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छोटे निवेश से शुरू करें मिट्टी उत्पाद व्यवसाय | Pottery Business in hindi

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यदि आप एक ऐसे innovative business idea की खोज में हैं जिसे कम लागत में आसानी से कहीं भी (अपने घर से भी) शुरू किया जा सकता है तो आप सही जगह पर आ चुके हैं. मिट्टी उत्पाद व्यवसाय! मतलब मिट्टी से बनने वाले उत्पाद.

जिसे pottery business या कुम्हार कारीगरी (कुम्हारगीरी) व्यवसाय भी कहा जाता है. यह एक ऐसा व्यवसाय है जो सदियों से फलता-फूलता आया है और आज भी इस व्यवसाय में अच्छे मुनाफे की सम्भावना हमेशा ही बनी रहती है.

पारंपरिक तरीके से मिट्टी के बर्तन बनाना निश्चित रूप से सबसे अच्छे शौक में से एक है और इसे आप व्यवसाय में भी आसानी से बदल सकते हैं। हालाँकि पारंपरिक तरीके में मिट्टी के उत्पाद तैयार करने के लिए समय और धैर्य रखना जरूरी होता है. 

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मिट्टी उत्पाद व्यवसाय (Pottery Products Making Business)

लेकिन बदलते परिवेश और मिट्टी आधरित उत्पादों की मार्केट डिमांड के कारण आज बाजार में कई तरह के मिट्टी के डिजाइनर उत्पाद आसानी से देखने को मिलते है, जो अधिकतर पारंपरिक उत्पादों की तुलना में महंगे होते भी है, और इन डिजाइनर उत्पादों को तैयार करने में समय व खर्च की लागत भी कम होती है, जो एक अच्छे मुनाफे/लाभ को इंगित करता है. 

इन सब तथ्यों का यदि बारीकी से आंकलन व अध्ययन किया जाए तो आप पाएंगे कि मिट्टी आधारित उत्पादों के निर्माण का व्यवसाय एक सफल व्यवसायों में अंकित दिखाई पड़ेगा और आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ मिट्टी उत्पाद व्यवसाय (मिट्टी से बने उत्पादों) की विस्तृत जानकारी (Pottery business plan) साझा करने जा रहे हैं. 

यदि आप मिट्टी से बने उत्पादों का व्यवसाय करने के इच्छुक हैं या जानकारी पाना चाहते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी. चलिए शुरू करते हैं- सबसे पहले जानते हैं कि मिट्टी उत्पाद व्यवसाय स्थापित करने के लिए कितने स्थान की आवश्यकता होती है और कहां से शुरू किया जा सकता है?  

Table of Content

Pottery Business के लिए आवश्यक स्थान (Required Place)-

किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के लिए एक निश्चित स्थान की जरूरत होती ही है. यदि आप मिट्टी से बने उत्पादों का व्यवसाय करने के इच्छुक हैं तो आपको छोटे स्तर पर कम से कम 800 sqft और वही यदि आप…

Pottery Products Making Business को बड़े स्तर पर करना चाहते हैं तो कम से कम 5000 sqft स्थान की आवश्यकता होगी. चयनित स्थान पूरी तरह से बारिस व प्रदूषण से ढका (Covered) या संरक्षित होना जरूरी है.

साथ ही प्लांट में मशीनों के स्थान ऐसे निर्धारित किए गए हों जिससे कर्मचारियों/निर्माणकर्ता को काम करने एवं कच्चा व तैयार माल सुरक्षित रखने में असुविधा न हो। इस स्थान पर बिजली आदि की उचित व्यवस्था का होना अनिवार्य है.

सुझाव- 

आपको मिट्टी से बने उत्पादों का व्यवसाय शुरू करने के लिए ऐसे स्थान का चुनाव करना चाहिए, जहां से रॉ मटेरियल/कच्चा माल आसानी से मिल सकता हो. साथ ही आपके प्लांट स्थान पर transportation संबंधी आवागमन (क्रय-विक्रय आदि) की उचित व्यवस्था होनी आवश्यक है. यह स्थान व्यवसायिक क्षेत्रों के अंतर्गत आता है तो सबसे उत्तम है।

बिजली व पानी की आवश्यकता (Require water & electricity for pottery business)-

Pottery business/व्यवसाय में मशीनों आदि के सुगम संचालन के लिए कम से कम 02 से 05 किलोवॉट क्षमता के बिजली कनेक्शन की अवश्यकता होती है. मशीनों की यह क्षमता व्यवसाय के कार्य क्षमता के आधार पर भी सुनिश्चित की जा सकती है.

