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घर बैठे कम लागत में शुरू करें अगरबत्ती बिजनेस | Agarbatti Manufacturing Business in hindi

अगरबत्ती बनाने का बिजनेस (Agarbatti Manufacturing Business) की विस्तृत जानकारी, अगरबत्ती बिजनेस की संभावनाएं, कितने तरीको से शुरू किया जा सकता है, अगरबत्ती बनाने का कच्चा माल, अगरबत्ती बनाने की विधि, अगरबत्ती की मार्केटिंग, मूल्य निर्धारण एवं अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय की लागत व मुनाफा

अगरबत्ती बिजनेस लघु उद्योग के अंतर्गत आता है, जिसे कम पूँजी निवेश के साथ घर से भी आसानी से शुरू किया जा सकता है. अगरबत्ती जिनका उपयोग आज लगभग हर घर-परिवार, दुकानों और पूजा-पाठ स्थलों पर तथा वातावरण की वायु को सुगन्धित बनाने के लिए प्राथमिकता पर किया जाता है,

साल के प्रत्येक माह में दैनिक खपत के आलावा त्योहारों पर विशेष रूप से अगरबत्ती की मांग हमेशा बनी ही रहती है, जिसके कारण अगरबत्ती बनाने के व्यवसाय को एक सदाबहार चलने वाले व्यवसाय के रूप में पारिभाषित किया जाता है.

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अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय (Agarbatti Business)

अगरबत्ती बनाने का व्यवसाय छोटे व बड़े दोनों स्तरों पर आसानी से शुरू किया जा सकता है. कोई भी इच्छुक व्यवसायी/उद्यमी/कारोबारी अपनी आर्थिक क्षमता अनुसार agarbatti manufacturing business plant स्थापित कर अगरबत्ती व्यवसाय शुरू कर सकता है तथा मुनाफा बढ़ने पर बाद में बहुत आसानी इस बिजनेस का विस्तार भी कर सकता है.

आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ अगरबत्ती बनाने के व्यवसाय (agarbatti making business in hindi), जिसे Air Purifier business भी कहा जाता है, से जुडी समस्त जानकारी साझा करने जा रहे हैं.

जहां छोटे व बड़े स्तर पर agarbatti making business शुरू करने के लिए इच्छुक व्यवसायी/उद्यमी/कारोबारी को किन-किन घटकों, मटेरियल, मशीनरी, स्थान, पंजीकरण और मैनपावर की आवश्यकता होती है? की विस्तृत जानकारी का उल्लेख किया जाएगा. तो चलिए शुरू करते हैं-

Table of Content

अगरबत्ती बिजनेस की संभावनाएं (Agarbatti Business Opportunities)-

अगरबत्ती उत्पाद विनिर्माण व्यवसाय एक ऐसा कारोबार है जिसकी मांग/डिमांड लगभग सभी घरों, दुकानों के साथ सभी तरह के धार्मिक कर्म कांड में प्राथमिकता पर होती ही है, और जिस उत्पाद की मांग/डिमांड या खपत इतने बड़े पैमाने पर हो तो उस उत्पाद का व्यवसाय स्थापित करना एक अच्छा और कभी न रुकने वाला सदाबहार व्यवसाय होता है, साथ ही ऐसे कारोबार को करने से अच्छा मुनाफा/लाभ भी कमाया अथवा लिया जा सकता है। 

आज हमारा बाजार/मार्केट अगरबत्ती उत्पादों की विविधता से भरा पड़ा है, जिसमें सामान्य तौर पर सुगन्ध और उपयोग के आधार पर प्रयोग में ली जाने वाली 02 तरह की अगरबत्तियां प्रमुख हैं-

  1. सुगंध बिखेरने वाली अगरबत्तियां (Fregnence Agarbatti) और
  2. मच्छर भागने/मारने वाली अगरबत्तियां (Mosquito Replant Incense stick)

हर आयु वर्ग अपनी आर्थिक क्षमता व सुगंध के अनुसार अलग-अलग (कीमत) तरह के अगरबत्ती उत्पादों को अपने उपयोग में लेता है। चूंकि अगरबत्ती से बने उत्पाद वातावरण में मौजूद दुर्गंध को दूर करने का काम करते है। इसलिए अगरबत्ती उत्पादों की उपयोगिता पहले से अपेक्षा काफी हद तक बढ़ चुकी है।

बाजार में बढती खपत को ध्यान में रखते हुए आंकलन करने पर यह बिल्कुल स्पष्ट हो चुका है कि अगरबत्ती निर्माण/बनाने का व्यवसाय शुरू करना कम निवेश के साथ एक उच्च लाभ देने वाला कारोबार है.

