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बिना मंदी का विज्ञापन बिजनेस कैसे अपनाएं | Advertising Business Ideas in Hindi

विज्ञापन बिजनेस (Advertising Business): हमारा देश भारत! जहां की अर्थव्यवस्था प्रगतिशील और सम्भावनाओं से हमेशा भरी रहती है. देश की लगातार बढ़ रही जनसँख्या के कारण बहुत से उद्यमियों ने अपने शुरू किये गए खुद का startup अथवा व्यवसाय की परवाह करना शुरू कर दिया है. साथ ही सरकारी नौकरियों में बढती तीव्र प्रतिस्पर्धा के कारण अधिकतर लोगों ने बिजनेस की ओर रुख करना शुरू कर दिया है.

वहीं यदि प्राइवेट सेक्टर की बात की जाए तो प्राइवेट सेक्टर में बेजोड़ मेहनत करने के बाद भी मिलने वाले वेतन से कर्मचारियों को अपनी इच्छा अनुसार आवश्यकता की पूर्ती करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिससे उनके पास हमेशा कोई न कोई तनाव बना ही रहता है.

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ऐसे में क्यों न ऐसा उद्यम अथवा बिजनेस को अपनाया जाए, जिसकी शुरुआत करने के लिए बहुत ही कम लागत की आवश्यकता हो, साथ ही इस बिजनेस में कभी भी मंदी का सामना न करना पड़ता हो. ऐसा ही एक बिजनेस है विज्ञापन बिजनेस (advertising business) मतलब विज्ञापन लेखन/विज्ञापन बनाने का बिजनेस (advertisement making business) या बेचने की कला.

advertising business idea आधारित इस पोस्ट के माध्यम से आज हम आपके साथ विज्ञापन बिजनेस के तहत विज्ञापन निर्माण, विज्ञापन का महत्व (Importance of Advertisement), विज्ञापन का मनोविज्ञान (psychology of advertisement), विज्ञापन के लाभ (Benefits of advertisement), विज्ञापन बनाने के घटक पर विचार, विज्ञापन में रंगों का महत्व (Importance of colors in advertisements) और विज्ञापन प्रचार (Marketing tips) करने वाले घटकों की विस्तृत बहुमूल्य जानकारी मुफ्त में (information of advertising business for free) साझा करने जा रहे हैं.

विज्ञापन बिजनेस प्लान (Advertising Business Plan)-

एक कारगर बिजनेस प्लान किसी भी विज्ञापन आधरित बिजनेस (advertising business) को एक प्रगति मानचित्र (Roadmap) प्रदान करने का काम करता है. मसलन यदि आप आज किसी योजना को शुरू करते हैं तो आने वाले अगले पांच सालों में आपका लक्ष्य क्या होगा और कितने प्रतिशत की लागत आएगी.

बिजनेस प्लान मूल रूप से आप द्वारा निर्धारित व्यावसायिक लक्ष्यों और उन तक पहुँचने में आपकी रणनीतियों की व्याख्या करता है.

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सुझाव-

एक सफल व्यवसायिक कार्ययोजना (business plan) को हस्तलिखित रूप में ही बनाएं.

विज्ञापन का महत्व (Importance of advertisement)-

मूलरूप से विज्ञापन! प्रचार सामग्री/मार्केटिंग का हिस्सा ही है और अक्सर मार्केटिंग रणनीतियों में सबसे अधिक दिखाई देने अथवा उपयोग में लिया जाने वाला पहलू है. विज्ञापन मुख्य रूप से उपभोक्ता में अपर्याप्तता की भावना पैदा करते है और साथ ही उत्पाद अथवा वस्तु खरीदने के लिए मजबूर करते है.

शुरूआती स्तर पर उत्पाद अथवा सेवा के विज्ञापन प्रायोजित करना, मार्केटिंग की सबसे कारगर रणनीति है, जिससे सबसे अधिक परिणाम हांसिल करने के लिए अपनाया जाता है क्योंकि विज्ञापन किसी बिजनेस का विस्तार करने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है-

विज्ञापन आपको इसके लिए सक्षम बनाता है:

  • लक्षित मीडिया उपक्रमों/चैनलों के माध्यम से अपने दर्शकों तक पहुँच
  • बड़े पैमाने पर संभावित ग्राहकों के साथ संवाद