इसके साथ ही pottery business में साफ पानी का विशेष महत्व होता है, इसलिए आपके चयनित स्थान पर पानी आदि की विशेष व्यवस्था का होना आवश्यक है.

प्रशिक्षण कहां से ले सकते हैं (Training)-

लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कई स्कीमें और योजनाएं शुरू की है. भारत सरकार की कौशल विकास योजना एवं ग्रामोद्योग के माध्यम से इच्छुक एवं उभरते हुए कारोबारियों/व्यवसायियों के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण भी आयोजित किया जाता रहता है.

यदि आप मिट्टी से बने उत्पादों के निर्माण और क्राफ्टिंग संबंधी पूर्ण जानकारी लेना चाहते है, तो प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभाग कर प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से जरूर लें. यह आपके व्यवसाय की नीव का काम करता है.

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मशीनरी एवं टूल्स (Required Machinery & Tools)-

शुरू करने के लिए हमें …. मशीनों व टूल्स की जरूरत होती है, ये मशीनें व टूल्स है-

  1. फ़िल्टर मशीन
  2. मिट्टी मिक्सर मशीन
  3. Clay Dia Making Machine-मोल्डर मशीन
  4. Pottery Wheel- इलेक्ट्रिक चाक
  5. Clay Pottery Sculpting Tools 
  6. प्राकृतिक रंग

डाई का चुनाव (Selection of Die)-

पॉटरी उत्पाद निर्माण के कारोबार में विविधता की सबसे अहम भूमिका होती है. प्रत्येक उत्पाद का निर्माण, एक-दूसरे से भिन्न आकार व उपयोग के आधार पर किया जाता है. इन भिन्न-भिन्न उत्पादों के निर्माण के लिए अलग-अलग तरह की डाई का चुनाव किया जाता है, और यह डाई बाजार में आसानी से मिल भी जाती है. ये डाई हैं-

  1. मिट्टी दिया (दीपक) डाई
  2. मिट्टी कुल्हड़ डाई
  3. मिट्टी मूर्ती डाई
  4. मिट्टी खिलौना डाई आदि

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मशीनरी कहां से खरीदें (where to buy)-

उपरोक्त मशीनरी व डाई को आप अपने लोकल मार्केट से ले सकते हैं यदि लोकल बाजार में यह मशीने नहीं मिल पा रही हैं तो इस आप ऑनलाइन भी नीचे दी गई वेबसाइटस से खरीद सकते हैं-

  1. www.indiamart.com
  2. www.tradeindia.com
  3. www.alibaba.com 
  4. या फिर आप जिसे जानते हैं वहाँ से ऑर्डर दे सकते हैं।
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मिट्टी से बनने वाले उत्पाद (Products who make in Pottery)-

मौजूदा बाजार में मिट्टी से बने कई तरह के उत्पाद आसानी से देखने को मिलते हैं, प्रत्येक उत्पाद का निर्माण, एक-दूसरे से भिन्न आकार व उपयोग के आधार पर किया जाता है. जैसे- 

  1. दीये (दीपक), 
  2. कुल्हड़, 
  3. किचन के बर्तन, 
  4. छोटे आकार की मूर्तियाँ
  5. गमले, तंदूर, नांद व
  6. मिट्टी से बने खिलौने आदि. 

