Product Manufacturingछोटी लागत में सोया उत्पाद निर्माण व्यवसाय कैसे शुरू करें | How...

छोटी लागत में सोया उत्पाद निर्माण व्यवसाय कैसे शुरू करें | How to Start Soybean Product Making Business in hindi

सोया उत्पाद निर्माण व्यवसाय (Soybean Product Making Business): बदलते परिवेश के साथ आज जिस तरह से हमारा खान-पान परिवर्तित हो रहा है, उसके दृष्टिगत यह कहना बिलकुल सटीक बैठता है कि हम अपने आधुनिक खान-पान से पूरे पोषक तत्व और प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में नहीं ले पा रहे हैं.

प्रोटीन जो हमारे शरीर और हमारे दिमाग के विकसित होने में एक विशेष भूमिका निभाता है की पूर्ती के लिए हमें अपने भोजन में उन उत्पादों की मात्रा पर ध्यान देना होता है, जिनमें प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती हो.

अमूमन प्रोटीन का मुख्य स्रोत दालों को माना जाता है, लेकिन आज की दौड़-भाग भरी जिंदगी में लोग अपने भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान न देकर बल्कि मात्रा के आधार पर भोजन करना पसंद करते हैं, ऐसे असंतुलित खान-पान से हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिस कारण हमें दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है.

सोया-उत्पाद-निर्माण-व्यवसाय-Soybean-Product-Making-Business

हमारे बाल, नाखून और दिमाग व शरीर को पूरी तरह से विकसित होने में प्रोटीन की एक विशेष भूमिका होती है, आज आपने कई व्यक्तियों को जरूर देखा होगा, जिनके बाल या तो समय से पहले सफ़ेद हो जाते हैं या फिर समय से पहले झड़ अथवा गिर जाते है.

प्रोटीन की इन प्राथमिक जरूरतों के कारण आज उन उत्पादों या products का व्यवसाय करना एक उच्च लाभ कमाने का विकल्प साबित हो सकता है, जिनमें सामान्य से अधिक प्रोटीन पाया जाता हो. वैज्ञानिक अनुसंधानों से हम जानते हैं कि सोयाबीन की दाल में प्रोटीन की वैल्यू (soybean nutrition) बाकि अन्य दालों से अधिक होती है, जिससे हम अपना पोषण आसानी से हांसिल कर सकते हैं.

सामान्य खान-पान से प्रोटीन की जरूरतों को पूरा करने के लिए ही सोयाबीन उत्पादों का निर्माण (Soybean Product Making Business) किया जाता है, जिसे सोयाबीन की दाल (Soya Nutrela) से प्रोसेस कर बनाया जाता है, और ये सोया उत्पाद स्वाद में काफी स्वादिष्ठ भी होते हैं. व्यवसायिक तौर पर इन सोया उत्पादों को छोटे व बड़े दोनों पैमानों पर निर्माण कर व्यवसाय की शुरूआत की जा सकती है.

यदि आप भी सोया उत्पाद निर्माण व्यवसाय (Soybean Product Manufacturing Business) को शुरू करना चाहते हैं या सिर्फ जानकारी ही लेना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़ें, जिससे आप जान पाएंगे कि सोयाबीन से बने उत्पादों का व्यवसाय शुरू करने के लिए किन-किन चीजों व घटकों की आवश्यकता होती है, साथ ही इस व्यवसाय को कितनी लागत लगाकर शुरू किया जा सकता है और मुनाफा कितना होता है? तो चलिए शुरू करते हैं-

Table of Content

सोया उत्पाद निर्माण व्यवसाय के लिए रॉ मटेरियल (Raw Material for Soybean Product Making)-

सोया उत्पाद बनाने के व्यवसाय में मात्र एक रॉ मटेरियल की जरूरत होती है और वह है सोयाबीन की दाल (soybean dal). हालांकि मौजूदा बाजार में सोयाबीन दाल कई किस्मों की उपलब्धता देखने को मिलती होती है, इन किस्मों में से आप किसी भी किस्म का चुनाव कर सकते है.

