गोबर से पेंट निर्माण व्यवसाय (Vedic Paint Manufacturing): अभी हाल ही में गोबर से पेंट (प्राकृतिक/वैदिक पेंट) बनाने की तकनीक को विकसित किया जा चुका है. खादी ग्रामोद्योग द्वारा इस प्राकृतिक वैदिक पेंट जो अष्ट लाभ से युक्त है, को विकसित किया गया है. भारत को आत्मनिर्भर बनाने की राह में एक कदम है.
ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों/किसानों की आमदनी व रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से KVIC का यह प्रयास है कि गाय के गोबर का प्रयोग करके अलग-अलग तरह के लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके.
अमूमन जब भी किसी भवन आदि का निर्माण होता है तो सबसे अंतिम चरण में भवन को सुन्दर और आकर्षक बनाने के लिए निर्मित भवन की दीवारों को इच्छानुसार रंग से रंगा जाता है.
जहां मौजूदा बाजार में बड़े-बड़े ब्रांडों के जो भी पेंट उत्पाद उपलब्ध हैं वे महंगे होने के साथ-साथ अधिकतर केमिकल आधारित होते हैं, विवशता तो यह है कि बाजार में मौजूद इन पेंट उत्पादों का कोई और विकल्प मौजूद ही नहीं है.
लेकिन जब से प्राकृतिक पेंट बनाने की तकनीक विकसित हुई है, तब से यह बाजार में धूम मचा रही. और सबसे बड़ी बात प्राकृतिक पेंट की कीमत केमिकल आधारित पेंट की अपेक्षा काफी होने के साथ-साथ प्राकृतिक पेंट काफी टिकाऊ भी है.
साथ ही गोबर आधारित सभी उत्पादों जैसे पेंट आदि में एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं. जिस कारण इसका उपयोग करने से कई तरह के जीवाणु स्वत: ही नष्ट हो जाते है. जबकि केमिकल आधारित पेंट में जीवाणु रोधक क्षमता नहीं पायी जाती है.
यदि आप एक ऐसे innovative business idea की तलास में हैं जो आपके लिए भविष्य में संभावित उच्च मुनाफे का कारोबार सिद्ध हो सकता है, तो आपको गोबर से पेंट निर्माण व्यवसाय (Cow dung paint making business/khadi prakritik paint) को जरूर आजमाना चाहिए.
गोबर से पेंट निर्माण व्यवसाय (प्राकृतिक/वैदिक पेंट) स्थापित करने के लिए इच्छुक उद्यमी को Vedic/Prakritik Paint Manufacturing Business Plan को अच्छे से समझना जरूरी है, क्योंकि यह व्यवसाय लघु उद्योग के तहत आता है और यह जरूरी भी है कि किसी भी व्यवसाय में लागत लगाने से पहले वांछित व्यवसाय के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठी कर ली जाए. एक उद्यमी का यह लक्षण ही उसे भविष्य में एक सफल उद्यमी की श्रेणी में शामिल कर देता है.
तो अब बात करते हैं कि गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए किन-किन मशीनों व कच्चे माल के साथ कौन-कौन से पंजीकरण तथा कितने स्थान व मैनपावर की आवश्यकता होती है? सबसे पहले बात करते हैं, कच्चे माल की-
गोबर से पेंट निर्माण व्यवसाय शुरू करने के लिए रॉ मटेरियल-
व्यवसायिक अथवा व्यक्तिगत स्तर पर गोबर से वैदिक/प्राकृतिक पेंट का निर्माण करने के लिए नीचे बताये गए कच्चे माल/रॉ मटेरियल की आवश्यकता होती है-
- Cow Dung (गाय का गोबर)
- CaCo3 (चूना)
- Titanium Dioxide- TiO2 (टाइटेनियम डाइऑक्साइड) – सफेदी बढ़ाने के लिए
- Sodium Hydroxide (सोडियम हाइड्रोक्साइड)
- Hydrogen Peroxide (हाइड्रोजन पेरोक्साइड)
- Paint Binder (पेंट बाईंडर)
- Linseed oil (अलसी का तेल) – केवल इमल्शन पेंट बनाने के लिए
- Pigment Color (पिगमेंट कलर)
- Thickener (थिक्नर)
- Additives (एडिटिव्स)
नोट- उपरोक्त बताई गई सामग्री के अलावा प्राकृतिक/वैदिक पेंट का निर्माण अन्य सामग्रियों से भी किया जा सकता है.