कितने तरीकों से शुरू कर सकते हैं अगरबत्ती बिजनेस (How many ways can start agarbatti business)

आज बाजार में जो भी अगरबत्ती उत्पाद उपलब्ध हैं उनको बाजार तक पहुचने में कई चरणों से होकर गुजरना पड़ता है. अगरबत्ती जैसे उत्पादों को निर्माण लायक स्तर तक पहुचाने के लिए  04 चरण होते हैं और प्रत्येक चरण (agarbatti business model) खुद एक विस्तृत व्यवसाय/कारोबार का स्वरूप होता है. मसलन-

अगरबत्ती बिजनेस का पहला स्तर (अनप्रोसेस रॉ मटेरियल सप्लायर)-

अगरबत्ती निर्माण (agarbatti making business) करने के लिए कच्चे माल के रूप में लिया जाने वाला समान प्राकृतिक संसाधनों से व प्राकृतिक संपदाओं से प्राप्त किया जाता है. जैसे- लकड़ी, राल, लोबान और गुग्गुल तथा सुगंध के लिए पुष्प/फूल. यह पहले स्तर की कच्चे माल श्रेणी है, जो स्वयं में एक विस्तृत कारोबार है.

अगरबत्ती बिजनेस दूसरा स्तर (प्रोसेस रॉ मटेरियल सप्लायर)-

पहले स्तर का कच्चे माल प्राप्त कर लेने के बाद दूसरे स्तर पर इस कच्चे माल को पीसकर चूर्ण के रूप में तैयार किया जाता है. अगरबत्ती का निर्माण करने के लिए इच्छुक व्यवसायीय/कारोबारी को दूसरे स्तर के कच्चे माल की आवश्यकता होती है.

यह दूसरे स्तर का कच्चा माल जिसमें- लकड़ी का बारीक़ चूर्ण/बुरादा, लकड़ी का चारकोल, बांस/चीड़ लकड़ी की क्षण, लोबान और गुग्गुल का चूर्ण आदि शामिल है, आसानी से बाजार में उपलब्ध होता है. पहले स्तर के कच्चे माल से दूसरे स्तर के कच्चा माल तैयार करना स्वयं में एक विस्तृत कारोबार है.

अगरबत्ती बिजनेस तीसरा स्तर (अगरबत्ती फ्रेग्नेंस सप्लायर)-

जब भी आप किसी अगरबत्ती या धूपबत्ती को अग्नि से सुलगते हैं तो यह अगरबत्ती अथवा धूपबत्ती सुलगते-सुलगते वातावरण की हवा में धुंए के रूप में उस सुगंध को बिखेरने का काम करती है, जो अगरबत्ती अथवा धूपबत्ती में डाली जाती है. प्राकृतिक रूप से तैयार कच्चे माल में सुगंध का आभाव होता है,

जिस कारण अगरबत्ती अथवा धूपबत्ती को सुगंधमय बनाने के लिए अलग से सुगन्धित द्रव्यों (perfumes) से भिगो एवं सुखाकर तैयार किया जाता है.

प्राकृतिक रूप से अलग-अलग सुगंध के सुगन्धित द्रव्यों को प्राकृतिक फूलों से तैयार किया जाता है. जिसे अतर अथवा इत्र के नाम से जाना जाता है. अगरबत्ती का निर्माण करने के लिए कई तरह के सुगन्धित द्रव्यों को उपयोग में लिया जाता है. साथ ही सुगन्धित द्रव्यों का निर्माण करना स्वयं में एक विस्तृत कारोबार है.

अगरबत्ती बिजनेस चौथा स्तर (बल्क में अगरबत्ती निर्माण- B2B)-

अगरबत्ती का निर्माण करना चौथे स्तर के अंतर्गत आता है. जहां एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत कच्चे माल के मिश्रण से पहले रेसिपी तैयार की जाती है और फिर सुगन्धित द्रव्यों (perfumes) में भिगो एवं सुखाकर अगरबत्ती का निर्माण (agarbatti making) किया जाता है.

अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय के तहत अगरबत्तियों का निर्माण हाथों से मैनुअल व मशीनों से ऑटोमेटिक दोनों तरीकों से आसानी से किया जा सकता है और आज हम अगरबत्ती बनाने के व्यवसाय के चौथे स्तर की विस्तृत जानकारी साझा करने जा रहे हैं.