रॉ मटेरियल के रूप में ली जाने वाली दाल एक ही किस्म की होनी जरूरी है, मतलब सोयाबीन की दो किस्मों (two types of soybeans) को मिलाकर रॉ मटेरियल का चुनाव न करें. केवल एक किस्म का ही चुनाव करें.

सोया उत्पाद बनाने के व्यवसाय में मशीनरी-

सोयाबीन की दाल से सोया उत्पादों जैसे- सोया मिल्क, सोया पनीर (टोफू) या सोया दही का निर्माण करने के केवल एक ही मशीन की जरूरत होती है. इस मशीन को ग्राइंडर मशीन (Grinder Machine) के नाम से जाना जाता है, यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक होती है इसकी कीमत 20,000 रूपए से शुरू हो जाती है. आप अपने व्यवसाय कार्यक्षमता के अनुसार मशीन का चुनाव का सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- गमले में टमाटर की उन्नत खेती कैसे की जाती है.

वहीं बड़े स्तर पर सोयाबीन उत्पादों का कारोबार शुरू करने के लिए एक बॉयलर (Steam Boiler) मशीन की जरूरत होती है. इस बॉयलर मशीन (Boiler Machine) से सोया मिल्क को भाप की मदद से उबालने का काम किया जाता है. इस मशीन की कीमत 02 लाख रूपए से शुरू हो जाती है.

इसके साथ ही सोया पनीर या टोफू बनाने के लिए वेट मशीन की भी जरूरत होती है. इस वेट मशीन (Weigh Machine) की कीमत लगभग 20,000 रूपए के आस-पास ही होती है.

कहां से लें-

उपरोक्त मशीनरी को आप अपने लोकल मार्केट से ले सकते/सकती हैं यदि आपके लोकल बाजार में यह मशीने नहीं मिल पा रही हैं तो इसे ऑनलाइन नीचे दी गई वेबसाइटस से खरीद सकते/सकती हैं-

  1. www.indiamart.com 
  2. www.tradeindia.com
  3. या फिर आप जिसे जानते हैं वहाँ से ऑर्डर दे सकते/सकती हैं।

कितने तरह से बनाए जाते हैं सोया उत्पाद?

सोयाबीन की दाल से अमूमन कई तरह के खाद्य उत्पाद बनाए जाते हैं जैसे-

1. सोया दूध (soybean milk),
2. सोया पनीर (टोफू) (soybean paneer-tofu)
3. सोया दही (soybean curd)
4. सोया वड़ी (soybean chunks)
5. सोया चाप (soybean chaap)
6. सोयाबीन तेल (Soybean Oil) आदि.

सोयाबीन की दाल से यह प्रोडक्ट बन जाने के बाद जो वेस्ट मटेरियल निकलता है उससे पकौड़े आदि बनाए जा सकते हैं या फिर जानवरों के भोजन के रूप में प्रयोग किया जा सकता है.

अमूमन सोया वड़ी या सोया चंक्स (soya chunks) को छोड़कर तीनों उत्पादों को बनाने के लिए सोयाबीन दाल में अलग-अलग पानी मात्रा के साथ तैयार किया जाता है. इस पोस्ट में हम सोया वड़ी या सोया चंक्स (जिसका निर्माण प्लांट लगाकर किया जाता है) को छोड़कर बाकी उत्पादों की विस्तृत चर्चा करेंगे.

सोया-उत्पाद-निर्माण-व्यवसाय-शुरू-करें-Soybean-Product-Making-Business

सोया उत्पाद तैयार/बनाने की विधि-

सोयाबीन की दाल से उत्पाद को ….. चरणों में तैयार किया जाता है-

प्रथम चरण-

पहले चरण में रॉ मटेरियल के रूप में ली गई साबुत साफ सोयाबीन दाल (soybean seed) को लेना है, (यहां सोयाबीन दाल की मात्रा 01 किलोग्राम ली गई है) इसके बाद ली गई दाल को 01 से 02 बार साफ पानी से धोना है, धुल जाने के बाद एक टब जैसे पात्र में धुली दाल को 3 से 4 लीटर साफ पानी (दाल से 01 इंच ऊपर) में लगभग 6 से 8 घंटों के लिए भिगोकर छोड़ देना है, साथ ही इसमें लगभग आधा से 01 चाय चम्मच खाने के सोडा भी जरूर मिला दें.

