गोबर से ईंट निर्माण व्यवसाय (Gobar Bio Brick Making Business), गोबर से ईंट बनाने की विधि, वैदिक ईंट बनाने के लिए मैनपावर, व्यवसाय का पंजीकरण, आवश्यक स्थान व गोबर की ईंट (gobar bricks) बनाने के लिए कितने तरह के रॉ मटेरियल्स की जरूरत होती है
पारंपरिक मिटटी से बनी इंटों की अपेक्षा गोबर से बनी ईंट (Cow dung brick/loaf) पूरी तरह से eco friendly होने के साथ-साथ ज्यादा टिकाऊ भी मानी जाती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि गोबर से बनी ईंटों की स्ट्रेंथ, मिटटी से बनी ईंटों से अधिक होती है.
साथ ही गोबर से बनी ईंटे (गौक्रीट-bio brick), मिट्टी की ईंटों की तुलना में वजन में हल्की भी होती हैं, इसके आलावा गोबर से बनी ईंटों में सामान्य ईंटों की अपेक्षा कई विशेष गुण भी पाए जाते हैं. मसलन गोबर से बनी ईंटों में…
- रेडियेशन के खतरे को कम करने में सहायक होती हैं,
- उत्सर्जित अतिरिक्त कार्बन के खतरे को रोकने में सहायक.
- वातावरण से कार्बन की मात्रा को कम करने में सहायक.
- दीवारों को सड़ने व फफूंद आदि से बचाने में सहायक होती हैं.
- गोबर से बनी ईंटों से बने भवन में ऑक्सिजन (O2) का लेवल बहुत अच्छा होता है.
- भवन में बैक्टीरिया संक्रमण के खतरे को कम करने में सहायता मिलती है.
- भवन का अंदरूनी तापमान संतुलित बना रहता है.
गोबर से ईंट बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक स्थान-
छोटे स्तर पर गोबर आधारित ईंटों का निर्माण व्यवसाय/उद्यम (cow dung bio brick making business) स्थापित करने के लिए कम से कम 1500 से 2000 sqft area की आवश्यकता होती है. वही यदि बड़े स्तर पर वैदिक ईंट बनाने का व्यवसाय स्थापित करने के इच्छुक है तो आपको 2000 से 5000 sqft area अथवा इससे ऊपर की आवश्यकता पड़ेगी.
व्यवसाय स्थापित करने के लिए चयनित स्थान का ऐसी जगह पर स्थित होना जरूरी है जहां से कच्चा माल लगातार व आसानी से मिलता रहे तथा बड़े वाहनों आदि द्वारा कच्चा माल लाने व तैयार माल ले जाने में सुगमता हो.
यह चयनित स्थान यदि रिहाइसी क्षेत्रों से दूरी पर जैसे- डेयरी के आस-पास अथवा जहाँ अधिक संख्या में पशु का पालन किया जाता हो वहां पर स्थापित हो तो सबसे उत्तम है.
गोबर से ईंट बनाने के व्यवसाय का पंजीकरण-
व्यवसायिक स्तर पर गोबर आधरित उत्पाद बनाने और बाजार में बिक्री करने के लिए Gobar Products Manufacturing Business का पंजीकरण कराना अनिवार्य है. व्यवसाय का पंजीकरण कराने से सरकार द्वारा व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन व सब्सिडी जैसी सुविधा भी सुलभ हो जाती है.
गोबर आधारित उत्पाद निर्माण व्यवसाय शुरू करने के लिए नीचे बताए गए प्रमाणों से प्रमाणन कराना होता है-
- MSME (उद्यम पंजीकरण)
- GST No (टैक्स पंजीकरण)
- NOC (No Objection Certificate) प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र
गोबर से ईंट बनाने के लिए रॉ मटेरियल (Raw material for making Cow Dung Brick)-
गोबर से ईंटों का निर्माण करने के लिए मात्र 02 ही मुख्य घटकों कि आवश्यकता होती है-
- गाय का गोबर- 04 किलोग्राम
- चूना- 400 से 600 ग्राम
- जिप्सम- 50 से 100 ग्राम
- ग्वार गम – आवश्यकतानुसार (वैकल्पिक)
- नींबू का रस/सिट्रिक एसिड – आवश्यकतानुसार
- पानी- आवश्यकतानुसार
नोट- उपरोक्त बताई गई कच्चे माल की मात्रा में फेर बदल कर अन्य रेसिपी से भी गोबर की ईंटों/प्राकृतिक ईंटों को आसानी से बनाया जा सकता है.
