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कम लागत में घर से शुरू करें ऑयस्टर मशरूम की खेती | Start Oyster Mushroom Farming from Home at Low Cost

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ऑयस्टर मशरूम की खेती: यदि आप ऐसे व्यवसाय को करना चाहते हैं जो कम लागत लगाकर शुरू किया जा सकता हो और उद्यम/व्यवसाय से अच्छा मुनाफा भी कमाया हो तो मशरूम की खेती (Mushroom Farming) एक लाभकारी विकल्प साबित हो सकता है. जी हां यह बात बिलकुल सही है कि मशरूम की खेती करने में बहुत ही कम पूँजी का निवेश और वो भी सीमित समय के लिए करना पड़ता है.

यदि आप स्वादिष्ट भोजन के शौक़ीन हैं तो आपने मशरूम जरूर खाया होगा. मशरूम! स्वाद में काफी लज़ीज़ होने के साथ हमारे शरीर को पोषण से भरपूर बनाने का काम भी करता है. वैसे मशरूम की ढेरों किस्में पूरी पृथ्वी पर मौजूद है लेकिन इनमें से केवल कुछ मशरूमो की किस्में (types of mushrooms) ही आहार में लिए जाने के लिए उपयुक्त मानी गई है.

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कम लागत में शुरू करें मशरूम की खेती (Start Mushroom Farming at Low Cost)

मौजूदा बाजार में आहार में ली जाने वाली कई मशरूम किस्मे (mushroom verity) देखने को मिल जाती हैं या यूं कहा जाए कि भारत की जलवायु के कारण यहां कुछ ही मशरूमों की सफल खेती कर पाना संभव है. मसलन-

  1. सफ़ेद बटन मशरूम जिसे कुंभ मशरूम के नाम से भी जाना जाता है,
  2. ऑयस्टर मशरूम (oyster mushroom) जिसे ढिंगरी मशरूम के नाम से भी जाना जाता है,
  3. मिल्की मशरूम जिसे दूधिया मशरूम के नाम से भी जाना जाता है,
  4. पैडीस्ट्रा मशरूम,
  5. शिटाके मशरूम,
  6. गेनोडर्मा मशरूम और
  7. गुच्ची मशरूम

मशरूम खेती व्यवसाय आज सबसे अधिक लाभ देने वाले कृषि व्यवसायों में से एक बनकर उभरा है, जिसे कम निवेश और कम जगह के साथ कोई भी व्यक्ति प्रशिक्षण लेकर आसानी से शुरू कर सकता है.

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मशरूम-किस्मे-mushroom-verity

साल 2019-20 में मशरूम का उत्पादन हमारे देश भारत में लगभग 1.30 लाख टन तक हुआ था जो बढ़ती मांग के कारण बढ़ता जा रहा है. इन तथ्यों को देखकर स्पष्ट हो जाता है कि मशरूम की खेती को व्यवसायीक रूप में शुरू करना इच्छुक व्यवसायीय/किसान के लिए एक अच्छे फायदे का व्यवसाय सिद्ध हो सकता है.

और आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपके साथ मशरूम की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी साझा करने जा रहे हैं. पोस्ट के समाप्त होने पर आपके पास मशरूम खेती से संबंधित ढेर सारी जानकारी जरूर होगी. जिसका इस्तेमाल कर आप अपना खुद का मशरूम व्यवसाय आसानी से शुरू कर सकते हैं. चलिए शुरू करते हैं-

Table of Content

मशरूम क्या होता है (What is Mushroom)-

यदि आप मशरूम खेती के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं तो यह बेहद जरूरी हो जाता है कि सबसे पहले आप जाने कि आखिर मशरूम होता क्या है?

मशरूम! एक प्रकार का कवक (fungi) है जो फफूंद (fungus) से विकसित होकर पौधे का रूप ले लेता है. अमूमन मशरूम की उत्पत्ति पृथ्वी पर मौजूद पेड़ों पर उगने वाली फ़फ़ून्द से पहले की मानी जाती है.