Pottery Business का पंजीकरण-

कोई भी व्यवसाय अथवा कारोबार शुरू करने से पहले एक उद्यमी को अपने व्यवसाय की कम्पनी/फर्म का पंजीकरण कराना अनिवार्य है, क्योंकि किसी भी व्यापार को शुरू करने के लिए पहला मानक पंजीकरण/रजिस्ट्रेशन लेना होता है. मिट्टी उत्पाद (हस्तशिल्प) निर्माण व्यवसाय को शुरू करने के लिए उद्यमी को अपनी फर्म का पंजीकरण करना अनिवार्य है। इसके बाद… 

मिट्टी आधारित उत्पाद निर्माण करने वाले व्यवसाय/कारोबार को शुरू करने के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए मानक प्रमाण पत्रों से पंजीकृत कराना होता है। यह पंजीकरण हैं-

  1. MSME Registration
  2. GST No.
  3. Trade व Trademark लाइसेंस लेना होता है, यदि इच्छुक उद्यमी अपने ब्रांड को बाजार में कायम करना चाहता है.

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कच्चा माल (Raw Material)-

मिट्टी आधारित उत्पाद बनाने के लिए 02 ही रॉ मटेरियल की आवश्यकता होती है और वह है मिट्टी और साफ पानी. अमूमन मिट्टी आधारित उत्पाद बनाने के लिए साफ पानी और चिकनी मिट्टी का उपयोग किया जाता है,

क्योंकि चिकनी मिट्टी को किसी भी आकार में ढालना अन्य मिट्टियों की अपेक्षा आसान होता है और चिकनी मिट्टी से बने कच्चे उत्पाद जल्द सूखकर ठोस भी हो जाते हैं, साथ ही चिकनी मिट्टी में अपनी अलग चमक भी होती है.

तो अब प्रश्न उठता है कि चिकनी मिट्टी को कहां से आसानी से हांसिल किया जा सकता है? चिकनी मिट्टी अमूमन नदियों, पुराने तालाबों, पोखरों के अलावा खेतों से भी आसानी से प्राप्त/हांसिल किया जा सकता है. 

यूं तो चिकनी मिट्टी के अलावा किसी भी मिट्टी का चुनाव कर मिट्टी से बने उत्पादों का निर्माण किया जा सकता है लेकिन अन्य मिट्टी से बने उत्पादों की गुणवत्ता और फिनिशिंग अच्छी नहीं आती है, जिससे उत्पाद बिक्री प्रभावित होती है. आप चाहे तो अन्य मिट्टियों से उत्पाद निर्माण परिक्षण (test) कर सकते है.

इसके अलावा मौजूदा बाजार में एक और प्रकार की मिटटी का प्रचलन बड़ी मात्रा में देखने को मिलता है वह है “मुल्तानी मिट्टी”. जी हाँ! मुल्तानी मिट्टी का उपयोग शरीर के सौन्दरी करण के लिए किया जाता है.

मुल्तानी मिट्टी के नुकसान क्या हो सकते हैं?

मुल्तानी मिट्टी को लगभग हर प्रकार की त्वचा के लिए सामान्यतः सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ लोगों (जो केमिकल से बने उत्पादों का अधिक उपयोग करते हैं) को इससे नुकसान हो सकता है, खासकर अगर वे मुल्तानी मिट्टी को सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते हैं-

त्वचा की ड्राईनेस: मुल्तानी मिट्टी त्वचा के मॉइस्चर बैलेंस को कम कर सकती है, और ऐसे लोगों के लिए नुकसानजनक हो सकती है जिनकी त्वचा पहले से ही बहुत सूखी हो।

त्वचा में खुजली और चिपचिपाहट: कुछ लोगों को मुल्तानी मिट्टी का प्रयोग करने से त्वचा में खुजली और चिपचिपाहट जैसी समस्या देखने को मिल सकती है।

त्वचा के रंग का बदलाव: कुछ लोगों को मुल्तानी मिट्टी का प्रयोग करने से उनकी त्वचा का रंग धुन्धला हो सकता है या त्वचा के रंग में बदलाव आ सकता है या फिर जलन/लालिमा की समस्या भी हो सकती है, यह एलर्जी का भी लक्षण हो सकता है।

इसलिए, यदि आप मुल्तानी मिट्टी का उपयोग करना चाहते/चाहती हैं, तो सबसे पहले एक प्रोफेशनल डर्मैटोलॉजिस्ट/स्किन एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें और उनके द्वारा सुझाए गए सुझावों का पालन करें। इसके अलावा, पहली बार इस्तेमाल करने से पहले अपनी त्वचा के एक छोटे भाग पर छोटी सी जांच करें ताकि आप इसकी संवेदनशीलता को परख सकें।