दूसरा चरण-

लगभग 8 घंटे पानी में भीगने के बाद सोयाबीन दाल के दाने पानी से फूल जाएंगे, इसके बाद शुरू होता है दूसरा चरण. दूसरे चरण में भीगे हुए सोयाबीन के दानों से उनके छिलके उतारे जाते हैं. छिलके उतरने के लिए आप दाल के दानों को आपस में मसलना होता है. मसलना ही सबसे कारगर तकनीक है.

तीसरा चरण-

तीसरे चरण में छिली हुई दाल में निर्धारित मात्रा में पानी मिलाया जाता है, पानी मिलाने का अनुपात अलग-अलग उत्पाद बनाने के लिए अलग-अलग निर्धारित किया जाता है. दाल में पानी की निश्चित मात्रा मिलकर ग्राइंडर मशीन से प्रोसेस किया जाता है, जहां एक तरफ से वांछित उत्पाद मिलाता है, वहीं दूसरी और से वेस्ट मटेरियल की प्राप्ति होती है.

वांछित उत्पाद के लिए पानी की मात्रा-

  • सोया दूध (मिल्क) बनाने के लिए 01 किलोग्राम भीगी हुई सोयाबीन दाल में 8 लीटर पानी लिया जाता है.
  • सोया पनीर (टोफू) बनाने के लिए 01 किलोग्राम भीगी हुई सोयाबीन दाल में 6 लीटर पानी लिया जाता है.
  • सोया दही बनाने के लिए 01 किलोग्राम भीगी हुई सोयाबीन दाल में 5 लीटर पानी लिया जाता है.

सोया मिल्क तैयार करना (soya milk making process)-

भीगी सोयाबीन दाल से सोया मिल्क को बनाना या तैयार करना सबसे आसान काम है. दूध बनाने के लिए भीगी सोयाबीन की दाल 01 किलोग्राम के साथ शुद्ध पेयजल 8 लीटर किसी पात्र में लेकर ग्राईंडर मशीन के होप्पर में डालना होता है, जहां मशीन दाल को प्रोसेस कर सोया मिल्क तैयार कर देती है.

नोट– दूध की गुणवत्ता घटाने व बढ़ाने के लिए आप पानी की मात्रा को घटा-बढ़ा भी सकते हैं.

कच्चा दूध (milk) तैयार कर लेने के बाद इसे मारकीन (एक तरह का छन्नी कपड़ा) से एक स्टील के पात्र में छान लिया जाता है. फिर इस पात्र को भट्टी या गैस चूल्हे पर उबाला जाता है, उबाल के दौरान दूध के ऊपर जो झाग बनता है, इस पूरे झाग को सावधानी पूर्वक किसी चमचे से निकाल दिया जाता है, साथ ही इसमें से सोयाबीन की दुर्गन्ध को हटाने के लिए इसमें इलाइची पाउडर, तेज पत्ता या केवड़ा की सुगंध इच्छानुसार मिलाई जाती है.

एक उबाल आ जाने के बाद जब सोया मिल्क ठंडा हो जाता है तो पूरी तरह से पिए जाने योग्य तैयार हो जाता है. इसका उपयोग कोई भी व्यक्ति उच्च प्रोटीन प्राप्त करने में कर सकता है. आज बाजार में कई उत्पाद मौजूद हैं जिनमें सोया मिल्क का प्रयोग किया जाता है.