गोबर से पेंट निर्माण व्यवसाय का पंजीकरण (Business Registration)-
कोई भी व्यवसाय या कारोबार शुरू करने से पहले एक उद्यमी को अपने व्यवसाय या कारोबार की कम्पनी या फर्म का पंजीकरण कराना अनिवार्य है, क्योंकि किसी भी व्यापार को शुरू करने के लिए पहला मानक रजिस्ट्रेशन कराना होता है. पंजीकरण/रजिस्ट्रेशन के बाद ही आप अपने उत्पाद का प्रचार मार्केट/बाजार में कर सकते/सकती हैं.
गोबर से पेंट निर्माण कारोबार का पंजीकरण आपको भारत सरकार द्वारा विकसित किये गए उद्यमी पोर्टल MSME पर अपने व्यापार की लागत के अनुरूप सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग अंतर्गत किसी एक श्रेणी में पंजीकरण कराना जरूरी है. इसके साथ ही आपको टैक्स आदि के लिए GST No. भी लेना अनिवार्य है. वहीं बड़े स्तर पर कारोबार शुरू करने के लिए आपको…
- ROC
- MSME (उद्यम)
- GST. No.
- Factory License
- Trade & Trademark License
- IEC Certificate
- NOC from Fire & Pollution Control Board
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गोबर से पेंट निर्माण करने के लिए मशीनरी (Required Machinery)-
व्यवसायिक स्तर पर गाय के गोबर से पेंट निर्माण अथवा वैदिक पेंट का निर्माण करने के लिए विभिन्न तरह की मशीनों और औजारों की आवश्यकता पड़ती है. जो हैं-
- Double Disc Refiner Machine
- Twin Shift Machine
- Pug Mill Machine
- Beed Mill Machine
- Filling Machine
- Weighing Machine
- Packaging Items
नोट-
- उपर्युक्त बताई गई मशीनों की कीमते बाजार उतार-चढाव के कारण घटती बढती रहती है. जिस कारण मशीनों के संभावित मूल्यों/दरों का विवरण प्रदर्शित नहीं किया गया है.
- मशीनों की संभावित दरों की जानकारी के लिए आप online वेबसाइट जैसे- indiamart व treadindia पर विजिट कर सकते हैं.
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गोबर से पेंट निर्माण/बनाना सीखने के लिए प्रशिक्षण (Training for Cow Dung Paint Making Process)-
कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टिट्यूट जो जयपुर में स्थित है, प्राकृतिक पेंट निर्माण के क्षेत्र में सहयोग प्रदान करती है. गाय के गोबर से पेंट बनाने में यहां के वैज्ञानिकों ने सफलता प्राप्त की है.
प्राकृतिक पेंट बनाने का प्रशिक्षण लेने के लिए आप “कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टिट्यूट (KVIC), जयपुर” से संपर्क कर सकते हैं, जहां आर्गेनिक/वैदिक पेंट निर्माण विधि सिखाने के लिए 05-07 दिनों की कार्यशाला आयोजित की जाती है जिसकी फीस मात्र 5000 रुपये है.
नोट- उल्लिखित कार्यशाला फ़ीस की धनराशी परिवर्तनीय है.
गोबर से पेंट बनाने की विधि (Cow dung paint manufacturing process)-
पेंट बनाने की प्रक्रिया को जानने से पहले सबसे जरूरी तथ्य यह है कि किसी भी तरह का पेंट उत्पादन करने के लिए CMC (Carboxy Methyl Cellulose) मुख्य घटक होता है. अत: गोबर से पेंट निर्माण/बनाने के दृष्टिगत सबसे पहले CMC तैयार करना होता है. मौजूदा बाजार में 02 तरह के पेंट देखने को मिलते हैं-
- डिस्टेम्पर पेंट (Distemper paint)
- इमल्शन पेंट (Emulsion paint)
गाय के गोबर से प्राकृतिक डिस्टेम्पर पेंट बनाने के लिए कुल सामग्री के 20% गोबर की आवश्यकता होती है. मतलब यदि 10 किलोग्राम पेंट का निर्माण करना है तो 02 किलोग्राम गोबर रिफाइनरी तरल की जरूरत होगी. उपरोक्त प्रक्रिया में 01 किलोग्राम डिस्टेम्पर पेंट बनाने की विधि बताई गई है.