विज्ञापन के लाभ (Benefits of advertising)-

विज्ञापन की विशेषताएं संजोते हुए अगर विज्ञापन लाभों की बात की जाए तो विज्ञापन आपको अपने मार्केटिंग उद्देश्यों को प्राप्त व पूर्ती करने में सहायक (role of advertising in business) होता है. यह व्यवसाय के लिए एक शक्तिशाली और प्रभावी तरीका है. मसलन-

  • ध्यान आकर्षित करने के लिए,
  • जागरूक करने अथवा जागरूकता फ़ैलाने के लिए,
  • बिजनेस का विस्तार करने के लिए,
  • लक्ष्य निर्धारण करने व
  • प्रतिक्रियाओं से परिणाम प्राप्त करने के लिए

मूलरूप से विज्ञापन के कार्य अथवा विज्ञापनो का उपयोग ‘बात फैलाने’ और वांछित उत्पाद अथवा सेवा की बिक्री बढ़ाने के लिए किया जाता है ताकि आमजन अथवा संभावित उपभोक्ता की पहुंच वांछित ब्रांड तक बन सके, उपभोक्ता विज्ञापित ब्रांड को जानें, परखें और पूरी तरह से उत्पाद/ब्रांड पर विश्वास करने की कोशिश करें.

विज्ञापन का प्रमुख लाभ यह है कि वांछित ब्रांड के प्रति संभावित उपभोक्ता की मानसिकता में ब्रांड/उत्पाद वफादारी की भावना पैदा करना.

विज्ञापन बनाने के घटक (components for making advertisement)-

अब जानते हैं (विज्ञापन के प्रकार) “एक प्रभावी विज्ञापन बनाने के लिए किन-किन तथ्यों व घटकों पर विचार करना जरूरी होता है?”

किसी भी विज्ञापन को प्रभावी बनाने के लिए सबसे पहला और मुख्य घटक होता है, वांछित उपभोक्ता अथवा संभावित ग्राहक. इसलिए विज्ञापन का निर्माण करने से पहले इच्छुक उद्यमी को अपने निर्मित उत्पाद अथवा सेवा का उपभोग करने वाली टारगेट ऑडियंस का आंकलन करना अनिवार्य है.

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लक्षित ग्राहक/उपभोक्ता (target audience) का आंकलन निम्न प्रकार से किया जाता है-

  1. संभावित ग्राहक के आयु वर्ग के अनुसार आंकलन,
  2. संभावित ग्राहक की खरीद क्षमता के आधार पर आंकलन,
  3. लिंग के आधार पर आंकलन,
  4. संभावित ग्राहक को कैसी संगति पसंद आती है,
  5. संभावित ग्राहक का स्वभाव और उसकी मानसिकता का आंकलन,
  6. संभावित ग्राहक की साक्षरता का आंकलन व
  7. संभावित ग्राहक कितने समय में उत्पाद अथवा सेवा पर प्रतिक्रिया देता है.

इन सभी घटकों का गहनता से आंकलन करके ही एक प्रभावी विज्ञापन का निर्माण किया जा सकता है. इसके बाद बारी आती है विज्ञापन बनाने की. तो यहां पर प्रश्न यह है कि विज्ञापन के प्रकार कितने होते है? आइये जानते हैं-

मूलरूप से विज्ञापन 03 प्रकार के होते हैं, जिन्हें मौजूदा बाजार में प्रभावी ढंग से उपयोग में लिया जा रहा है-

  1. चित्र विज्ञापन (Image advertisement)
  2. चलचित्र विज्ञापन (Video advertisement)
  3. रेडियो पॉडकास्ट (Radio Podcast advertisement)

विज्ञापन का निर्माण (Advertisement Creation)-

आइये अब चर्चा करते हैं कि एक प्रभावी विज्ञापन का निर्माण कैसे किया जाता है. किसी भी विज्ञापन की रूपरेखा तैयार करने के लिए सबसे पहले विज्ञापन में समाहित की जाने वाली जानकारी का लेखन मतलब विज्ञापन लेखन (vigyapan lekhan) का कार्य किया जाता है. मसलन-

विज्ञापन लेखन का शुरूआती चरण है कि सबसे पहले विज्ञापन का वांछित खाका (box) खीचा जाता है. इसके बाद वांछित उत्पाद की लुभावनी फोटो लगाई जाती है, इसके बाद ग्राहक को आकर्षित करने वाले शब्दों का चयन, उत्पाद की उपयोगिता व्याख्यान के लिए शब्द तुक-बंदी का प्रयोग, कंपनी/ब्रांड का नाम इस लहजे में किया जाता है, जिससे विज्ञापन देखने वाले प्रत्येक संभावित ग्राहक के दिमाग में एक छवि हमेशा के लिए बन जाए.