प्राचीन मशरूम विशाल होते थे जिनकी ऊंचाई लगभग 24 फीट और चौड़ाई 03 फीट तक मानी जाती थी. प्राचीन विशालकाय मशरूमों की तुलना में आज के मौजूदा मशरूम मात्र एक तिहाई या पांचवां हिस्सा ही होते हैं.

मशरूम की उपयोगिता (Importance of Mushrooms)-

आज मशरूमों का उत्पादन (मशरूम की खेती) भोजन व उसके औषधीय गुणों को प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है. मशरूम को उन खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है जिनमें कई पोषक तत्व और औषधीय गुण होते हैं। मशरूमों में अमूमन एंटी-ऑक्सिडेंट (antioxidant), सूजनरोधी (anti-inflammatory), रोगाणुरोधी (antimicrobial), इम्यूनो-मॉड्यूलेटिंग (immunomodulating) और एंटी-कैंसर (anticancer) प्रभावों को दूर करने वाले गुण व तत्वों का भंडार होता है.

ऐतिहासिक काल में रोमनों और यूनानियों का मानना ​​था कि भोजन के रूप में लिया जाने वाला मशरूम युद्ध में योद्धाओं को शक्ति प्रदान करता है। जिस कारण मशरूम को “देवताओं के भोजन” के रूप में माना जाता था.

नोट- इस पोस्ट में हम सफ़ेद ऑयस्टर मशरूम का उल्लेख करेंगे.

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आजकल के मशरूमों में पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे- पोटेशियम, सेलेनियम, विटामिन B1 और B2, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन C, विटामिन D और विटामिन K के साथ-साथ कम मात्रा में कैलोरी, वसा और कार्बोहाइड्रेट का समावेश होता है. मशरूम के इन गुणों के कारण ही मशरूम की मांग हमेशा विश्व स्तर पर बनी ही रहती है.

जिससे यदि कोई इच्छुक व्यवसायीय व्यवसायिक तौर पर मशरूम की खेती शुरू कर मशरूम का उत्पादन करता है तो वह मशरूम उत्पादन से अच्छा ख़ासा मुनाफा भी कमा सकता है. तो अब प्रश्न उठता है कि मशरूम की खेती के लिए किन-किन चीजों, घटकों व कितने स्थान की आवश्यकता होती है? साथ ही कितनी लागत लगाकर आसानी से मशरूम की सफल पैदावार की जा सकती है?

सबसे पहले आपको बता दें कि मशरूम की खेती तापमान आधरित खेती होती है, अलग-अलग मशरूम अलग-अलग तापमान पर ही विकसित होते हैं. यदि आप कृत्रिम रूप से तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं तो साल के किसी भी मौसम में अलग-अलग किस्मों के मशरूमों की खेती कहीं भी कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं.

तो सबसे पहले बात करते हैं ऑयस्टर (ढिंगरी) मशरूम की. इसको ग्रो करने का सबसे बेहतर और कम लागत वाला तरीका क्या है? इस पर चर्चा शुरू करने से पहले हमें यह समझना होगा कि ऑयस्टर (ढिंगरी) मशरूम क्या और कितनी किस्मों का होता है?

ऑयस्टर (ढिंगरी) मशरूम (Oyster Mushroom)-

ऑयस्टर मशरूम प्लुरोटस प्रजाति (Pleurotus species) से संबंधित है और दुनिया भर में व्यापक रूप से खेती की जाने वाली मशरूम में शुमार है। ऑयस्टर मशरूम गुच्छों में उगता है जो आमतौर पर सफेद और भूरे रंग के होते हैं.