उत्पाद तैयार करने की विधि (Product Making Process)-

इस पोस्ट में हम आपके साथ मिट्टी से बनाए जाने वाले डिजाइनर दीयों की प्रक्रिया बताने जा रहे हैं, इसे समझकर आप मिट्टी के अन्य उत्पादों का निर्माण भी कर सकते हैं. मिट्टी के दीया व अगरबत्ती स्टैंड बनाना …. चरणों में किया जाता है-

प्रथम चरण-

  • सबसे पहले चयनित स्थान से प्राप्त मिट्टी को कार्य स्थल पर लाने के बाद मिट्टी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर चूर्ण में परिवर्तित करना होता है.
  • इसके बाद प्राप्त पाउडर को फ़िल्टर मशीन या छन्नी से छानकर मिट्टी में मौजूद कंकड़-पत्थर को अलग करना होता है. 

दूसरा चरण-

  • फिल्ट्रेशन प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद फिल्टर मिट्टी को मिट्टी मिक्सर मशीन में डालना/भरना होता है, इसके बाद इस मशीन में मिट्टी को भुर-भुरी (हल्की नम) बनाने के लिए थोड़ी सी मात्रा में पानी मिलाया जाता है और मशीन में मिक्स किया जाता है. (मिक्सिंग की यह प्रक्रिया छोटे स्तर पर हांथो से भी आसानी से की जा सकती है.)

नोट- भुर-भुरी (हल्की नम) मिट्टी की पहचान यह है कि इस मिट्टी के हाथों से आसानी से लड्डू बनने चाहिए और मिट्टी हाथों में चिपकनी नहीं चाहिए.

तीसरा चरण-

  • भुर-भुरी (हल्की नम) मिट्टी तैयार हो जाने के बाद इसे मिक्सर मशीन से निकाल लिया जाता है.
  • इसके बाद Clay Dia Making Machine (मोल्डर मशीन) में वांछित उत्पाद की डाई सांचा लगाकर तैयार किया जाता है.
  • मोल्डिंग मशीन के तैयार हो जाने के बाद भुर-भुरी (हल्की नम) मिट्टी को मशीन के सांचे में भर दिया जाता है और डाई के सिलेंडर को दबाया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया मैनुअल तरीके से लगभग 30 से 50 सेकेंड में पूर्ण की जाती है. 
  • प्रक्रिया के समाप्त होते ही वांछित उत्पाद (दीया) बनकर तैयार हो जाता है, पर तैयार उत्पाद अभी कच्चा है यदि इससे ज्यादा छेड़छाड़ की जाए तो इसके आकार में विकृति आ सकती है. 
  • अत: तैयार कच्चा उत्पाद को सूखने या सूखाने के लिए हल्की धूप या छायादार स्थान पर कम से कम 24 से 48 घंटो के लिए एक सुरक्षित स्थान पर रख दिया जाता है.

चौथा चरण-

  • कच्चे उत्पाद के सूख जाने के बाद अंतिम चरण में एक भट्टी के माध्यम से इन कच्चे उत्पादों को पकाने का काम किया जाता है. पारंपरिक भट्टी (सामान्य भाषा में- आंवा) में उत्पाद/बर्तनों को पकाने के लिए ईंधन (पैरा, पराली व घास-पूस) इस प्रकार निर्धारित किया जाता है, जिससे प्रत्येक उत्पाद/बर्तन तक समान मात्रा में गर्मी पहुंचे और सभी उत्पाद एक समान पककर तैयार हो सके.
  • पारम्परिक भट्टी में उत्पाद/बर्तनों को पकाने के लिए रात्रि का समय अनुकूल माना जाता है. मिट्टी से बने उत्पाद/बर्तन पकाने की प्रक्रिया लगभग 6 से 8 घंटो तक लम्बी होती है, इसलिए उत्पाद/बर्तनों को पकाने के लिए धीमी आंच को निर्धारित करना आवश्यक है. .
  • भट्टी में उत्पाद/बर्तनों के पक जाने के बाद तैयार उत्पादों को भट्टी से निकालकर 06 से 08 घंटो तक खुली हवा में छोड़ना होता है, जहां ये उत्पाद/बर्तन अपने आप ठन्डे होने के साथ-साथ कठोर व मजबूत हो जाते हैं. 
  • इसके बाद तैयार उत्पाद में अच्छे माल की छटाई की जाती है और अनुकूल उत्पादों को आगे सीधे बिक्री के लिए या उत्पादों पर प्राकृतिक रंगों से रंगाई कर सिंगल अथवा bulk पैकिंग के लिए भेज दिया जाता है. 