यदि आप अगरबत्ती विनिर्माण क्षेत्र अथवा अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय (agarbatti business) में आना चाहते है तो यह जानकारी आपके लिए काफी लाभप्रद साबित होगी.

अगरबत्ती बिजनेस शुरू करने के लिए रॉ मटेरियल (Agarbatti Raw Material)-

उच्च गुणवत्ता की अगरबत्ती बनाने के लिए इच्छुक व्यवसायीय/उद्यमी को सबसे पहले यह तय करना होता है कि वह अगरबत्ती का निर्माण करने के लिए जिस रॉ मटेरियल का चुनाव कर रहा है, उसकी गुणवत्ता कैसी है और किस लकड़ी को प्रोसेस कर तैयार किया गया है. अमूमन उच्च गुणवत्ता की अगरबत्ती बनाने व अगरबत्ती बिजनेस स्थापित करने के लिए इन रॉ मटेरियल/कच्चे माल का उपयोग किया जाता है-

  1. चारकोल पाउडर– 600 ग्राम (होलसेल कीमत- 18 रूपए प्रति किलोग्राम से शुरू)
  2. लकड़ी का पाउडर/बुरादा- 370 ग्राम (होलसेल कीमत- 13 रूपए प्रति किलोग्राम से शुरू)
  3. जोश/जिग्गत पाउडर- 130 ग्राम (होलसेल कीमत- 80 रूपए प्रति किलोग्राम से शुरू)
  4. पोटैशियम नाइट्रेट- 35 से 50 ग्राम (होलसेल कीमत- 58 रूपए प्रति किलोग्राम से शुरू)
  5. शुद्ध जल- अधिकतम 650 ग्राम
  6. बांस स्टिक 08 से 12 इंच- 01 किलोग्राम (होलसेल कीमत- 110 रूपए प्रति किलोग्राम से शुरू)
  7. परफ्यूम्स (अतर-इत्र)- 500 ग्राम (होलसेल कीमत- 350 रूपए प्रति लीटर से शुरू)
  8. Diethyl phthalate (DEP) Liquid- 02 किलोग्राम (होलसेल कीमत- 110 रूपए प्रति लीटर से शुरू)

अगरबत्ती बनाने का मटेरियल कहां मिलता है?

अमूमन अगरबत्ती, निरंतर दैनिक उपयोग में लिया जाने वाला उत्पाद है, इसलिए अगरबत्ती बनाने से सम्बंधित सारा कच्चा माल आपको आपके स्थानीय बाजार से आसानी से मिल जायेगा.

यदि आपके स्थानीय बाजार में नहीं मिल पा रहा है, तो जहाँ से आप अगरबत्ती बनाने वाली मशीन की खरीद करेंगे, वहां से आपको मिल जायेगा अथवा सम्बंधित जानकारी मिल जाएगी.

अगरबत्ती बिजनेस में आवश्यक मशीनरी और औज़ार (Required Agarbatti Machine & Tools)-

रॉ मटेरियल के बाद दूसरी आवश्यक चीज है रॉ मटेरियल से अगरबत्ती बनाने की मशीन/मशीनरी और औजारों की. व्यवसायिक रूप में बड़े स्तर पर अगरबत्ती बनाने के लिए आवश्यक मशीनरी और औजार इस प्रकार हैं-

  1. Agarbatti And Incense Stick Making Machine (कीमत- 45 हजार रूपए प्रति इकाई से शुरू)
  2. Blending Mixer Machine (कीमत- 80 हजार रूपए प्रति इकाई से शुरू)
  3. Heat Sealing Machine (कीमत- 1500 रूपए प्रति इकाई से शुरू)
  4. Weight Machine- 05 से 02 टन क्षमता (कीमत- 1200 रूपए प्रति इकाई से शुरू)
  5. Plastic Bucket (कीमत- 50 रूपए प्रति पीस से शुरू)
  6. Plastic Drum (कीमत- 150 रूपए प्रति पीस से शुरू)

वही यदि इच्छुक व्यवसायीय/उद्यमी/कारोबारी अगरबत्ती निर्माण (agarbatti making) कारोबार को छोटे स्तर पर शुरू करना चाहता है तो सिंगल फेस की छोटी अगरबत्ती मशीन खरीदकर भी अपना अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय घर पर आसानी से शुरू कर सकता है. छोटी मशीन की कीमत 22,000 रूपए से शुरू हो जाती है और ऑनलाइन भी नीचे दी गई वेबसाइटो पर आसानी से मिल जाती है.