एक अध्ययन के अनुसार प्लुरोटस प्रजाति के मशरूम में अधिक मात्रा में (oyster mushroom benefits) एंटीऑक्सीडेंट, एंटीट्यूमर और सूजनरोधी जैसे गुण भरपूर होते हैं. ढिंगरी मशरूम में जिंक, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन सी, फोलिक एसिड, नियासिन, विटामिन बी-1 और बी-2 जैसे पोषक तत्व भी अत्यधिक मात्रा में होते हैं।

कई औषधीय गुणों के समांवेशन के कारण सामान्य तौर पर ढिंगरी मशरूम का उत्पादन भोजन व औषधि प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इसे उगाना भी बहुत ही आसान होता है. इसे उगाने के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना होता है-

बुवाई का समय व तापमान (Cultivate Time & Temperature)-

ऑयस्टर या ढिंगरी मशरूम की खेती साल में दो बार की जाती है-

  1. अप्रैल से सितम्बर तक (फसल अवधि 20 से 40 दिन)
  2. अक्टूबर से फ़रवरी तक (फसल अवधि 20 से 40 दिन)

साथ ही ऑयस्टर या ढिंगरी मशरूम की फसल को पनपने के लिए 10 से 33 डिग्री सेल्सियल का तापमान चाहिए होता है. यदि आप कृत्रिम तरीकों से तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं तो इसका तापमान 10 से 26 डिग्री सेल्सियल तक ही रखें, बेहतर परिणाम मिलेंगे. अधिक जानकारी के लिए यह पोस्ट अवश्य पढ़ें- एरोपोनिक्स तकनीक से करें केसर की खेती.

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मशरूम की खेती के लिए आवश्यक स्थान (Required Area for Mushroom Cultivation)-

प्राय: व्यवसायिक तौर लगभग सभी मशरूमों की खेती छायादार या अंधेरे स्थानों पर ही की जाती है. ढिंगरी मशरूम की सफल खेती करने के लिए आपको ऐसा स्थान (कमरे को) चुनना होता है जहां पर हल्का अंधेरा बना रहता हो, (आप इस स्थान पर जीरो वाट की सफ़ेद LED Light लगा सकते हैं) और एक रोशनदान का होना जरूरी है जिससे वेंटिलेशन को संतुलित किया जा सके.

मशरूम स्पान (बीज) का चुनाव (Spawn Selection)-

स्थान चिन्हित कर लेने के बाद बारी आती है मशरूम के बीज के चयन/चुनाव करने की. किसी भी मशरूम के बीज को बाजार में स्पान के नाम से जाना जाता है. ऑयस्टर मशरूम या किसी भी मशरूम की खेती (oyster mushroom cultivation) शुरू करने से पहले हमें यह जानना जरूरी होता है कि वांछित मशरूम की कितनी किस्में होती हैं और किस किस्म का उत्पादन कम लागत में किया जा सकता है.

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व्यवसायिक तौर पर ढिंगरी मशरूम की इन किस्मों का उत्पादन किया जाता है. ये किस्में हैं-

  1. सफ़ेद ढिंगरी मशरूम- Pearl Oyster (Pleurotus ostreatus)
  2. नीला ढिंगरी मशरूम- Blue Oyster (Pleurotus ostreatus var. columbinus)
  3. सुनहरा ढिंगरी मशरूम- Golden Oyster (Pleurotus citrinopileatus)
  4. गुलाबी/नारंगी ढिंगरी मशरूम- Pink Oyster (Pleurotus salmoneo stramineus)
  5. Phoenix Oyster (Pleurotus pulmonarius)
  6. King Oyster (Pleurotus eryngii)

इनका उत्पादन भोजन व औषधि बनाने में किया जाता है. साधारणतया भोजन प्राप्त करने के लिए व्यवसायिक तौर पर खेती में सामान्य रूप से सफ़ेद ऑयस्टर मशरूम (Pearl Oyster) और नीले ऑयस्टर मशरूम (Blue Oyster) को प्राथमिकता पर चुना जाता है. आप अपनी इच्छानुसार इनमें से किसी एक या सभी का चुनाव कर सकते हैं.