सुझाव (Suggestion)-

यदि आप मिट्टी से उत्पाद बनाने का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो मेरे सुझाव से आप कुल्हड़ और दीयों से ही शुरूआत करें क्योंकि ये दोनों ऐसे उत्पाद हैं जिनकी डिमांड मार्केट में हमेशा बनी रहती है, असल में कुल्हड़ और दीयों में आप जितनी अधिक विविधता दे पाएंगे परिणाम में आपके उत्पाद की बिक्री की सम्भावना उतनी ही अधिक होती है क्योंकि मिट्टी के व्यवसाय में विविधता की अहम् भूमिका होती है. 

इसके अलावा जब आपका कारोबार थोड़ा विकसित हो जाए तो आप मिट्टी से बने बर्तनों का उत्पादन भी आसानी से शुरू कर सकते हैं. जहां आपको Pottery Wheel (इलेक्ट्रिक चाक) की आवश्यकता जरूरी हो जाएगी.

तैयार उत्पाद की पैकिंग (Product Packaging)-

एक आकर्षक और सुन्दर पैकिंग किसी भी ग्राहक/उपभोक्ता अपनी ओर आकर्षित कर सकती है और उस पर यदि आपका उत्पाद उच्च गुणवत्ता का है तो जल्द ही मार्केट/बाज़ार में छा भी सकता है. किसी भी Product की पैकिंग उसके ब्रांड वैल्यू को बनाने और बढ़ाने का काम करती है.

पैकिंग की डिजाइन के लिए किसी जानकार ग्राफिक्स डिजाइनर की सहायता जरूर लें। साथ ही उत्पाद बनाने में उपयोग किए गए घटकों व उत्पाद की उपयोगिता का उल्लेख करने के साथ सकारात्मक कोटेशन आदि उत्पाद की पैकेजिंग पर अनिवार्य रूप से छपवाएँ.

पैकिंग छपवाने के लिए आप सबसे पहले अपने क्षेत्रीय प्रिंटर्स/मुद्रक से संपर्क करें, यदि आपके क्षेत्र में प्रिंटिंग आदि का काम नहीं होता है तो पैकिंग बनवाने के लिए आप इंटरनेट पर मौजूद वेबसाइटो की मदद ले सकते/सकती है. अमूमन मौजूदा बाजार में मिट्टी से बने उत्पादों की दो तरह की पैकिंग दिखाई देती है-

  1. सेपरेट सिंगल पैकिंग (बेहतर फिनिश)
  2. दर्जन के हिसाब से पैकिंग (bulk फिनिश)

आप दोनों में से किसी भी पैकिंग का इस्तेमाल अपनी सुविधा व इच्छानुसार कर सकते हैं।

मैनपावर की आवश्यकता (required manpower in pottery business)-

छोटे स्तर पर मिट्टी आधारित उत्पाद निर्माण कारोबार शुरू करने के लिए इच्छुक उद्यमी को कम से कम 04 से 10 कर्मियों (मैनपावर या लेबर) की जरूरत होती है, वही बड़े स्तर पर मैनपावरों की संख्या 25 से लेकर 40 तक हो सकती है. ये मैनपावर/कर्मचारी मार्केटर/सेल्समैन, क्राफ्टर (उत्पाद निर्माणकर्ता) लेबर और सफाई कर्मी आदि हो सकते हैं.

उत्पाद की मार्केटिंग (Product Marketing)-

मिट्टी से बने उत्पादों से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए इच्छुक उद्यमी को अपने उत्पाद (product) की अच्छी मार्केटिंग भी करनी जरूरी है क्योंकि जब किसी भी उत्पाद की मार्केटिंग की जाती है तो मार्केटिंग के जरिये उत्पाद की ब्रांडिंग की जाती है और लोग आपके उत्पाद से रूबरू होने लगते हैं जिससे उत्पाद की मांग व खपत बढ़ने की सम्भावना बढ़ जाती है.