गोबर से प्राकृतिक डिस्टेम्पर पेंट बनाने की विधि (Natural Distemper Paint Making Process from Cow Dung) को …. चरणों में पूरा किया जाता है-
प्रथम चरण-
- सबसे पहले गाय के गोबर की बारीक रिफायनिंग करने के लिए ठोस व रोड़ीदार गोबर में हल्का पानी मिलाकर नम किया जाता है.
- इसके बाद Bead Mill machine की मदद से गोबर को बारीक किया जाता है.
- गोबर को बारीक कर लेने के बाद गोबर में पानी मिलाकर गोबर की स्लरी तैयार करने के उद्देश्य से Pug Mill machine में भर दिया जाता है. जहां गोबर और पानी को अच्छे से मिलाने की प्रक्रिया कर गोबर की स्लरी बनाई जाती है.
- इसके बाद गोबर स्लरी की रिफायनिंग के लिए Double Disc Refiner Machine का उपयोग किया जाता है, जहां Double Disc Refiner Machine गोबर स्लरी में गोबर और पानी को अलग-अलग रिफाइन कर देती है.
दूसरा चरण-
- रिफाइनरी से प्राप्त तरल को साफ करने के लिए ब्लीच (सोडियम हाइड्रोक्साइड और हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उपयोग कर) किया जाता है.
- ब्लीचिंग प्रकिया संपन्न करने के बाद जो तरल प्राप्त होता है, उसे CMC (Carboxy Methyl Cellulose) कहते हैं, जो कि किसी भी तरह का पेंट बनाने के लिए सबसे प्रमुख घटक होता है.
तीसरा चरण-
- CMC (Carboxy Methyl Cellulose) तैयार हो जाने के बाद दूसरे चरण के तहत CMC में 400 ग्राम CaCo3 (चूना-lime stone) व 100 ग्राम Titanium Dioxide- TiO2 (टाइटेनियम डाइऑक्साइड) को सफेदी बढ़ाने के लिए मिलाया जाता है.
- उपरोक्त मिश्रण के सभी घटक आपस में अच्छे से मिल जाए, इसके लिए तैयार मिश्रण में 100ml पेंट बाईंडर (Paint Binder), 50 ग्राम हाइड्रोक्सीएथिल सैलूलोज (HEC) व 20 ग्राम सोडियम बेंजोएट (sodium benzoate) मिलाया जाता है. पेंट बाईंडर मिश्रण के सभी घटकों को आपस में बांधकर रखता है, जो व्यवसायिक स्तर पर पेंट बनाने के लिए सबसे जरूरी घटक है.
- पेंट बाईंडर मिश्रण में मिल जाने के बाद जो तरल प्राप्त होता है, उसे डिस्टेम्पर (distemper) कहा जाता है. इसके बाद अंतिम पड़ाव पर पेंट को आकर्षक बाल्टी में भर कर सील पैक कर दिया जाता है।
- यह डिस्टेम्पर सफ़ेद रंग का होता है. जिसे सीधे अथवा इच्छानुसार किसी भी रंग का बनाकर बाजार में बिक्री के लिए भेजा जा सकता है.
डिस्टेम्पर के अलावा मौजूदा बाजार में इमल्शन पेंट (emulsion paint) भी बिकता है. असल में इमल्शन पेंट oil based paint होता है, जिसका इस्तेमाल दीवारों की रंगाई व पुताई में किया जाता है. इमल्शन पेंट में डिस्टेम्पर की अपेक्षा अधिक चमक होती है, जिस कारण मौजूदा समय में इमल्शन पेंट की मांग भी हमेशा बनी रहती है. गाय के गोबर से तैयार डिस्टेम्पर पेंट को इमल्शन पेंट में बदलने की प्रकिया तीसरे चरण में की जाती है-
गोबर से इमल्शन पेंट निर्माण विधि (Emulsion paint manufacturing method from cow dung)-
गाय के गोबर से इमल्शन पेंट को भी आसानी से निर्मित किया जा सकता है. गोबर से इमल्शन पेंट बनाने की प्रकिया डिस्टेम्पर पेंट बनाने जैसी ही होती है, बस सामग्री में थोड़ा सा बदलाव किया जाता है. गोबर से प्राकृतिक इमल्शन पेंट बनाने की विधि को …. चरणों में पूरा किया जाता है-
प्रथम चरण-
- CMC (Carboxy Methyl Cellulose) तैयार करना होता है.