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उदहारण के तौर पर एक नहाने के साबुन का विज्ञापन दर्शाया गया है, जिसमें विभिन्न रंगों के समायोजन के साथ शब्द चयन, ब्रांड का नाम, उत्पाद का नाम व किसे समर्पित है, इसे चित्रित किया गया है.

विज्ञापन का मनोविज्ञान (psychology of advertising)-

विज्ञापन का मनोविज्ञान समझने से पहले भौतिक क्रियाकलाप के आधार पर इंसानी स्वभाव का मनोविज्ञान समझना जरूरी है. मसलन-

  1. मनुष्य एक सामाजिक भावनात्मक प्राणी है, जो संगठन बनाकर रहता है और वस्तु का आदान-प्रदान करने के लिए पहले उसका मूल्यांकन करता है मतलब “जो दिखता है वही बिकता है.”
  2. तनाव को दूर करने के लिए मनुष्य संगीत, प्राकृतिक दृश्य, मनभावन रंग और प्रेरणा स्रोत का आश्रय लेता है मतलब सुख प्राप्त करना चाहता है.
  3. प्राय: इंसान उन चीजों की ओर आकर्षित होता है, जहां उसे संतुष्टि का भाव प्राप्त हो, मलतब मन मुताबिक काम में रमने की कोशिश करता है.
  4. मौजूदा दौर में अधिकतर मनुष्य को उन घटकों की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं, जहां उन्हें मुनाफा होने की सम्भावना होती है. इस तथ्य का उपयोग अधिकतर विज्ञापन लेखन/निर्माण में किया जाता है.

एक प्रभावी विज्ञापन में बहुत सारी रणनीति और गूढ़ विचार शामिल होते हैं, साथ ही एक से अधिक योजनाएँ भी हो सकती हैं. रंग से लेकर उपयोग किए गए वास्तविक शब्दों के चुनाव तक, विज्ञापन का प्रत्येक घटक एक अनोखे तरीके से उपभोक्ता/ग्राहक को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है.

एक वर्गीकृत विज्ञापन ग्राहकों में उत्साह जगाने, उत्तेजित करने तथा प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए विज्ञापन के हर पहलू को विशेष रूप से मनोविज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों का उपयोग करके डिज़ाइन किया जाता है. एक प्रभावी विज्ञापन में संभावित मनोवैज्ञानिक तत्व हो सकते हैं- भावनाओं का उपयोग, अनुनय और अधिकार, यादें बनाना और रंग से प्रेरणा देना आदि.

विज्ञापन में रंगों का महत्व (Color Importance in advertising)-

प्रकृति की देन रंग पृथ्वी पर जीवित सभी को प्रगाढ़ता से प्रभावित करते हैं. प्राकृतिक रंग इंसानी अस्तित्व के विकास का एक ख़ास भी भाग है क्योंकि रंग मूलरूप से इंसानों में घनिष्ठता, जुनून, रहस्य, विरोध और शीतलता का भाव पैदा करते हैं.

एक प्रभावी विज्ञापन बनाने के लिए चयन किये गए रंगों का विशेष महत्व होता है. यदि आप अपने व्यवसाय के लिए एक प्रभावी विज्ञापन बनाना चाहते/चाहती हैं अथवा advertising agency business के क्षेत्र में आना चाहते/चाहती हैं, तो सबसे पहले आपको रंगों का मनोविज्ञान (Colors psychology) और उनके प्रभावों को समझने की आवश्यकता है.

आइये जानते हैं कि रंग हममें कैसे भाव उत्पन्न करने की कोशिश करते है-

  1. लाल- जोश (पैशन), आकर्षण, ऊर्जा, शक्ति, प्रेम, दृढ़ संकल्प, तीव्रता, क्रोध और उत्साह
  2. हरा- विकास, स्वास्थ्य, सदभाव, सदभावना, सुरक्षा, प्रकृति, शांति और तारो-ताज़ा
  3. नीला- गहराई, स्थिरता, ज्ञान, विश्वास, आत्मविश्वास और तसल्ली
  4. नारंगी- उत्साह, गर्मी, सफलता, रचनात्मकता, आकर्षण, गर्मजोशी और उत्साह
  5. पीला- ऊर्जा, ख़ुशी, गर्माहट, ध्यान, उत्तेजना और आनंद
  6. बैंगनी- ज्ञान, धन, रॉयल्टी, शक्ति, आकर्षण, विलासिता, जादू, प्रभावशाली और Enlightenment
  7. सफेद- शुद्धता, प्रकाश, स्वच्छ, शांति, निर्दोष, विशाल, शीतलता और प्रगाढ़ मित्रता
  8. काला- शक्ति, रहस्य, भरोसा, शोक, मृत्यु, आत्मविश्वास, शांत, आकर्षण, स्थिर और रौब का भाव

