपयोग किया जाता है.

इस पोस्ट के माध्यम से अभी हम केवल पराली वेस्ट से डिस्पोजेबल बर्तन अथवा पराली से प्लेट बनाने वाली मशीन के बारे में चर्चा करेंगे… तो पराली वेस्ट से डिस्पोजेबल बर्तन जैसे उत्पादों का निर्माण करने के लिए इन मशीनों की आवश्यकता होती है-

  1. पराली वेस्ट फ़िल्टर मशीन (filter machine)
  2. पराली वेस्ट वाशिंग मशीन (washing machine)
  3. पराली श्रेडर मशीन (shredding machine)
  4. पल्प मेकिंग मशीन (pulp making mil machine)
  5. पल्प उत्पाद मेकिंग मशीन (डाई/सांचे के साथ) (pulp product making molding machine)
  6. ब्रांड स्टम्पिंग मशीन (वैल्काल्पिक) (brand stamping machine)

कहां से खरीदें-

उपरोक्त मशीनों को आप ऑनलाइन भी नीचे दी गई वेबसाइटस से खरीद सकते हैं-

  1. www.indiamart.com
  2. www.tradeindia.com
  3. www.exportersindia.com
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पराली को पल्प में बदलने की विधि (The Process of Converting Parali into Pulp)-

जैविक कचरे को रीसायकल कर कागज आधारित उत्पादों का निर्माण करने के लिए सबसे प्राथमिक चरण है कि जैविक कचरे जैसे- पराली वेस्ट (rice straw), गन्ना खोई/बैगास (sugarcane bio bagasse), लकड़ी के टुकड़े (wood straw) आदि को पल्प (लुग्दी) में बदलना.

छोटे स्तर अथवा मैन्युअल तरीके से पराली पल्प तैयार करने की प्रक्रिया (At small scale)-

  1. पल्प (लुग्दी) बनाने से पहले वेस्ट पराली से मिट्टी आदि सफाई करना प्राथमिक चरण है.
  2. पराली वेस्ट को पल्प में बदलने के लिए सबसे पहले रॉ पराली के छोटे-छोटे (01 से डेढ़ सेमी0) टुकड़े पराली श्रेडर मशीन से किये जाते हैं.
  3. पराली के टुकड़े हो जाने के बाद पराली वेस्ट को साफ पानी धोया जाता है, इस प्रक्रिया को करने के लिए मैनुअल अथवा washing machine दोनों की सहायता से किया जा सकता है.
  4. इसके बाद पराली पल्प अथवा पराली की लुग्दी तैयार करने की बारी आती है. पल्प बनाने के लिए एक गहरे बाउल जैसे पात्र को आवश्यकता होती है. जिसमें 60% साफ पानी, 30% पराली वेस्ट और 10 से 12% कास्टिक सोडा (NaOH) की जरूरत होती है.
  5. उपरोक्त बताई गई मात्रा के अनुसार सामग्री को लेकर बाउल में भर दिया जाता है और मध्यम आंच में पकाया जाता है, पराली का पल्प बनने में लगभग 30 मिनट से लेकर 60 मिनट लग सकते हैं.

बड़े स्तर पर पल्प तैयार करने की प्रक्रिया (At industrial scale)-

बड़े स्तर पर अथवा औधोगिक स्तर पर पराली का पल्प बनाने की प्रकिया को मैनुअल, सेमी-ऑटोमेटिक अथवा फुली-ऑटोमेटिक मशीनों द्वारा किया जाता है.

  1. खेत-खलिहान से plant पर आने के बाद सबसे पहले रॉ पराली के छोटे-छोटे (01 से डेढ़ सेमी0) टुकड़े पराली श्रेडर मशीन से किये जाते हैं.
  2. इसके बाद पराली में लगी अतिरिक्त/अनचाही गंदगी (मिट्टी व धूल) आदि की सफाई करने के उद्देश्य से धुला व फ़िल्टर किया जाता है.
  3. इसके बाद साफ हो चुकी पराली को पल्प मेकिंग मिल में भर दिया जाता है. यह पल्प मेकिंग मिल पराली का पल्प/लुग्दी/घोल तैयार कर देती है. जिससे वांछित उत्पाद का निर्माण आसानी से किया जा सकता है.