दूसरा चरण-
- CMC (Carboxy Methyl Cellulose) तैयार हो जाने के बाद दूसरे चरण के तहत CMC में 450 ग्राम CaCo3 (चूना-lime stone) व 165 ग्राम Titanium Dioxide- TiO2 (टाइटेनियम डाइऑक्साइड) को सफेदी बढ़ाने के लिए मिलाया जाता है.
- उपरोक्त मिश्रण के सभी घटक आपस में अच्छे से मिल जाए, इसके लिए तैयार मिश्रण में 165ml पेंट बाईंडर (Paint Binder), 65 ग्राम हाइड्रोक्सीएथिल सैलूलोज (HEC) व 25 ग्राम सोडियम बेंजोएट (sodium benzoate) के साथ 120ml अलसी तेल (Long DCO Linseed Oil) मिलाया जाता है. पेंट बाईंडर मिश्रण के सभी घटकों को आपस में बांधकर रखता है, जो व्यवसायिक स्तर पर पेंट बनाने के लिए सबसे जरूरी घटक है.
- पेंट बाईंडर मिश्रण में मिल जाने के बाद जो तरल प्राप्त होता है, उसे इमल्शन पेंट कहा जाता है. इसके बाद फाइनल पेंट को अंतिम पड़ाव पर पेंट की आकर्षक बाल्टी में इच्छानुसार किसी भी रंग का बनाकर बाजार में बिक्री के लिए भेजा जा सकता है.
नोट-
- गाय के गोबर से प्राकृतिक इमल्शन पेंट बनाने के लिए कुल सामग्री के 30% गोबर की आवश्यकता होती है. मतलब यदि 10 लीटर पेंट का निर्माण करना है तो 03 लीटर गोबर रिफाइनरी तरल की जरूरत होगी. उपरोक्त विधि में 01 लीटर इमल्शन पेंट बनाने की प्रक्रिया बताई गई है.
गोबर से पेंट निर्माण व्यवसाय में मैनपावर की आवश्यकता (Required Manpower)-
वैदिक पेंट बनाने की फैक्ट्री (Vedic Paint making factory) का सफल संचालन करने के लिए कम से कम 05 से 12 कुशल कर्मियों की आवश्यकता होती है. ये कर्मचारी प्रशिक्षित लेबर, मशीन आपरेटर, मैनेजर, अकाउंटेंट, मार्केटर व सफाई कर्मी आदि हो सकते हैं.
गोबर से पेंट निर्माण व्यवसाय शुरू करने के लिए लागत (Cost)-
गाय के गोबर से इमल्शन व डिस्टेम्पर पेंट निर्माण व्यवसाय/बिजनेस स्थापित करने के लिए कम से कम 12 से 15 लाख रुपये लागत धनराशी की आवश्यकता होती है. जिसमें रॉ मटेरियल, मशीनरी व स्थान पर बिजली कनेक्शन का खर्च आदि शामिल है.
वहीं यदि आप वैदिक पेंट निर्माण व्यवसाय/फैक्ट्री स्थापित करने के लिए किराये की जगह का चयन करते हैं तो निवेश की जाने वाली लागत धनराशी में बदलाव संभव है.
गोबर से पेंट निर्माण व्यवसाय के लिए वांछित जगह (Required Area)-
गोबर से पेंट निर्माण व्यवसाय अथवा वैदिक पेंट या प्राकृतिक पेंट बनाने की फैक्टी छोटे स्तर पर सुचारू रूप से स्थापित व संचालित करने के लिए कम से कम 500 से 700 sqft स्थान/जगह की आवश्यकता होती है.
वहीं यदि आप प्राकृतिक पेंट बनाने की फैक्टी की फैक्ट्री को बड़े स्तर पर शुरू करना चाहते हैं तो बड़े स्तर पर कम से कम 1800 से 3500 sqft स्थान की जरूरी होगी.
दोनों ही स्तरों पर गोबर आधारित पेंट बनाने की फैक्ट्री स्थापित करने के लिए आपको चयनित स्थान पर आवश्यक मशीनों, कच्चा व तैयार माल के स्थानों का निर्धारण करना जरूरी है क्योंकि व्यवसायिक तौर पर पेंट का निर्माण बड़े स्तर होने के अलावा ग्राहक की इच्छा पर भी किया जाता है.
व्यवसायिक तौर पेंट बनाने की फैक्ट्री अथवा पेंट निर्माण व्यवसाय/उद्यम को स्थापित करने के लिए ऐसे स्थान का चयन किया जाता है, जो किसी कमर्शियल क्षेत्र के अंतर्गत आता हो. साथ जहां पर वाहनों के आवागमन की सुचारू व्यवस्था हो.