व्यवसायिक तौर पर अच्छी किस्म का बीज प्राप्त करने के लिए कम से कम एक माह पहले जहाँ से स्पान (बीज) (oyster mushroom spawn) खरीदना है वहां बुकिंग करा देनी चाहिए, जिससे निर्धारित समय पर उच्च गुणवत्ता का बीज तैयार किया जा सके।

कहां से लें (Where to buy)-

व्यवसायिक तौर पर मशरूम स्पान को खरीदने के लिए आप हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार (हरियाणा) संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा कई अन्य सहकारी संसथान भी है जो मशरूम स्पान का निर्माण करते हैं उनसे भी संपर्क कर सकते हैं.

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सरकारी स्पॉन उत्पादन केन्द्रों के अलावा कई मशरूम विशेषज्ञ व किसान भी निजी रूप से मशरूम स्पान (बीज) के उत्पादन से जुड़े हैं जिनसे संपर्क कर आप अपने इच्छित मशरूम स्पान तैयार कराकर खरीद सकते हैं. आप मशरूम स्पान को ऑनलाइन भी आसानी से खरीद सकते हैं.

मशरूम की खेती के लिए आवश्यक समान (Necessary Equipment)-

ऑयस्टर मशरूम की पैदावार करने के लिए हमें इन वस्तुओं की प्राथमिक जरूरत होती है-

  1. साधारण साफ़ भूसा (बिना भीगा हुआ)- 20 किलोग्राम (कीमत- 06 रूपए प्रति किलोग्राम)
  2. ड्रम या टैंक- 250 लीटर क्षमता (लीकेज मुक्त) (कीमत- 80 रूपए प्रति पीस से शुरू)
  3. N.P.K.-20 मिली ग्राम (कीमत- 30 रूपए प्रति किलोग्राम से शुरू)
  4. कैल्सियम कार्बोनेट- 25 मिली ग्राम (कीमत- 05 रूपए प्रति किलोग्राम से शुरू)
  5. शुद्ध पेयजल
  6. मशरूम स्पान (बीज)- 01  किलोग्राम (कीमत- 150 रूपए प्रति किलोग्राम से शुरू)
  7. पोलीथिन 05 किलो क्षमता की- 10 पीस (कीमत- 05 रूपए प्रति पीस से शुरू)
  8. रबर बैंड या डोरी पोलीथिन सील करने के लिए (कीमत- 05 रूपए प्रति पीस)
  9. मजबूत रस्सी- नारियल या जूट की (कीमत- 10 रूपए प्रति मीटर से शुरू)
  10. चाकू (कीमत- 05 रूपए प्रति पीस)

नोट- उपरोक्त बताई गई कीमतें किये गए सर्वे आधार पर हैं, जिनपर बाजार के उतार-चढाव के कारण परिवर्तन संभव है.

मशरूम की खेती के लिए खाद तैयार करना (Prepared Compost for Mushrooms Cultivation)- 

ढिंगरी मशरूम को उगाने के लिए (oyster mushroom cultivation) ऊपर बताई गई मात्रा के अनुसार सबसे पहले ड्रम लेना है. इसके बाद इसमें 200 लीटर शुद्ध पानी भर देना है. इसके बाद इस पानी में N.P.K. और कैल्सियम कार्बोनेट बताई गई मात्रा के अनुसार अच्छे से मिला देना है. तत्पश्चात इसमें भूसे को धीरे-धीरे डुबोना है. जब भूसा डूब जाए तो इसे 12 घंटो के लिए ऐसे ही छोड़ दें.

लगभग 12 घंटो के बाद भूसे को ड्रम से पानी निचोड़ते हुए बाहर निकालना है और नीचे किसी साफ सूती कपड़े/चादर पर फैला देना है. जब भूसा नम महसूस हो तो समझ लीजिए कि ऑयस्टर मतलब ढिंगरी मशरूम को उगाने के लिए खाद या soil media तैयार हो चुकी है.