Advertising business में विज्ञापन का हर एक पहलू (marketing tips) विशेषकर मोहक रंग सबसे अहम भूमिका में होते है, क्योंकि उत्पाद अथवा बिजनेस का प्रचार करने के लिए …

विज्ञापन बनाने के लिए सरकारी दिशा निर्देश-

भारत में एक विज्ञापन प्रदाता संस्था (advertising agency) के रूप में व्यवसाय स्थापित कर व्यवसायिक तौर पर विज्ञापन बनाने के लिए सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी है.

  • जाति, धर्म, नस्ल, वर्ण , राष्ट्रीयता आदि के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा
  • स्त्री को गलत तरीके से नहीं चित्रित करेगा
  • सामाजिक कुरीतियां जैसे- दहेज़, बाल विवाह को बढ़ावा नहीं देगा
  • जुर्म और उत्पीड़न का महिमामंडन नहीं करेगा
  • सिगरेट, शराब, नशा और इस जैसे अन्य उत्पादों और उनकी बिक्री को बढ़ावा नहीं देगा
  • माँ के दूध का वैकल्पिक उत्पाद, दूध पिलाने वाला बोतल या नवजात आहार को बढ़ावा नहीं देगा

विज्ञापन प्रकाशित/प्रचारित करने के घटक (advertising promotion components)-

मौजूदा मार्केट में किसी भी उद्यम अथवा startup या बिजनेस को खुद की ब्रांड वैल्यू बढ़ाने के लिए विज्ञापन की आवश्यकता होती है, जिसे वह 02 प्रकार से फलित अथवा प्रचारित करने का प्रयास करता है. यह दोनों प्रकार है-

भौतिक बाजार क्षेत्र में विज्ञापन प्रचार (Printed Advertising Business)-

प्रिंट मीडिया की मदद से किये जाने वाले विज्ञापन को भौतिक विज्ञापन कहा जाता है. बैनर, पोस्टर, स्टीकर, पम्पलेट, फ्लैक्स, कैलेण्डर, पत्रिका, अखबार और विजिटिंग कार्ड वे उपक्रम हैं, जिन्हें भौतिक विज्ञापन (कागज़ अथवा पर्दे) पर छाप कर बाजारों के विशेष चौराहों, नुक्कड़ों व प्रतिष्ठित परिसरों के विज्ञापन रक्षित स्थानों में अपने संभावित ग्राहकों तक पहुच बढ़ाने के लिए लगवाया जाता है.

भौतिक विज्ञापन एक अधिक खर्च वाला घटक है क्योंकि इसकी पहुंच सीमित होती है, साथ ही समय के साथ ये विज्ञापन मौसम की मार से ख़राब भी हो जाते हैं, जिसे समय-समय पर फिर से लागत लगाकर किया जाता है.

पिछली सदी में यह प्रचार रणनीति (promotional strategy) प्रभावी मानी जाती थी, लेकिन जब से कोरोना महामारी का दौर शुरू हुआ है, तब से यह प्रचार रणनीति केवल स्थानीय बाजार तक ही सीमित रह गई है.

ऑनलाइन विज्ञापन बिज़नेस विस्तार (Online Advertising Business Expansion)-

कोरोना महामारी के बाद से ही ऑनलाइन बिजनेस (ई-कॉमर्स) का कॉन्सेप्ट तेजी से विकसित हो रहा है. Online Business जहां एक तरफ आपको अच्छी कमाई का मौका देते है वहीं इसकी शुरुआत भी कम पैसों में अपने घर से ही शुरू की जा सकती है.

मौजूदा समय में हजारों कंपनियां बाजार में विज्ञापन विस्तार (brand promotion अथवा advertisement distribution) पर गहनता से काम कर रही हैं, जो उत्पादों को बढ़ावा देने और उत्पाद अथवा ब्रांड की पहुंच दूर तक पहुँचाने के लिए उनका प्रचार digital marketing की मदद से कर रही हैं.