गोबर से पेंट निर्माण व्यवसाय के लिए लोन (Loan for Prakritik Paint Manufacturing Business)-
लघु उद्योग तथा वेस्ट टू वेल्थ (Waste to Wealth) को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने मेक इन इण्डिया के तहत प्रधानमंत्री रोजगार योजना (PMRY), कौशल विकास योजना व प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) आदि के माध्यम आपको कुल लागत पर 35% तक की सब्सिडी आसानी से मिल सकती है.
इसके लिए आपको अपनी कंपनी/फर्म के पंजीकरण संख्या से सरकारी योजनाओं के तहत आवेदन करना होगा. सरकारी योजनाओं के तहत लघु उद्योग हेतु ऋण/लोन लेने के लिए आप अपने क्षेत्रीय या स्थानीय सरकारी बैंक की शाखा से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
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गोबर से पेंट निर्माण व्यवसाय में मुनाफा (Profit in Vedic Paint Business)-
गोबर से डिस्टेंपर पेंट बनाने में प्रति किलोग्राम पैकेजिंग सहित कुल खर्च लगभग 55 से 65 रुपये तक आता है जिसे मौजूदा बाजार में 120 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय/बेचा जाता है। जहां डिस्टेंपर पेंट में मुनाफा 55 से 65 रुपये प्रति किलोग्राम की दर तक आसानी से कमाया/लिया जा सकता है.
इसी प्रकार गोबर से इमल्शन पेंट बनाने में प्रति लीटर पैकेजिंग सहित कुल खर्च लगभग 85 से 98 रुपये तक आता है जिसे मौजूदा बाजार में 225 रुपये प्रति लीटर की दर से विक्रय/बेचा जाता है। जहां इमल्शन पेंट में मुनाफा 135 से 140 रुपये प्रति लीटर की दर तक आसानी से कमाया/लिया जा सकता है.
FAQ.
गोबर से पेंट कैसे बनाया जाता है?
गोबर से पेंट बनाने के लिए गोबर की रिफाइनरी की जाती है. उसके बाद CMC तैयार कर उसमें पिगमेंट रंग, additives, thickener व paint binder मिलाकर डिस्टेम्पर अथवा इमल्शन पेंट का निर्माण किया जाता है.
वैदिक पेंट का प्राइस कितना है?
मौजूदा बाजार में गोबर से 02 तरह के पेंट की बिक्री जाती है-
1. डिस्टेम्पर पेंट जिसकी कीमत 120 रुपये प्रति किलोग्राम रखी गई है,
2. इमल्शन पेंट जिसकी प्राइस/कीमत 225 रुपये प्रति लीटर है.
गोबर से पेंट बनाने की ट्रेनिंग कहां दी जाती है?
जयपुर, स्थित कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टिट्यूट (KNHPI) जो गोबर से पेंट बनाने अथवा खादी प्राकृतिक पेंट निर्माण विषय पर ट्रेनिंग प्रदान करती है.
गोबर से वैदिक पेंट बनाने की मशीन कौन-कौन सी होती है?
गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए Double Disc Refiner Machine, Twin Shift Machine,Pug Mill Machine, Beed Mill Machine, Filling Machine और Weighing Machine के साथ Packaging items की आवश्यकता होती है.
अंत में-
हमारा उद्देश्य उन इच्छुक उम्मीदवारों, उद्यमियों और किसानों को बेहतर और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराना है जो गोबर आधारित उत्पाद निर्माण व्यवसाय के क्षेत्र में अपना भविष्य देख रहे हैं अथवा बनाना चाहते है.
नोट- किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले बाजार/मार्केट रिसर्च एवं खपत का आंकलन अनिवार्य रूप से अवश्य करें. ऐसा करने से आपको व्यवसाय में आने वाले जोखिम और दिक्कतों का सामना करने में आसानी हो जाएगी और बाजार में डिमांड के अनुरूप आप अपने products का निर्माण भी अच्छे से कर पाएंगे.
आशा है आपको इस लेख “कैसे शुरू करें गाय के गोबर से पेंट निर्माण व्यवसाय” से गोबर उत्पाद (Cow dung product manufacturing) उद्यम/व्यवसाय, व्यापार अथवा कारोबार के बारे में पूरी जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें. तब तक के लिए-
“शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल व्यापारिक भविष्य के लिए.”
धन्यवाद!
जय हिंद! जय भारत!