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मशरूम की खेती के तहत बीज रोपण विधि (Process of mushroom seedling)-

जब भूसा केवल नम हो तब एक पोलीथिन बैग को लेना है और इसमें इस नम भूसे की 1.5 से 02 इंच मोटी परत बनानी है फिर इस परत पर मशरूम स्पान (बीजों) को पोलीथिन बैग के किनारे से केंद्र की ओर छितराते/बिखेरते हुए फैलाना होता है.

बीज फ़ैलाने के बाद फिर से भूसे की 1.5 से 02 इंच मोटी परत बनानी है फिर इस परत पर मशरूम स्पान (बीजों) को पोलीथिन बैग के किनारे से केंद्र की ओर छितराते हुए फैलाना होता है. बीज रोपण के अंतिम छिड़काव के बाद भूसे की आखिरी 1.5 से 02 इंच मोटी परत बनानी होती है.

पोलीथिन बैग तैयार हो जाने के बाद इन बैगों को चिन्हित अंधेरे स्थान में किसी बांस या क्षण पर रस्सी से लटकाना होता हैं या स्टैंड आदि का प्रबंध कर उस पर रखना होता हैं. इसके बाद पोलीथिन बैग में एक साफ नुकीली लकड़ी या छेदक से छोटी उंगली मोटाई के 05 से 07 छिद्र बनाये जाते हैं.

मशरूम की खेती के लिए आवश्यक चरण (Important steps for mushroom cultivation)- 

  • शुरुआती चरण में स्थान पर अंधेरा होना जरूरी है.
  • साथ ही पोलीथिन बैग में छिद्र वहां पर करें जहां पर बीज रोपे गए हों.
  • निरीक्षण करते समय यदि पोलीथिन बैग में नमी की कमी लगे तो किसी स्वच्छ स्प्रे बोतल से पानी का स्प्रे प्राथमिकता पर जरूर करें.

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मशरूम की खेती तहत फसल तैयार करना- 

करीब 10 से 12 दिनों बाद पोलीथिन बैग में किए गए छिद्रों से मशरूम का अंकुरण शुरू होने लगता है, अंकुरण हो जाने के बाद आप स्थान पर ज़ीरो वाट की सफ़ेद एल0ई0डी0 लाईट को प्रयोग में ले सकते हैं. ढिंगरी मशरूम अंकुरण के पश्चात बड़ी तेजी से बढ़ता है.

हालांकि प्रकाश में या दिन में आप ऑयस्टर मशरूम की बढ़त धीमी गति से होती है. वहीँ अँधेरे या रात में ऑयस्टर मशरूम तीव्र गति से बढ़ता है. आप खुद भी इसका परिक्षण कर सकते हैं.

मशरूम की हार्वेस्टिन्ग-

मशरूम अंकुरण के करीब 08 से 10 दिनों के बाद या पर्याप्त आकार के हो जाने के बाद मशरूम की पहली फसल को एक साफ़ चाकू या ब्लेड से हार्वेस्ट/कटाई किया जाता है. अमूमन पहली फसल (fruiting) के बाद एक पोलीथिन बैग से करीब 20 से 40 दिनों तक फसल ली जा सकती है.

मशरूम की खेती में सावधानियां-

  1. जब भी फसल की कटाई करें तो कटिंग टूल जैसे- चाकू या ब्लेड को अच्छे से साफ जरूर कर लें,
  2. फसल कटाई के बाद कटिंग स्थान पर नमी बनाए रखने के लिए साफ पानी से स्प्रे जरूर करें.
  3. यदि पहली फसल कटाई के बाद किसी पोलीथिन बैग से पुन: अंकुरण नहीं हो रहा है तो उस पोलीथिन बैग को स्थान से बाहर निकालकर नष्ट कर दें अथवा कूड़े आदि में फेंक दें.
  4. स्थान पर साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें.

मशरूम की मार्केटिंग (oyster mushroom marketing plan)-

लोग हमेशा बाजार में मौजूद सबसे अनोखे उत्पादों को उपयोग करने की कोशिश करते हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह उत्पाद कितना फायदे मंद है. मशरूम प्रेमी (Mushroom Lovers) अब सामान्य बटन मशरूम को छोड़कर ऑयस्टर मशरूम या ढिंगरी मशरूम को अधिक महत्व दें रहे हैं जो कि ऑयस्टर मशरूम की बढती मांग व खपत और इसके व्यवसाय की शुरुआत के लिहाज़ से कई संभावनाएं पैदा कर रही है.