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सुझाव-
यदि गोबर से टाइल्स (Gobar Tiles) आदि का निर्माण करना चाहते हैं तो बताई गई सामग्री में जिप्सम और चूने की मात्रा को 20 से 60 प्रतिशत बढ़ा सकते हैं.
गोबर से ईंट बनाने के लिए आवश्यक उपकरण (Required Equipment)-
गोबर उत्पाद निर्माण व्यवसाय जैसे unique business ideas के तहत गोबर से इको फ्रेंडली ईंटो का निर्माण अथवा गोबर से बने किसी भी उत्पाद का निर्माण करने के लिए कुछ आवश्यक उपकरणों की प्राथमिक आवश्यकता होती है. ये उपकरण हैं-
- रबर के दस्ताने
- हस्त निर्माण के तहत ईंट ढालने वाले सांचे/फर्मे
- आवश्यक उपकरण- फावड़ा, टब/टोकरी व सम्बंधित औजार
ये सभी उपकरण आपको अपने स्थानीय/लोकल मार्केट की दुकानों में आसानी से मिल जाएंगे. यदि नहीं मिलते हैं तो आप इन उपकरणों को ऑनलाइन भी e-commerce वेबसाइटों से खरीद सकते हैं, इसके अलावा आप इन उपकरणों को एक कुशल कारीगर से भी बनवा सकते हैं.
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गोबर से ईंट बनाने की विधि (Cow Dung Brick Making Process)-
अमूमन जिज्ञासावश अधिकतर नए व उभरते हुए उद्यमियों/व्यवसायियों को गोबर से ईंट बनाने की विधि को जानने की ललक जरूर होती है, और ललक/लालसा होना भी आवश्यक है क्योंकि जिज्ञासु उद्यमी, जल्द ही समाज में अपना सफल कारोबार स्थापित कर लेते हैं.
गोबर से ईंट बनाने की विधि/प्रकिया को नीचे बताये गए चरणों के अनुसार पूरा किया जाता है-
- गोबर से ईंट बनाने के लिए बताई गई कच्चे माल की मात्रा को आपस में मिक्स करना होता है. मिश्रण को अच्छे से तैयार करने के लिए आवश्यकतानुसार पानी भी मिलाया जाता है.
- जब मिश्रण तैयार हो जाता है तो इसके बाद ईंट ढालने वाले सांचे/फर्मे में भर कर मिश्रण को ईंट का प्रारंभिक आकार दे दिया जाता है.
- जैसे ही मिश्रण ईंट के आकार में ढाल जाता है, उसे एक सपाट खुली जगह पर सांचे से बाहर निकाल कर खुले वातावरण में सूखने के लिए करीब 05 से 15 दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है. सूख जाने के बाद प्राप्त वैदिक ईंट को उपयोग में लिया जा सकता है.
- मौजूदा बाजार में गोबर से बनी एक ईंट की कीमत 10 से 15 रूपये के बीच देखने को मिलती है, जिसे बनाने में लागत मात्र 03 से 04 रुपये तक ही आती है. इससे आप मुनाफे का आंकलन स्वयं ही कर सकते हैं.
नोट-
यदि आप गोबर की टाइल्स बनाने की विधि को जानना चाहते हैं तो ऊपर बताये गए रॉ मटेरियल की सामग्री को देंखें.
बायो ईंट व्यवसाय की लागत (bio brick making business cost)-
अमूमन ईंट बनाने का व्यवसाय बड़े पैमाने पर किया जाने वाला व्यवसाय है, जिसे शुरू करने के लिए अगर लागत की बात की जाये तो गोबर से ईंट बनाने का कारोबार शुरू करने के लिए इच्छुक उद्यमी को कम से कम 03 से 10 लाख रूपये निवेश करने की आवश्यकता है.
यह लागत स्थान चयन, कच्चे माल की लागत, कर्मचारी खर्च व मशीनरी के साथ तैयार माल/उत्पाद के ट्रांसपोर्ट आदि पर निर्भर करती है. साथ ही यदि आपके पास स्थान की उपलब्धता है तो लागत में भारी बदलाव संभावित है.