प्रतिस्पर्धी को पहचानना (Identify Your Competitor)-

जब आप अपने उत्पाद को बाजार/मार्केट में उतारेंगे तो बाज़ार में आपको पहले से ही आपके उत्पाद के प्रतिस्पर्धी मिलेंगे। हो सकता है कि यह आपको कभी कभी हतोत्साहित कर सकता है लेकिन इससे घबराने की बात नहीं है आपको अपने प्रतिस्पर्धी को चुनना होगा और अपने उत्पाद को बेहतर से बेहतरीन बनाना होगा।

जब आप अपने प्रतिस्पर्धी को चुन या पहचान लेते हैं तो आपको एक मकसद मिल जाता है और आप अपने मकसद को पूरा करने के लिए पूरी तन्मयता से लग जाते हैं। एक सफल व्यापारी का यही लक्षण होता है कि वह अपने मकसद, अपने लक्ष्य को समर्पित होता है।

मूल्य निर्धारण (Pricing)-

मिट्टी आधरित उत्पादों को बाजार में बिक्री करने के लिए सबसे अहम भूमिका निभाता है उसका मूल्य। और यह बात सार्वभौम सत्य है क्योंकि आज खासकर कोरोना-काल के बाद लगभग कई देशों में मंहगाई बढ़ चुकी है जिसका काफी हद तक असर हमारे देश भारत पर भी पड़ा है। 

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इसलिए बाजार को देखते हुए आप अपने निर्मित उत्पाद का मूल्य बाजार में मौजूद अन्य उत्पादों की अपेक्षा कुछ कम ही रखें लेकिन उत्पाद की गुणवत्ता से कोई समझौता न करें, बेहतरीन गुणवत्ता के कारण आपका निर्मित उत्पाद धीरे-धीरे मार्केट/बाजार में प्रसिद्ध होने लगेगा और जिससे आप अपने कारोबार को छोटे से बड़े स्तर पर विस्तारित कर सकते हैं। कम मूल्य पर उत्पाद बेचने की शुरुवात आपको अपने लोकल मार्केट से ही करनी चाहिए।

बेचने की शुरूआत कहां से करें (Where to start product selling)-

शुरूआती स्तर पर मिट्टी से बने उत्पादों की बिक्री के लिए … संभावित स्थान हो सकते हैं-

  1. उद्यमी स्वयं द्वारा बाजार में बिक्री करे,
  2. उद्यमी उन कारोबारियों से संपर्क करें, जो उसके उत्पाद में निवेश करते हों, 
  3. उद्यमी ऑनलाइन e-commerce (B2B अथवा B2C) स्टोर जैसे- flipkart या amazon या फिर अपनी स्वयं की वेबसाइट से भी बिक्री कर सकता है. अपनी स्वयं की वेबसाइट बनाने अथवा बनवाने में लगभग 10 से 25,000 रूपए सालाना खर्च आ सकता है.

सुझाव (Suggestion)-

शुरूआती स्तर पर आप उन कारोबारियों से संपर्क करें, जो आपके उत्पाद में निवेश करते हों, इससे आपके माल की खपत की सम्भावना बढ़ जाती है और आपको माल बेचने के लिए ज्यादा भटकना भी नहीं पड़ता.

व्यवसाय पर लागत (Costing in pottery business)-

यदि आप मिट्टी से बने उत्पादों का व्यवसायशुरू करना चाहते हैं तो छोटे स्तर पर कम से कम 80,000 से 01 लाख रूपए (GST अलग से) का निवेश करना पड़ेगा.

वहीं यदि आप इस कारोबार को बड़े स्तर पर शुरू करने के इच्छुक हैं तो इस व्यवसाय में आपको कम से कम 05 लाख रूपए (GST अलग से) लागत धनराशी निवेश करने की आवश्यकता होगी. यह निवेश मशीनों, स्थान चुनाव, कच्चे माल की क्रय दर के अलावा मैनपावर के चयन पर घट अथवा बढ़ भी सकता है।

व्यवसाय के लिए लोन (Loan for Pottery Business)-

लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने मेक इन इण्डिया के तहत प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP), कौशल विकास योजना आदि के माध्यम आपको आसानी से ऋण/लोन मिल सकता है. इसके लिए आपको अपनी कंपनी या फर्म के पंजीकरण संख्या से सरकारी योजनाओं के तहत आवेदन करना होगा.