शुरूआती स्तर पर ऑयस्टर मशरूम की मार्केटिंग (Mushrooms Marketing) व विक्रय के लिए आप अपने स्थानीय हाट-बाजार और सब्जी विक्रय कर्ताओं से संपर्क करें. आप एक बैनर या पोस्टर डिज़ाइन करवाए जिसमें अपने उत्पाद (मशरूम) की खूबियों/गुणों  का अच्छे से उल्लेख किया गया हो.

आप जिसके पास अपना उत्पाद विक्रय (Product Selling) के लिए भेजे या दें उसे इस  बैनर या पोस्टर को जरूर दें साथ ही उनसे इसे अपनी दुकान, स्थान या स्टोर पर प्राथमिकता पर लगाने के आग्रह करें. ऐसा करने से एक तरफ आप अपनी कंपनी या संस्था का भी प्रचार होगा और दूसरी तरफ से आपके उत्पाद की मार्केटिंग तो होगी ही होगी.

ज्यों-ज्यों जन सामान्य में बैनर या पोस्टर पर छपी मशरूम की खूबियों/गुणों की जानकारी बढ़ेगी, त्यों-त्यों आपके उत्पाद की बिक्री होने और खपत बढ़ने होने की सम्भावना बढती जाएगी. बहुत ही साधरण परन्तु कारगर तकनीक है. आप इसे बेझिझक आजमा व अपना सकते हैं.

इसके साथ ही अपने क्षेत्र के सभी छोटे-बड़े होटलों, ढाबों और कैंटीन आदि से प्राथमिकता पर जरूर संपर्क करें. आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे.

ऑयस्टर मशरूम को सुखाकर बेचना (Selling Dry Mushroom)-

यदि आप अपने ऑयस्टर मशरूम को बाजार में नहीं बिक्री हो पा रहा है तो आप ऑयस्टर मशरूम को सुखाकर उसका चूर्ण (powder) बनाकर भी अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. ऑयस्टर मशरूम का चूर्ण (powder) मौजूदा बाजार में काफी ऊँचे दामों पर बिकता है और इसकी डिमांड भी हमेशा बनी रहती है. आप इसका मूल्य किसी भी ऑनलाइन e-commerce वेबसाइट पर देख सकते हैं.

ऑयस्टर मशरूम को सुखाकर चूर्ण बनाने के लिए मशरूमो को सूरज की धूप में सुखाया जाता है, जब पूरी तरह से ऑयस्टर मशरूम सूखकर कड़ा या ठोस हो जाता है तो मशीनों की सहायता से इसका पाउडर बनाया जाता है. पाउडर बनाकर बाजार में बेचने के लिए आपको दो पंजीकरण कराने जरूरी हैं. जो हैं-

  1. MSME पंजीकरण
  2. GST No. (टैक्स) पंजीकरण

ये दोनों पंजीकरण करा लेने के बाद आप आसानी से बाजार में ऑयस्टर मशरूम या किसी भी मशरूम का चूर्ण (mushroom powder) बनाकर बेचने का बिजनेस या व्यवसाय शुरू कर सकते हैं.

FAQ.

मशरूम फार्मिंग के प्रशिक्षण के लिए आवेदन कहां करें?

मशरूम फार्मिंग का प्रशिक्षण लेने के लिए आप 03 स्थानों का चयन कर सकते हैं-
1. कृषि विज्ञान केन्द्र
2. कृषि महाविद्यालय
3. निजी प्रशिक्षण दाता (जो पहले से मशरूम की सफल खेती कर रहा हो)

मशरूम फार्म प्लांट कैसे और कहां से बनवाएं जिसके अन्दर मसरुम उगाया जाता है?