वहीं बड़े स्तर पर दूध को उबालने का काम बॉयलर मशीन की सहायता से किया जाता है. बॉयलर मशीन पूरी तरह से ऑटोमेटिक होती है. छानने के बाद सोयाबीन की दुर्गन्ध को हटाने के लिए इसमें इलाइची पाउडर, तेज पत्ता या केवड़ा की सुगंध इच्छानुसार जरूर मिला लें क्योंकि बॉयलर मशीन वैक्यूम प्रेसर (दाब) पर काम करती है, जिसमें प्रोसेस के दौरान कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता.

सोया पनीर (टोफू) तैयार करना (soya paneer manufacturing process)-

सोया पनीर या टोफू तैयार करने के लिए 01 किलोग्राम भीगी सोयाबीन की दाल के साथ शुद्ध पेयजल 6 लीटर किसी पात्र में लेकर ग्राईंडर मशीन से पहले सोया मिल्क बनाया जाता है फिर इस दूध को एक उबाल तक उबाला या Boil किया जाता है, उबल जाने के बाद दूध में नीबू का रस 04 से 07 चम्मच या टाटरी लगभग 07 से 10 ग्राम डालकर धीरे-धीरे मिलाते हुए दूध को फाड़ा जाता है.

दूध के फट जाने के बाद इसे मारकीन से अच्छे से छानकर सारा पानी निचोड़ लिया जाता है, अब आपके पास फटे हुए दूध की एक पोटली तैयार हो चुकी होती है, अब इस पोटली को किसी साफ भारी पत्थर या वेट मशीन के नीचे लगभग 02 से 03 घंटों के लिए दबा दिया जाता है, जिससे पोटली में मौजूद सारा पानी निकल जाए और केवल बढ़िया क्वालिटी का पनीर हासिल हो सके.

लगभग 02 से 03 घंटों बाद आपका वांछित उत्पाद सोया पनीर या टोफू बिलकुल तैयार हो जाता है, आप इसे छोटे-छोटे आकर या मनचाहे आकार में काटकर ग्राहक को बेच सकते हैं.

सुझाव-

सोया पनीर (टोफू) को सुरक्षित व ताजा बनाए रखने के लिए इसे उसी छने हुए पानी में रखें जिससे सोया पनीर बना है (छने हुए पानी में 02 से 03 गुना साफ पानी अतिरिक्त मिला सकते हैं). साथ ही उबालने से पहले दूध में सोयाबीन की दुर्गन्ध को हटाने के लिए इसमें इलाइची पाउडर, तेज पत्ता या केवड़ा की सुगंध इच्छानुसार जरूर मिला लें.

सोया दही तैयार करना (soya curd making process)-

सोया दही तैयार करने के लिए 01 किलोग्राम भीगी सोयाबीन की दाल के साथ शुद्ध पेयजल 5 लीटर किसी पात्र में लेकर ग्राईंडर मशीन से पहले सोया मिल्क बनाया जाता है फिर इस दूध को एक उबाल तक उबाला या Boil किया जाता है,

उबलकर ठंडा हो जाने के बाद दूध में लगभग 70 से 100 ग्राम सामान्य दही (गाय या भैंस) का डालकर अच्छे से मिला दिया जाता है, जो 06 से 08 घंटों के बाद पूरी तरह से प्रयोग में लिए जाने को तैयार हो जाता है. उपभोक्ता डिमांड के आधार पर दही व दही से लस्सी आदि बनाकर आसानी से विक्रय व वितरण किया जाता है.

सुझाव-

उबालने से पहले दूध में सोयाबीन की दुर्गन्ध को हटाने के लिए इसमें इलाइची पाउडर, तेज पत्ता या केवड़ा की सुगंध इच्छानुसार जरूर मिला लें.

सोया उत्पाद की पैकिंग-

व्यवसायिक तौर पर सोया मिल्क, सोया दही जैसे खाद्य उत्पाद को पैककर बाजार में बिक्री के लिए टेट्रा-पैकिंग का इस्तेमाल किया जाता है, अमूमन टेट्रा-पैकिंग मशीन की कीमत काफी ऊँची होती है, जिसकी शुरुआत 20 लाख रूपए से शुरू होती है.