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पल्प से उत्पाद बनाने की प्रकिया (Process of Making Products from Ready Pulp)-

पराली का पल्प तैयार हो जाने के बाद अब बारी आती है वांछित उत्पाद जैसे कागज़ व डिस्पोजेबल बर्तन अथवा पराली से प्लेट तैयार करने की. पल्प से उत्पाद बनाने की प्रक्रिया को — चरणों में किया जाता है-

मैनुअल तरीके द्वारा तैयार पल्प से उत्पाद बनाने की प्रक्रिया (At Manual Level)-

  1. मैनुअल तरीके से  तैयार पल्प को एक फैलावदार पात्र में निकाल कर कुछ समय के लिए गुनगुना होने तक छोड़ दिया जाता है.
  2. इसके बाद वांछित उत्पाद की डाई/सांचा लेकर पल्प को सांचे में भर कर कठोर दाब की मदद से पल्प का निर्जलीकरण कर वांछित उत्पाद के आकार में ढाल दिया जाता है. प्रति उत्पाद बनाने की प्रक्रिया में लगभग 05 से 10 मिनट तक लग सकते हैं.
  3. आकार में ढल जाने के बाद ढले हुए वांछित उत्पाद को सूखने के लिए खुली हवा में 24 से 48 घंटो के लिए छोड़ दिया जाता है. सूख जाने के बाद तैयार उत्पाद उपयोग में लिए जाने को तैयार हो जाता है.

मशीन द्वारा पल्प से उत्पाद बनाने की प्रक्रिया (At industrial Level)-

  1. पल्प मेकिंग मिल द्वारा तैयार किये गए पल्प को एक पल्प चूसक (pulp sucker) मशीन की मदद से product making molding chamber में पहुचाया जाता है. इस product making molding chamber में 03 चरण होते है. जहां step by step वांछित उत्पाद का निर्माण किया जाता है.
  2. पहले step में पल्प से वांछित उत्पाद का ढांचा तैयार किया जाता है. यहां ढांचा तैयार करने के लिए product dye bail press machine को उपयोग में लिया जाता है.
  3. दूसरे step में तैयार ढांचे को गर्म करके अतिरिक्त जल का आसवन कर ढांचे को सुखाकर ठोस-मजबूत बनाया जाता है.
  4. तीसरे step में वांछित उत्पाद के ठोस-मजबूत हो जाने के बाद की कटिंग कर फिनिशिंग कर तैयार किया जाता है. इन तीनों चरणों की प्रकिया को करने में मात्र 10 से 12 मिनट ही लगते है.
  5. इसके बाद तैयार उत्पाद की पैकिंग कर बाजार में बिक्री के लिए भेजा जा सकता है.

वेस्ट रीसायकल उत्पादों की बाजार में मांग (Recycle Products Market Demand)-

सरकार द्वारा जब से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध लगाया गया है तो वेस्ट रीसायकल व्यवसाय में कई संभावनाएं पनपना शुरू हो गई हैं. अमूमन सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पाद बैन होने से पहले शादी, पार्टियों, उत्सवों, आयोजनों एवं त्योहारों में ऐसे डिस्पोजल बर्तनों को उपयोग में लिया जाता था, जो प्लास्टिक से बने होते थे.  

लेकिन जब से प्लास्टिक से बने सिंगल यूज उत्पादों पर प्रतिबंध लगा, तो बाजार में इन उत्पादों की विशेष कमी आ गई, बाजार में आई इस विशेष कमी की भरपाई मात्र बायोडिग्रीडेबल उत्पादों से ही की जा सकती है, क्योंकि बायोडिग्रीडेबल उत्पाद निर्धारित समय के बाद स्वत: ही de-compost होकर भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ाने का काम करते हैं.

चूंकि बायोडिग्रीडेबल उत्पाद अधिकतर सिगल यूज ही होते हैं, इस कारण जैविक कचरे को रीसायकल कर तैयार किये गए उत्पादों की मांग हमेशा बनी रहती है और भविष्य में भी यूं ही बनी ही रहेगी. व्यवसायिक दृष्टी से इन सभी तथ्यों का आंकलन करने पर “आर्गेनिक वेस्ट रीसायकल व्यवसाय बहुत ही तगड़े लाभ” को इंगित करता है.

पराली वेस्ट रीसायकल व्यवसाय की लागत (Business Cost)-

पराली वेस्ट को रीसायकल कर बायोडिग्रीडेबल उत्पाद निर्माण व्यवसाय/उद्यम स्थापित करने के लिए लागत व्यवसाय के कार्यक्षमता के अनुसार अलग-अलग होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि वेस्ट को रीसायकल कर उत्पाद बनाने की मशीने 03 तरह के वेरियंट में और अलग-अलग कार्यक्षमता की आती हैं-

  1. मैनुअल मशीन
  2. सेमी-ऑटोमेटिक मशीन
  3. फुली-ऑटोमेटिक मशीन

मोटे तौर पर पराली वेस्ट रीसायकल से उत्पाद निर्माण व्यवसाय लघु उद्योग स्तर पर स्थापित करने के लिए मैन्युअल मशीन, ऑटोमेटिक मशीन व रॉ पराली आदि को सम्मलित करते हुए 08 लाख से 03 करोड़ रूपये की लागत या इससे ऊपर भी जा सकती है. व्यवसाय की यह लागत प्लांट की कार्यक्षमता व उत्पाद निर्माण के अनुरूप परिवर्तित हो सकती है.