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Online advertising business स्वयं में किसी startup से कम नहीं है. यदि आप इस क्षेत्र में पर्याप्त जानकारी हांसिल कर लेते हैं तो शुरूआती चरणों में इसकी सेवा मुफ्त (advertising business online for free) में ही दें, जिससे आपका अनुभव बढ़ेगा और आपको इस बिजनेस में आने वाले जोखिमों का आंकलन करने में भी सहूलियत हो जाएगी.

ऑनलाइन विज्ञापन बिज़नेस का विस्तार करने से पूर्व इच्छुक उद्यमी अथवा advertising agency को सबसे SEO (search engine optimization) जैसे घटकों को गहनता से समझने की आवश्यकता है. साथ ही website निर्माण आदि का ज्ञान होना भी अनिवार्य है.

यहां नीचे कुछ उदहारण दिए है, जो ऑनलाइन विज्ञापनों को बड़े स्तर पर अथवा उद्यमी की इच्छानुसार विज्ञापन (ad) प्रचारित करने के लिए न्यूनतम शुल्क पर सेवाएं उपलब्ध कराती हैं.

Google, Facebook, Whatsapp, Instagram, Telegram और Famous blogs and websites ये वो सभी प्लेटफ़ॉर्म हैं जहां पर online advertising business ideas फल और फूल रहे हैं. आप जानते ही हैं कि मौजूदा दौर पूरी तरह से technology का दौर है. हर एक हाथ में smart phone होता है, और अपनी समस्या का समाधान पाने के लिए (marketing tips) इंटरनेट का सहारा लेता ही है.

ऐसे में जब user internet पर आता है तो उसे समस्या समाधान के साथ कई प्रकार के लुभावने विज्ञापन भी दिखाये जाते हैं, user को उसकी रूचि अनुसार विज्ञापन की ओर आकर्षित करने के लिए विज्ञापन का प्रयोग किया जाता है, जिससे उसे वांछित ब्रांड का संभावित ग्राहक के रूप में बदला जा सके.

FAQ.

एडवरटाइजिंग बिजनेस की हानियाँ क्या है?

1. आपको ऐसे विज्ञापन बनाने से बचना है जो किसी भी धर्म, संगठन/समुदाय व व्यक्ति की आलोचनाओं से युक्त हो.
2. विज्ञापन में उत्पाद/ब्रांड की किसी भी अन्य समान उत्पाद की तुलना करने के बचना चाहिए.
3. विज्ञापन में भ्रमित करने वाली जानकारी बिल्कुल न दें.
4. विज्ञापन में अनेक अर्थ वाले शब्दों का चयन बिल्कुल न करें.

ऑनलाइन विज्ञापन कितने प्रकार के बनाए जाते हैं?

Online type of ads-
1. Email advertising (Native, Image, Native and Podcast ads)
2. Television advertising (video ads)
3. Social Media Advertising (Native, Image, Text and Podcast ads)
4. Radio Advertising (Only Podcast ads)
5. Paid search advertising (Native, Image, Text and Podcast ads)
6. Display advertising ((Native, Image & Text ads)
7. Guerrilla advertising (Intuition ads very effective)

अंत में-

हमारा उद्देश्य उन इच्छुक उम्मीदवारों, उद्यमियों, व्यवसायियों, व्यापारियों और कारोबारियों को बेहतर से बेहतरीन जानकारी प्रदान करना है, जो अपने बिजनेस की एक बेहतर रणनीति बनाकर अपने व्यवसाय को उच्च से उच्चतम शिखर तक पहुंचने के इच्छुक हैं और अपने निर्मित उत्पाद अथवा सेवा से अच्छा मुनाफा भी कमाना चाहते हैं.

नोट- किसी भी बिजनेस/मार्केटिंग/विज्ञापन को शुरू करने से पहले वांछित कारोबार की बाजार/मार्केट रिसर्च एवं उपलब्धता का आंकलन अनिवार्य रूप से अवश्य करें. ऐसा करने से आपक बिजनेस के तहत आने वाले जोखिम और दिक्कतों का सामना करने में आसानी हो जाएगी और की गई रिसर्च के आधार पर डिमांड के अनुरूप आप अपने बिजनेस को अच्छे से विस्तारित भी कर पाएंगे.

आशा है इस लेख “विज्ञापन बिजनेस को कैसे अपनाएं” से आपको advertising business से जुड़े कई ideas व प्रश्नों का समाधान और मार्केटिंग से सम्बंधित जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें. लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों व जरूरतमंदों के साथ share करना न भूलें. अभी तक के लिए इतना ही-

“शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल व्यापारिक भविष्य के लिए.”

धन्यवाद!

जय हिंद! जय भारत!

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