मशरूम को उगाने के लिए बहुत ही सीमित स्थान (area) की आवश्यकता होती है, आप चाहे तो मशरूम उगाने की शुरुआत अपने घर के एक छोटे से कमरे से भी कर सकते हैं. मशरूम की खेती के लिए विशेष तौर पर अँधेरे स्थान (10 X 10) और निश्चित तापमान की आवश्यकता होती है.

छोटे स्थान पर मशरूम की खेती करने के लिए स्थान को इस प्रकार सुनियोजित किया जाता है, जिसमें पंक्ति दर पंक्ति मशरूम उगाने की प्रक्रिया आसानी और सफलता से की जा सके.

मशरूम की फार्मिंग के लिए खाद कहा से ले?

यदि आप व्यवसायिक स्तर मशरूम की खेती करना चाहते हैं तो आपको मशरूम उगाने के लिए खाद को स्वयं ही निर्मित करना जरूरी है, खाद बनाने की प्रक्रिया ऊपर बताई गई है जो कि बहुत आसान है. आप मशरूम उगाने के लिए खाद के लिए पराली का भी उपयोग कर सकते हैं.

मशरूम का बीज कहां मिलता है?

मशरूम का बीज (Mushroom seeds) खरीदने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि महाविद्यालय के अलावा निजी संस्था/किसान से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा आप Mushroom Span को ऑनलाइन भी आसानी से खरीद सकते हैं.

सबसे महंगा मशरूम कौन सा है?

गुच्छी मशरूम, जिसे दुनिया का सबसे महंगा मशरूम माना जाता है. गुच्छी मशरूम मुख्य रूप से भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू व कश्मीर में स्वत: ही उगता है. इसकी कीमत लगभग 27 से 30 हजार रूपये प्रति किलोग्राम के आस-पास देखने को मिलती है.

मशरूम से भरपूर पोषण लेने के लिए मशरूम का सेवन कब करना चाहिए?

किसी भी प्रकार के मशरूम से बेहतर पोषण हांसिल करने के लिए मशरूम को साफ करके 2-3 टुकड़े में काट कर कम से कम 30 मिनट के लिए धूप में रखे, धूप में रखने से मशरूम में विटामिन डी की मात्रा बढ़ जाती है, परिणाम में मशरूम खाने में स्वादिष्ट और पोषण से युक्त भी हो जाता है. आप स्वयं परिक्षण कर सकते हैं.

अंत में-

स्वास्थ्य की दृष्टी से मशरूम का सेवन करना (खाना) हमारे शरीर को बेहतर बनाता है, प्राचीन समय से हमारे पूर्वजो द्वारा इसका सेवन किया गया है जो आज की पीढ़ी के लिए एक सुपर food बनकर उभरा है और अपने गुणों के कारण पूरी दुनिया में उपयोग में लिया जा रहा है.

हमारा उद्देश्य सभी इच्छुक व्यवसायीयों, उद्यमियों, किसानों और खेती/कृषि प्रेमियों को बेहतर से बेहतर जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे अपनी कृषि योग्यताओं को बेहतर से बेहतरीन बना सके और अपने द्वारा तैयार की गई र्गेनिक सब्जियों और औषधियों से लाभ उठा सकें.

आशा है आपको इस लेख ‘कम लागत में घर से शुरू करें मशरूम की खेती (oyster mushroom farming)’ से ऑयस्टर/ढिंगरी मशरूम की खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ छूट गया हो या कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें. तब तक के लिए-

“शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल कृषि के लिए”

 धन्यवाद!

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2 टिप्पणी

    • जी हां! देश के तहत आने वाली सभी राज्य सरकारें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मशरूम की खेती पर सब्सिडी/अनुदान मुहैया कराती हैं. सब्सिडी/अनुदान की विस्तृत जानकारी के लिए जिला उद्यान कार्यालय, नाबार्ड के साथ किसी भी सहकारी बैंक से हांसिल की जा सकती है…

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