पराली वेस्ट रीसायकल व्यवसाय में मुनाफा (Business Profit)-

अब बात करते हैं पराली वेस्ट रीसायकल व्यवसाय से होने वाले मुनाफे की. सामान्य तौर पर Parali waste recycle business में रॉ मटेरियल/कच्चा माल गुणवत्ता के आधार पर 250 से 300 रुपए प्रति टन की दर से खरीदा जाता है. जिसे मशीनों द्वारा Recycle Process से गुजार कर अलग-अलग उत्पाद (डिस्पोजेबल बर्तन) तैयार किये जाते हैं.

इन तैयार किये गए उत्पादों को मांग के अनुसार होलसेल व खुदरा (Retail) बाजार में आसानी बेचा/विक्रय किया जाता है. जहां मुनाफा निर्मित अलग-अलग उत्पाद की दर से कमाया अथवा लिया जाता है.

मोटे तौर पर तैयार 10 लाख रुपए के उत्पाद/माल की बिक्री पर (सभी कटौतियों- कर्मचारी वेतन, बिजली बिल व रॉ मटेरियल आदि को निपटाकर) लगभग 80 हजार से 03 लाख रुपए का मुनाफा प्रति माह लिया जा सकता है. यह मुनाफा आपके व्यवसाय के स्तर व निर्मित उत्पाद चयन के आधार पर बढ़ अथवा घट सकता है.

FAQ.

पल्प बनाने की मशीन की कीमत क्या है?

पल्प बनाने की मशीन की कीमत 03 लाख रूपये प्रति इकाई से शुरू हो जाती है.

पराली में कितने घटक पाए जाते हैं?

धान की पराली में पाए जाने वाले घटक
1. नमी (moisture) – 10.6%
2. लिग्निन (Lignin) – 18.3%
3. होलोसेल्यूलोज (holocellulose) – 68.5%
4. पेंटोसन (pentosan) – 21%
5. ऐश (Ash) – 14.2%
6. SiO2 – 12.2%

लुगदी मोल्डिंग मशीन/पल्प से दोना पत्तल बनाने की मशीन कितने की आती है?

लुगदी मोल्डिंग मशीन/पल्प से दोना पत्तल बनाने की मशीन (Pulp Molding Machinery) की कीमत 03 लाख रूपये प्रति इकाई से शुरू हो जाती है.

पराली से ब्रिकेट बनाने की मशीन की कीमत क्या है?

पराली से ब्रिकेट (Biomass Briquet Press) बनाने की मशीन की कीमत 90 हजार रूपये प्रति इकाई से शुरू हो जाती है.

क्या पराली से CNG गैस का निर्माण किया जा सकता है?

जी हां! यह पूरी तरह से संभव है, पराली को प्रोसेस करने पर जैविक स्लरी, हाइड्रोजन, मीथेन आदि ज्वलनशील गैसों का निर्माण किया जा सकता है.

अंत में-

हमारा उद्देश्य उन इच्छुक उम्मीदवारों, व्यवसायियों, व्यापारियों और कारोबारियों को बेहतर से बेहतर जानकारी प्रदान करना है, जो वेस्ट रीसायकल व्यवसाय को करने के इच्छुक हैं और इस व्यवसाय में अपना भविष्य में देख रहे हैं.

नोट- किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले बाजार/मार्केट रिसर्च एवं खपत का आंकलन अनिवार्य रूप से अवश्य करें. ऐसा करने से आपको व्यवसाय में आने वाले जोखिम और दिक्कतों का सामना करने में आसानी हो जाएगी और बाजार डिमांड के अनुरूप आप अपने products का निर्माण भी अच्छे से कर पाएंगे.

आशा है आपको इस लेख ‘पराली वेस्ट रीसायकल व्यवसाय से उत्पाद निर्माण व्यवसाय कैसे शुरू करें’ से कृषि अपशिष्ट/कचरे का समुचित निपटान (Parali waste management business) व्यवसाय, व्यापार व कारोबार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ छूट गया हो या कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें.

पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों, social media और जरूरतमंद लोगो के साथ share करना न भूलें. आपका एक share किसी को उसकी भविष्य की दिशा दिखा सकता है. अभी तक के लिए इतना ही-

शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल व्यापारिक भविष्य के लिए

धन्यवाद!

जय हिंद! जय भारत !

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