यदि आप छोटे स्तर पर अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं तो आप अपने क्षेत्रीय डेरियों व दुग्ध उत्पादन केन्द्रों से संपर्क कर सकते हैं, इन स्थानों पर दुग्ध व दही आदि की पैकिंग की व्यवस्था मौजूद होती है.

सोया उत्पाद निर्माण व्यवसाय का पंजीकरण-

किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले संस्था/कंपनी/एजेंसी का रजिस्ट्रेशन/पंजीकरण करना होता है और यह बेहद जरूरी भी है क्योंकि इस पंजीकृत नाम या नंबर से ही आप मार्केट/बाजार में अपना व्यापार करते हैं। 

भारत सरकार द्वारा लघु उद्योग और छोटे स्तर पर व्यापारों को पंजीकृत करने के लिए उद्यमी पोर्टल MSME विकसित किया है। जहां लगभग हर प्रकार के सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग/उद्यम का रजिस्ट्रेशन/पंजीकरण किया जा सकता है और यह पंजीकरण भारत सरकार की तरफ से बिल्कुल मुफ्त में किया जाता है।

यदि आप पूरी तरह से व्यापार के क्षेत्र में उतरना चाहते/चाहती हैं तो अपनी संस्था/कंपनी/एजेंसी का रजिस्ट्रेशन/पंजीकरण अनिवार्य रूप से जरूर करा लें। इस पंजीकरण की बदौलत आपको अपने व्यवसाय के बड़ा करने या विस्तारित करने के लिए आसानी से बैंक लोन भी मिल सकता है।

इसके अतिरिक्त मसालों का व्यवसाय करने के लिए आपको FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) का लाइसेंस व टैक्स के GST No. भी लेना जरूरी है क्योंकि सोयाबीन से बने उत्पाद, खाद्य उत्पाद के अंतर्गत आते है और एक निश्चित समय के बाद खाद्य सामग्री की गुणवत्ता घटती चली जाती है।

सोया उत्पाद निर्माण व्यवसाय के लिए आवश्यक स्थान-

छोटे स्तर पर सोया उत्पादों का व्यवसाय/कारोबार शुरू करने के लिए 10X10 (थोड़ा कम/ज्यादा) वर्ग फीट के कमरे/जगह की आवश्यकता होती है, जहां आप छोटे साइज की मशीनरी लगाकर अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं। साथ ही तैयार किया हुआ मटेरियल जैसे- सोया मिल्क, सोया पनीर या सोया दही को उसी कमरे में सुरक्षित भी रख सकते हैं। 

वहीं यदि आप बड़े स्तर पर सोयाबीन से बने उत्पादों का कारोबार शुरू करना चाहते/चाहती हैं तो आपको कम से कम 1,500 वर्ग फीट के कमरे/जगह की आवश्यकता होती है, जहां आप बड़े साइज की मशीनरी लगाकर अपना कारोबार बड़े पैमाने पर शुरू कर सकते हैं। 

बड़े पैमाने पर तैयार उत्पाद या मटेरियल को सुरक्षित रखने के लिए आपको एक अलग स्थान या कमरे के साथ रेफ्रिजरेटर की जरूरत होगी। साथ ही चयनित स्थान पर 04 से 10 किलोवाट क्षमता का बिजली कनेक्शन और पानी की निरंतर सप्लाई की व्यवस्था का होना भी आवश्यक है. इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अनापत्ति पत्र (NOC) लेना भी जरूरी है.

सोया उत्पाद निर्माण व्यवसाय में मैनपावर की जरूरत-

सोया उत्पाद बनाने के व्यवसाय या कारोबार में छोटे स्तर पर कम से कम 02 मैनपावर की जरूरत होती है, जिसमें एक मैनपावर द्वारा सोयाबीन की दाल को प्रोसेस करने का काम करता है और दूसरे के द्वारा तैयार उत्पाद का रख-रखाव किया जाता है.