सरकारी योजनाओं के तहत लघु उद्योग हेतु ऋण/लोन लेने के लिए आप अपने क्षेत्रीय सरकारी बैंक की शाखा से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

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व्यवसाय में मुनाफा (Profits in Pottery Business)-

मुनाफा या लाभ शब्द मौलिक तौर पर एक ऐसा शब्द है जो हर किसी को एक नई प्रेरणा देता है. मिट्टी उत्पाद विनिर्माण कारोबार में मुनाफे की कोई सीमा तय नहीं है, हस्तशिल्प निर्माण जैसे बिजनेस में मुनाफा पूरी तरह से मार्केटिंग और उपयोग डिमांड पर निर्भर करता है, 

मिट्टी से बने डिजाइनर कुल्हड़ और किचन के बर्तन जैसे उत्पाद जिनके दैनिक उपयोग में बढोत्तरी हो रही है, साथ ही डिजाइनर दिये जिनकी डिमान्ड धार्मिक पर्व दीपावली के दौरान बहुत बढ जाती है. 

मिट्टी से बने छोटे से लेकर प्रत्येक बड़े उत्पाद बनाने में लगभग प्रति पीस 01 रुपये से लेकर 12 रुपये तक लागत लगती है, जिसे होलसेल बाजार में 05 रुपये से लेकर 40 रुपये तक प्रति पीस आसानी से बेचा जाता है,

वही यदि खुदरा बाजार की बात की जाए तो खुदरा बाजार में प्रति पीस 10 रुपए से लेकर 90 रुपए तक आसानी से बेचा जाता है. मिट्टी के व्यवसाय में मुनाफा उत्पाद के आकार और उत्पाद की सुन्दरता (आकर्षण) पर भी निर्भर करता है. 

FAQ.

ऑनलाइन मिट्टी का बर्तन बचने के लिए G S T की आवश्यकता होती है?

जी हां! व्यवसायिक तौर पर मिटटी के बर्तन या किसी भी उत्पाद को बेचने अथवा व्यापार करने के लिए GST No लेना जरूरी है.

मिट्टी के बर्तन बनाने में किस तरह की मिटटी का उपयोग किया जाता है?

मिटटी के बर्तन या मिट्टी के उत्पाद का निर्माण करने के लिए अमूमन चिकनी मिटटी को उपयोग में लिया जाता है. जिसे पोखरों व नदियों से प्राप्त किया जाता है.

क्या मिट्टी के बर्तन बनाने में बालू मिट्टी का प्रयोग होता है?

यह निर्भर करता है कि किस मिट्टी के बर्तन का निर्माण किया जा रहा है. बालू का उपयोग करना अनिवार्यता नहीं है.

अंत में-

हमारा उद्देश्य उन इच्छुक उम्मीदवारों, व्यवसायियों, व्यापारियों और कारोबारियों को बेहतर से बेहतर जानकारी प्रदान करना है, जो मिट्टी उत्पाद व्यवसायको करने के इच्छुक हैं और इस व्यवसाय में अपना भविष्य में देख रहे हैं.

नोट- किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले बाजार/मार्केट रिसर्च एवं खपत का आंकलन अनिवार्य रूप से अवश्य करें. ऐसा करने से आपको व्यवसाय में आने वाले जोखिम और दिक्कतों का सामना करने में आसानी हो जाएगी और बाजार में डिमांड के अनुरूप आप अपने products का निर्माण भी अच्छे से कर पाएंगे.

आशा है आपको इस लेख मिट्टी उत्पाद व्यवसाय कैसे शुरू करें से मिट्टी उत्पाद व pottery business/व्यवसाय, व्यापार व कारोबार के बारे में पूरी जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ छूट गया हो या कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें. तब तक के लिए-

“शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल व्यापारिक भविष्य के लिए”

धन्यवाद!

जय हिंद! जय भारत!

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