गोबर से ईंट बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन (Loan for Bio Brick Business)-
भारत सरकार की वेस्ट टू वेल्थ (Waste to Wealth) कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) व कौशल विकास योजना के अंतर्गत इच्छुक उद्यमी को वांछित व्यवसाय की कुल लागत पर लगभग 35% तक की सब्सिडी/अनुदान मिल सकता है.
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सब्सिडी/अनुदान का लाभ लेने के लिए इच्छुक उद्यमी को अपने व्यवसाय का पंजीकरण सूक्ष्म, मध्यम व लधु उद्योग/उद्यम (MSME) के तहत करना अनिवार्य है.
पंजीकरण करा लेने के बाद MSME वांछित व्यवसाय का ब्यौरा बैंक को भेज देगा. जहां सब्सिडी की रकम बैंक से लोन मंजूर/अनुमोदित होने के बाद 05 से 07 कार्य दिवसों में उसी बैंक में जमा कर दी जाती है.
FAQ.
गोबर की ईंट कैसे बनाई जाती है?
गोबर से ईंट बनाने के लिए गोबर और चूने की निर्धारित मात्रा को आपस में मिक्स करना होता है. मिश्रण को अच्छे से तैयार करने के लिए आवश्यकतानुसार पानी भी मिलाकर सांचे/फर्मे में ढालकर खुले वातावरण में सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है. सूख जाने के बाद प्राप्त ईंट को उपयोग में लिया जा सकता है.
ईंट बनाने के लिए ईंट का स्टैंडर्ड साइज क्या है?
ईंट का स्टैंडर्ड साइज लम्बाई X चौड़ाई X ऊंचाई = 9.3 X 4.5 X 3.3 है (यह पैमाना इंच में है). आप अपनी सुविधा के लिए बताये गए पैमाने को मिलीमीटर (mm) में भी बदल सकते हैं. ईंट बनाने के लिए उल्लेखित पैमाने में 18 से 20 प्रतिशत तक कटौती कर ईंटो को छोटे आकार का बनाया जा सकता है.
गाय के गोबर से क्या क्या बनता है?
1. गोबर से बनने वाले कंडे/उपले
2. गोबर से अगरबत्ती, धूपबत्ती व हवन कलश का निर्माण
3. गोबर से बनी ईंट
4. गोबर से बनी लकड़ी
5. गोबर से बनी मूर्तियां, दीये व गमले
6. गोबर से बना प्राकृतिक साबुन
7. आर्गेनिक/प्राकृतिक प्लास्टर व वैदिक पेंट
8. गोबर से बना कागज
9. गोबर से बनी खाद (गोबर कम्पोस्ट-वर्मी कम्पोस्ट)
10. गोबर आधारित बायोगैस प्लांट
बायो ईंट बनाने के लिए गोबर के अलावा और किन-किन मटेरियल्स का उपयोग किया जा सकता है?
बायो, प्राकृतिक अथवा वैदिक ईंटों का निर्माण करने के लिए गोबर, पराली, गन्ना खोई (sugarcane baggas) आदि उपयोग किया जाता है.
क्या गोबर रेडियेशन के खतरे को कम कर सकता है?
वैज्ञानिक रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि गाय के गोबर में रेडियेशन के खतरे को कम करने की क्षमता होती है. गाय का गोबर हम इंसानों के लिए किसी औषधि से कम नहीं है. आवश्यक जानकारी आभाव व फूहड़ मार्केटिंग के कारण हम गाय के गोबर की उपयोगिता भूल चुके है.
अंत में-
हमारा उद्देश्य उन इच्छुक उम्मीदवारों, उद्यमियों और किसानों को बेहतर और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराना है जो गोबर आधारित उत्पाद निर्माण व्यवसाय में अपना भविष्य देख रहे हैं अथवा बनाना चाहते है.
आशा है आपको इस लेख “कैसे शुरू करें गोबर से ईंट बनाने का व्यवसाय” से गोबर उत्पाद (dung product manufacturing) उद्यम/व्यवसाय, व्यापार अथवा कारोबार के बारे में भरसक जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें.
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“शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल व्यापारिक भविष्य के लिए.”
धन्यवाद!