वही यदि बड़े पैमाने पर सोया उत्पाद बनाने का व्यवसाय या कारोबार शुरू किया जाए तो कम से कम 5 से 12 मैनपावर की आवश्यकता होती है. यह मैनपावर या कर्मचारी- मैनेजर, अकाउंटेंट, कुशल कारीगर, रेसिपी मेकर, मार्केटर और सफाई कर्मी आदि हो सकते हैं.

कहां बेचना है-

अमूमन सोया उत्पादों की डिमांड/मांग उन उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा होती है, जिन्हें उच्च प्रोटीन लेना होता है, ये उपभोक्ता कसरत करने वाले, कुपोषित और आज लगभग सभी ऐसे लोग जिन्हें सामान्य भोजन से ऊपर प्रोटीन की जरूरत होती है.

सोया उत्पाद निर्माण व्यवसाय की कुल लागत-

सोया उत्पाद बनाने के व्यवसाय की शुरूआत कम से कम धनराशी के निवेश के साथ की जा सकती है. छोटे स्तर पर या घर से शुरू करने के लिए निवेश की जाने वाली संभावित लागत लगभग 50,000 रूपए तक होती है, जबकि बड़े स्तर पर सोया उत्पाद बनाने के व्यवसाय शुरूआत करने में लागत लगभग 3.50 से 25 लाख रूपयों की आवश्यकता होती है.

सोया उत्पाद निर्माण व्यवसाय में मुनाफा-

बात करें सोयाबीन से निर्मित उत्पादों के मुनाफे की तो मुनाफा शब्द मौलिक तौर पर एक ऐसा शब्द है जो हर किसी को एक नई प्रेरणा देता है. सोयाबीन से बने अलग-अलग उत्पादों से अलग-अलग दर का मुनाफा लिया जाता है.

मसलन आमतौर पर खुदरा बाजार में सोया मिल्क 200 रूपए प्रति लीटर की दर से, सोया पनीर (टोफू) 450 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से, सोया दही 120 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से और सोया चाप लोकल/स्थानीय बाजार में 20 से 25 रूपए प्रति स्टिक की दर से आसानी से विक्रय/बिक्री किया जाते है.

जहां सोयाबीन से बने प्रत्येक उत्पाद पर 40 प्रतिशत से लेकर 70 प्रतिशत तक मुनाफा लिया अथवा कमाया जाता है. बाजार में मांग आधार पर मुनाफे में थोड़ा-बहुत उतार-चढ़ाव संभावित होता है. यह मुनाफा आपके तैयार उत्पाद की गुणवत्ता के आधार पर पूरी तरह से निर्भर करता है.

अंत में-

हमारा उद्देश्य उन इच्छुक उम्मीदवारों, उद्यमियों, व्यवसायियों, व्यापारियों और कारोबारियों को बेहतर से बेहतर जानकारी प्रदान करना है, जो सोयाबीन से बने उत्पादों के व्यवसाय को करने के इच्छुक हैं और इस व्यवसाय में अपना भविष्य में देख रहे हैं.

नोट किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले बाजार/मार्केट रिसर्च एवं खपत का आंकलन अनिवार्य रूप से अवश्य करें. ऐसा करने से आपको व्यवसाय में आने वाले जोखिम और दिक्कतों का सामना करने में आसानी हो जाएगी और बाजार में डिमांड के अनुरूप आप अपने products का निर्माण भी अच्छे से कर पाएंगे.

आशा है आपको इस लेख सोया उत्पाद निर्माण व्यवसाय कैसे शुरू करें’ से सोयाबीन से बने उत्पादों का  business/व्यवसाय, व्यापार व कारोबार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ छूट गया हो या कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया  comment box में जरूर लिखें. तब तक के लिए-

शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल व्यापारिक भविष्य के लिए

धन्यवाद!

जय हिंद! जय भारत!

RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular