सोलर पैनल बिजनेस की शुरुआत कैसे करें | How to Start Solar Panel Business in hindi

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सोलर पैनल बिजनेस: भारत जहां लगभग 70 से 75 प्रतिशत आबादी आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है. जिसमें से लगभग आधी आबादी बिना बिजली के (अंधेरे में) ही अपना जीवन गुजर-बसर करने को मजबूर है. हालाँकि सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है. लेकिन अभी भी बिजली पूर्ती की समस्या बड़े स्तर पर अपने पैर पसारे हुए है.

हम जानते है कि भारत की जनसंख्या आज विश्व में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है और निरंतर बढ़ती भी जा रही है. इस लगातार बढ़ती आबादी के कारण आज भारत में हालात बद से बत्तर होते जा रहे है, ऐसे में हमें उन स्रोतों/उद्यमों पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है, जिनसे हम अपनी उन प्राथमिक जरूरतों को पूरा कर सके, और पर्यावरण को भी क्षति न पहुंचे.

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सौर ऊर्जा का महत्व (Importance of Solar Energy)-

शहरों/कस्बों व नगर क्षेत्रों में भी बिजली की समस्या अब विराट स्वरूप लेने को तैयार है… क्योंकि आये दिन बिजली कटौती की समस्या लगभग सभी को झेलनी पड़ती है. साथ ही लगातार बढ़ती बिजली की दरों ने तो मानो आम आदमी की कमर तोड़ ही डाली है. ऐसे में आवश्यक बिजली पूर्ती के लिए सोलर पैनल एक ऐसी कारगर युक्ति साबित हो रहा है, जिससे बिजली खपत की समस्या से निजात पाया जा सकता है.

ऐसे में यदि सोलर पैनल बिजनेस के महत्व को गहनता से आंकलन किया जाए तो इच्छुक उद्यमी सोलर पैनल का व्यवसाय (Solar Panel Business) कर अच्छा ख़ासा उंचे दर्जे का मुनाफा बहुत ही आसानी से कमा सकता है. इसका उदहारण- आज जिन उद्यमियों ने सौर ऊर्जा (solar power) से समबन्धित उद्यमों में निवेश किया है, वे बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं…

तो अब प्रश्न उठता है की सोलर पैनल बिजनेस (rooftop solar panel) को शुरू करने के लिए क्या करना होता है… कौन से पंजीकरण जरूरी हैं…कितनी लागत लगानी होती है, साथ ही सोलर पैनल के बिजनेस से कितने प्रकार का मुनाफा कमाया जा सकता है?

यदि आप (renewable energy source) सौर ऊर्जा वितरण सुविधा के तहत सोलर पैनल का कारोबार करना चाहते हैं तो यह पोस्ट आपको एक नई दिशा दिखा सकती है. आइये शुरू करते हैं-

सबसे पहले बात करते हैं solar energy business plan की, सोलर इंडस्ट्री (सौर ऊर्जा वितरण सुविधा) के तहत सोलर पैनल बिजनेस/कारोबार में कितने अवसर अथवा संभावनाएं हो सकती है जिनमें मुनाफा कमाया जा सकता है…?

सोलर एनर्जी बिजनेस में व्यवसायिक अवसर (Business Opportunities in Solar Energy Business)-

  1. Solar Panel Franchisee लेकर
    • सोलर पैनल डीलरशिप (Solar Panel Dealership)
    • सोलर पैनल रिटेल डिस्ट्रीब्यूटर पॉइंट (Solar Panel Retail Distributor Point)
  2. सोलर पैनल इनस्टॉलर सर्विस (Installer/System Integrator/EPC Contractors)
  3. सोलर पैनल सर्विस और मेंटेनेंस (Panel Service & Maintenance Business)
  4. सोलर पैनल मेकिंग (Solar Panel Manufacturing Business)
  5. सौर उत्पादों की जागरूकता बढ़ाना (Solar Influencer)

सोलर पैनल बिजनेस में आने अथवा निवेश करने से पहले इच्छुक उद्यमी/किसान को सोलर पैनल के प्रकार (types of solar panel) को जानना आवश्यक है. मसलन-

सोलर पैनल कितने प्रकार का होता है (How many types of Solar Panels)?

उपयोगिता और डिजाइन की दृष्टी से मौजूदा मार्केट में 04 प्रकार के सोलर पैनल देखने को मिलते हैं-
1. पॉलीक्रिस्टलाइन व मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल (Poly crystalline Solar Panel and Mono crystalline Solar Panel)
2. मोनो परक सोलर पैनल (Mono PERC Solar Panel)
3. हाफ कट मोनो परक सोलर पैनल (Half Cut Solar Panel) और
4. बायफेशियल सोलर पैनल (Bifacial Solar Panel)

सोलर पैनल डीलरशिप (Solar Panel Dealership)-

भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना मेक इन इंडिया मिशन के तहत सोलर पावर योजना (सौर ऊर्जा-Solar Energy) को भी दृणता से बढ़वा दिया जा रहा है. ऐसे मे आप अंदाजा लगा सकते है कि सोलर पैनल बिजनेस आपके भविष्य के लिए कितना मुनाफे वाला कारोबार सिद्द हो सकता है. 

यदि आप (renewable energy) सौर उर्जा वितरण सुविधा के तहत सोलर पैनल डीलरशिप (थोक विक्रेता) विकल्प का चुनाव करते हैं तो डीलरशिप के तौर पर व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको 700 sqft स्थान की आवश्यकता होगी.

यह स्थान यदि आपके निवास स्थान पर उपलब्ध है तो आप इसे वहां से भी शुरू कर सकते हैं. इसके साथ ही आपको कम से कम 04 से 06 कर्मियों की आवश्यकता होगी. ये कर्मचारी हो सकते हैं- मैनेजर, अकाउंटेंट, गोदाम आदि के सिक्योरिटी गार्ड व माल लाने-ले जाने वाले वाहन चालक तथा लेबर आदि.

व्यवसाय की लागत-

सोलर पैनल डीलरशिप व्यवसाय शुरू करने के लिए कम से कम 05 से 25 लाख रूपये के निवेश की लागत आती है. जिसमें सोलर पैनल से सम्बंधित सभी उपकरण सम्मिलित हैं.

सोलर पैनल रिटेल डिस्ट्रीब्यूटर पॉइंट (Solar Panel Retail Distributor Point)-

आज भारत में रिटेल डिस्ट्रीब्यूटर पॉइंट सबसे तेजी से बढ़ने वाला उपक्रम है. ऐसा इसलिए क्योंकि रिटेल डिस्ट्रीब्यूटर पॉइंट से ही कोई भी उत्पाद जनता/ग्राहकों तक पहुंचता है. लगभग प्रत्येक उत्पाद रिटेल (खुदरा) मार्केट का दायरा किसी भी मार्केट से सबसे बड़ा होता है.

व्यवसाय की लागत-

 रिटेल डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर यदि आप अपना उद्यम/कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो कम से कम 01 लाख से 07 लाख रूपये लागत का निवेश करना होता है. इसके साथ ही आप ग्राहक को solar panel installation और मेंटेनेंस सर्विस देकर भी बेहतर मुनाफा बना सकते हैं.

सोलर पैनल बिजनेस का पंजीकरण (Solar Panel Business Registration)-

सोलर पैनल डीलरशिप व रिटेल डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर उद्यम/कारोबार शुरू करने से पूर्व इच्छुक उद्यमी को सरकार द्वारा निर्धारित किये गए प्रमाण पत्रों से प्रमाणन/पंजीकरण करना होता है. ये पंजीकरण हैं-

  1. Certificate of Commencement
  2. An article of Memorandum
  3. The article of Association
  4. TIN number
  5. GST No.
  6. Shop Act के तहत Registration.

सौर उत्पादों की जागरूकता बढ़ाना (Solar Panel Influencer)-

हमारे देश भारत में अभी भी अक्षय ऊर्जा स्रोत (Renewable emery source) को बढावा देने वाले लोगों की बहुत कमी है. ऐसे में यदि आप द्वारा सोलर पैनल जैसे उत्पाद की जागरूकता बढ़ाने में अपना सहयोग (Solar Influencer/एडवाइजर बनकर) दे सकते हैं तो परिणाम में आप एक उंचे दर्जे का बेहतर मुनाफा बड़ी ही आसानी से बना सकते हैं.

सोलर पैनल की जागरूकता व्याप्त करने के दृष्टिगत आपको ऐसे स्थानों को चिन्हित करना होता है, जहां बिजली खपत की मांग बड़े स्तर पर हो, पर खपत करने के लिए पर्याप्त बिजली की पूर्ती में कमी बनी रहती हो…

व्यवसाय की लागत (Solar Panel Business Cost)-

Solar Influencer/सोलर एडवाइजर के तौर पर अपनी सेवाओं के देने के लिए किसी भी निवेश की आवश्यकता नहीं होती. बशर्ते आपको सौर उत्पादों की विस्तृत जानकारी होनी जरूरी है. लागत के रूप में आपको बस चयनित स्थानों का सर्वे कर उन उपभोक्ताओं को खोजना है, जिन्हें सोलर पैनल की आवश्यकता है.

सर्वे के दौरान आप इच्छुक उपभोताओं को सोलर पैनल की उपयोगिता (importance of solar rooftop panels) व खूबियों का विस्तृत बखान कर उन्हें पैनल खरीदने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. यदि उपभोक्ता सोलर पैनल आदि खरीदते हैं तो आप कमीशन के तौर पर एक बेहतर मुनाफा आसानी से कमा सकते हैं.

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02 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल (solar panels for home) स्थापित करने के लिए कितनी लागत का निवेश करना पड़ता है?

राजधानी लखनऊ में हमारे द्वारा किये गए सर्वे में उपभोक्ता द्वारा बताया गया कि 02 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल (rooftop solar panel cost) स्थापित करने के लिए उन्हें 2.05 लाख रूपये की निवेश लागत लगी है.

सौर ऊर्जा द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रमुख लाभ (The major advantages of solar energy/Solar Panel)-

  1. अक्षय ऊर्जा स्रोत (Renewable energy source)
  2. बिजली बिल में कमी (Reduced electricity bills)
  3. रखरखाव की लागत में कमी (Low maintenance costs)
  4. पर्यावरण की सुरक्षा (Saves environment) जो कि Carbon free Bharat जैसे business initiative/मुहीम का विस्तार है.
  5. सीमित निवेश (One-time investment)
  6. कोई हानिकारक उत्सर्जन नहीं (No harmful emissions – 0% carbon reduction)

सौर उत्पादों का व्यवसाय शुरू करने से पहले इच्छुक उद्यमी को solar product के बारे में जानना जरूरी है, क्योंकि असल में यह आपके भावी व्यवसाय की नींव का काम करता है. आइये जानते हैं-

सोलर पैनल क्या होता है (What is Solar Panel)?

सोलर पैनल्स (Solar Panel) कई सोलर सेल के समूह से बना एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो सूर्य से आने वाली ऊष्मा (रोशनी/प्रकाश) को बिजली/विद्युत  में परिवर्तित कर देता है. सोलर पैनल का प्रयोग बिजली पूर्ती के लिए घरों व व्यवसायिक स्थानों पर किया जाता है.

सोलर पैनल कितने रंग के आते हैं?

अमूमन मौजूदा बाजार में 02 रंग के सोलर पैनल देखने को मिलते है-

1. नीले रंग का (यह सोलर पैनल सिलिका में अन्य धातुएं मिलाकर तैयार किये जाते हैं, साथ ही इनकी कीमत भी कम होती है.)
2. काले रंग का (इस सोलर पैनल को बनाने में काले रंग के सेल (cell) का उपयोग किया जाता है, इसकी कीमत भी नीले रंग के सोलर पैनल से अधिक होती है.)

सोलर सेल (Solar Cell) क्या होता है?

सोलर सेल (Solar Cell) प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने वाली फोटोवोल्टिक प्रभाव (photovoltaic effect) पर आधारित युक्ति है. सोलर सेल बनाने में सिलिकॉन (silicon) तथा गैलियम आर्सेनिक अर्धचालक (Gallium Arsenic Semiconductor) का प्रयोग किया जाता है. सिलिकॉन की अपेक्षा गैलियम आर्सेनिक श्रेष्ठ घटक है.

सोलर सेल ही वह युक्ति है जिन पर जैसे ही सूरज का प्रकाश/रोशनी गिरती है, तो सेल्स उस प्रकाश/रोशनी को करंट/बिजली मे बदल देते है ऐसे ही बहुत सारे सेल एक साथ मिलकर एक बड़े सोलर पैनल का निर्माण किया जाता है.

सोलर पैनल बनाने का व्यवसाय (Solar Panel Manufacturing Business)-

यदि आप सोलर पैनल व सोलर उत्पादों को निर्मित करने के व्यवसाय को करने की सोच रहे हैं तो ऑटोमेटिक सोलर पैनल निर्माण यूनिट (Solar Panel Manufacturing Unit) स्थापित करने के लिए इच्छुक उद्यमी को 04 से 10 करोड़ रूपये लागत धनराशी का निवेश करना होगा.

व्यवसायिक स्तर पर सोलर सेल का निर्माण बिना किसी के भूल/चूक के निरंतर किया जाता है, जिसे प्रभावी तरीके से कर पाना किसी मनुष्य के लिए संभव नहीं है, इसलिए पहले सोलर सेल और फिर बाद में सोलर पैनल का निर्माण (Making of solar Panel) ऑटोमेटिक मशीनों से किया जाता है.

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हां! Solar Panel Manufacturing Unit को स्थापित करने में लागत अच्छी खासी जरूर लगती है लेकिन परिणाम में मुनाफा भी उच्च स्तर का होता है. यदि आपके पास Solar Panel Manufacturing Unit स्थापित करने की लागत धनराशी नहीं है तो आपके दुसरे विकल्पों का चुनाव अवश्य करें.

Top Solar Panel Manufacturers in India (solar companies)-

  1. Waaree Energies Ltd
  2. Tata Power Solar Systems
  3. Vikram Solar
  4. Adani Solar
  5. Microtek Solar Solutions
  6. Loom Solar Pvt. Ltd.
  7. Moser Baer Solar Ltd
  8. EMMVEE Photovoltaics Private Limited
  9. RenewSys Solar
  10. Icomm Tele Ltd
  11. Goldi Green Technologies Pvt. Ltd.
  12. XL Energy Limited
  13. Solar Semiconductor
  14. Navitas Green Solutions Pvt. Ltd
  15. Panchwakra Solar
  16. Goldi Solar
  17. UTL Solar (Fujiyama Power Systems Pvt Ltd)

सरकार द्वारा संचालित कुसुम योजना (Kusum Yojana)-

अक्षय सौर ऊर्जा (solar energy) के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजना (Government scheme- Kusum Yojana) 2021 में सरकार के द्वारा लागू की जा चुकी है. इस योजना का प्रमुख उद्देश्य बिजली की खपत के साथ बिजली खर्च को कम करना.

कुसुम योजना के तहत 45 लाख रूपये तक लोन की सुविधा भी ली जा सकती है. देश के करीबन 18 लाख किसानों को योजना से लाभ पहुचाने का लक्ष्य है. कुसुम योजना से लाभ लेने के लिए अहर्ताएं निम्न हैं-

  1. भारत का किसान हो
  2. बैंक खाता व आधार होना जरूरी है
  3. किसान के पास अपने जमीन के दस्तावेज/कागजात होने जरूरी है

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व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक स्तर पर Solar Energy का निरंतर उपयोग करने के लिए 03 तरह के solar panel system/solar grid को प्रयोग में लिया जाता है. ये setup हैं-

  1. Online Solar Grid
  2. Offline Solar Grid
  3. Hybrid Solar Grid
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ऑनलाइन सोलर ग्रिड क्या होती है (What is Online Solar Grid)?

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जो ऊर्जा सोलर पैनल से बनती है. उसे सीधे नजदीक के पावर स्टेशन की power grid से जोड़ दिया जाता है. ऑनलाइन सोलर ग्रिड (online solar grid) system में किसी भी प्रकार की बैटरी का उपयोग नहीं होता है. तो इसका उपयोग क्या है?

उदहारण के तौर पर मान लीजिए आपका सोलर पैनल दिन में 10 यूनिट बनता है, जिसमें से 08 यूनिट आपके घर पर ही उपयोग कर ली जाती है. बची हुई शेष 02 यूनिट पावर स्टेशन/ग्रिड को चली जाती है.

अब वही किसी दिन आपका सोलर पैनल मात्र 06 यूनिट ही बना पाता है और आपके घर को 08 यूनिट की आवश्यकता है. तो ऐसे में शेष 02 यूनिट की पूर्ती पावर ग्रिड से की जाती है. उपयोगिता की दृष्टी से solar online grid परिसरों व घरों पर (solar panel for home) स्थापित कराने में लाभ है.

ऑफलाइन सोलर ग्रिड क्या होती है (What is Offline Solar Grid)?

Offline grid solar system

ऑफलाइन सोलर ग्रिड (Offline Solar Grid) का सीधा मतलब होता है, कि आपका सोलर पैनल जो भी बिजली बना रहा है उसे सुरक्षित करने के लिए आपको बैटरी आदि का उपयोग करना होगा.

ऑफलाइन सोलर ग्रिड को स्थापित करने के लिए सबसे पहले घर/वांछित स्थान पर व्यय होने वाले बिजली लोड का आंकलन करना होता है.

उदहारण के तौर यदि आपके घर का लोड 2 किलोवाट है तो आपको कम से कम 2 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल के साथ 20Ah से 200Ah की कम से कम 01 से 02 बैटरियों का उपयोग सौर ऊर्जा को एकत्रित करने के लिए करना होगा.

घरेलू बिजली पूर्ती हेतु सोलर पैनल लगाने के लिए कितने स्थान की आवश्यकता होती है?

1 से 2 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगाने के लिए कम से कम 80 से 120 sqft ऐसे स्थान की आवश्यकता होती है, जहां अधिकतम सूरज की रोशनी आती हो. साथ ही सोलर पैनल को विशेष कोण पर इंस्टाल/स्थापित (solar panel installation) करना जरूरी है.

सोलर पैनल की औसत आयु कितनी होती है?

अमूमन एक सोलर पैनल की औसत आयु (solar panel average life) कम से कम 25 वर्ष की मानी जाती है, साथ ही अगर सोलर बैटरी (solar panel battery) की बात करें तो प्रत्येक 10 साल में बैटरी को बदलना होता है.

छत के ऊपर/रूफटॉप सोलर पैनल लगाने पर सरकार कितनी सब्सिडी देती है?

केंद्र सरकार के न्‍यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय द्वारा 1 किलोवाट रूफटॉप सोलर पैनल प्लांट लगवाने वाले उपभोक्ताओं को 30 फीसदी सब्सिडी (solar panel subsidy) दी जाती है. बिना सब्सिडी के रूफटॉप सोलर पैनल लगवाने पर करीब 01 लाख रुपए का खर्च आता है. इसके अतिरिक्त अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग योजनाएं भी हैं.

सौर ऊर्जा से चलने वाले कौन-कौन से उत्पाद होते हैं?

1. सोलर पैनल (Solar Panel)
2. सोलर इन्वर्टर (Solar Inverter)
3. सोलर एयर कंडीशनर (Solar Air Conditioner-AC)
4. सोलर बैटरी (Solar Battery)
5. सोलर घरेलू लाइट्स व स्ट्रीट लाइट्स (Solar Home Light & Street Lights)
6. सोलर वाटर हीटर (Solar Water Heater)
7. सोलर पम्पस- घरेलू व कृषि हेतु (Solar Submersible/Surface Water Pump- for Agriculture uses)
8. सोलर घरेलू पंखे (Solar Fan/Coolers)
9. सोलर चार्जिंग स्टेशन (Solar Charging Station)

क्या सोलर पैनल डीलरशिप बिजनेस का insurance करना चाहिए?

जी हां! अमूमन पैनल्स को ग्राहक तक पहुचाने में कभी कभी सोलर पैनल्स में टूट-फूट हो जाती है. चूंकि solar panel price/कीमत में महंगे होते हैं… इसलिए यह जरूरी है कि आवंछित खर्चो से बचने के लिए solar panel business का insurance करना बिजनेस की दृष्टी से एक सकारात्मक पहल है.

नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा ग्रिड आधारित सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने संबंधी योजना का नाम है?

Government scheme- Kusum Yojana कुसुम योजना

सोलर पैनल बिजनेस में मुनाफा (Profit in Solar Panel Business)-

यदि इच्छुक उद्यमी अथवा किसान बड़े स्तर पर सोलर पैनल स्थापित (solar panel install) कर बिजली की खेती अथवा सौर ऊर्जा का setup लगाकर अपना उद्यम/बिजनेस की शुरूआत करना चाहता है तो परिणाम में वह ऊंचा मुनाफा बहुत ही आसानी से कमा/बना सकता है.

घर की छत पर सोलर प्लांट (Rooftop solar panel plant) लगाकर बिजली बनाई जा सकती है. इसे बेचकर आप पैसा कमा सकते हैं. साथ ही सरकार भी अक्षय ऊर्जा के बिजनेस को बढ़ावा भी दे रही है, क्योंकि इस बिजनेस के माध्यम से युवाओ के लिए बड़ी संख्या मे रोजगार के अवसर खुल जाते है. मुनाफा कमाने के लिए इच्छुक उद्यमी ये काम कर सकता है-

  1. बिजली कंपनियों के साथ पावर एक्स्चेंज का एग्रीमेंट कर बिजली बेचना.
  2. सरकारी व गैर सरकारी बिजली वितरण केंद्र/कंपनियों से लाइसेंस लेना जरूरी है.
  3. प्लांट लगाकर बिजली बेचने के लिए प्रति यूनिट की दर का निर्धारण आदि.

वही यदि आप व्यक्तिगत घरेलू स्तर पर सोलर पैनल प्लांट (installing solar power plant at home) स्थापित करना चाहते हैं तब पर भी आप सालाना की दर पर 20 से 60 हजार रुपये का मुनाफा बना सकते हैं.

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अंत में-

बिजली आज हमारी प्राथमिक आवश्यकताओं में एक बन चुकी है. लेकिन पर्याप्त बिजली की पूर्ती आज भी हमारे देश में बड़ी समस्या का विषय है. ऐसे में सौर ऊर्जा आधारित उत्पाद जैसे solar panel business में कई नई संभावनाएं पैदा होती जा रही है। जिसके चलते सोलर पैनल का बिजनेस स्थापित करना एक लाभकारी विकल्प साबित हो सकता है।

नोट- किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले बाजार/मार्केट रिसर्च एवं खपत का आंकलन अनिवार्य रूप से अवश्य करें. ऐसा करने से आपको व्यवसाय में आने वाले जोखिम और दिक्कतों का सामना करने में आसानी हो जाएगी और बाजार में डिमांड के अनुरूप आप अपने products का निर्माण भी अच्छे से कर पाएंगे.

आशा है आपको इस लेख ‘सोलर पैनल बिजनेस की शुरूआत कैसे करें’ से अक्षय ऊर्जा/सौर ऊर्जा से लाभ उठाने व मुनाफा कमाने के बारे में विस्तृत जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ छूट गया हो या कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें. तब तक के लिए-

शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल व्यापारिक भविष्य के लिए.” 

धन्यवाद!

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