नोट- उपरोक्त अगरबत्ती बनाने के लिए कच्चे माल का रेट, सामग्री व मशीनरी की कीमत समय-समय पर बाजार उतार-चढ़ाव के कारण घट-बढ़ सकती है। यदि आपके लोकल मार्केट में यह रॉ मटेरियल नहीं मिल पा रहा है तो इसे आप ऑनलाइन भी आर्डर दे सकते/सकती हैं। इसके लिए आप इन वेबसाइट्स की मदद ले सकते/सकती है-

  1. www.indiamart.com 
  2. www.tradeindia.com 
  3. www.exportersindia.com

अगरबत्ती बिजनेस में कर्मचारियों की जरूरत (Required Manpower in Agarbatti Making Business)-

अमूमन बड़े स्तर पर प्रत्येक Manufacturing Business अथवा व्यवसाय में मैनपावर/कर्मचारियों की जरूरत पड़ती ही है, व्यवसायिक तौर पर agarbatti manufacturing business को शुरू करने में कम से कम 03 से 07 मैनपावर/कर्मचारियों की अवश्यकता होती है। ये कर्मचारी- मार्केटर/सेल्समैन, अकाउंटेंट, लेबर व सफाई कर्मी आदि हो सकते हैं।

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आवश्यक सुरक्षा उपकरण (Safety Equipment)-

अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया को शुरू करने से पूर्व हमें अपनी त्वचा और शारीरिक अंगो आदि की सुरक्षा के लिए कुछ सुरक्षा उपकरण पहनने होते हैं क्योंकि अगरबत्ती बनाने के लिए कच्चे माल के मिश्रण को आपस में मिलाना होता है.

जब मिश्रण मिलाया जाता है तो मिश्रण के कण हमारे शरीर की त्वचा पर और साँस के द्वारा शरीर के भीतर आसानी से प्रवेश कर सकते हैं. इसलिए सुरक्षा उपकरण पहनना अनिवार्य रूप से जरूरी है. ये सुरक्षा उपकरण हैं-

  1. Eye Protection Spectacles (पारदर्शी चश्मे)
  2. Thick Hand Gloves (रबर के मोटे दस्ताने)
  3. Face Mask (चेहरे को सुरक्षा के लिए मास्क) और
  4. Surgical Cap (सर के बालों की सुरक्षा के लिए)

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अगरबत्ती बनाने की विधि (Agarbatti Making Process)-

व्यवसायिक तौर पर अगरबत्ती बनाने का तरीका अथवा अगरबत्ती बनाने की विधि/प्रक्रिया को …. चरणों में पूर्ण किया जाता है-

प्रथम चरण-

सबसे पहले मार्केट/बाजार से पीसा हुआ कच्चा माल खरीद कर अगरबत्ती बनाने के लिए प्रीमिक्स तैयार करना होता है. इसके लिए ऊपर बताई गई रॉ मटेरियल मात्रा में सबसे पहले चारकोल पाउडर उसके बाद लकड़ी का पाउडर/बुरादा और जोश/जिग्गत पाउडर को आपस में Blending Mixer Machine की सहायता से मिलाना होता है.

यह मिश्रण प्रक्रिया लगभग 05 मिनट तक चलती है. यदि आप छोटी मात्रा में अगरबत्ती निर्माण करना चाहते हैं तो मिश्रण आप हाथों द्वारा भी तैयार कर सकते हैं.

नोट- अगरबत्ती मिश्रण (agarbatti premix) तैयार करने से पूर्व आप सभी सुरक्षा उपकरण अनिवार्य रूप से जरूर धारण कर लें.

दूसरा चरण-

मिश्रण के तैयार हो जाने के बाद अब एक प्लास्टिक/स्टील का जार लेना है इसमें 100 ग्राम शुद्ध पानी के साथ 42 ग्राम के लगभग पोटैशियम नाइट्रेट को घोलना है. पोटैशियम नाइट्रेट के घुल जाने के बाद इस जल मिश्रण को पाउडर प्रीमिक्स में छिड़ककर शेष शुद्ध पानी को डालना है और mixer से अच्छे से मिक्स करना है. करीब 05 से 07 मिनट बाद अगरबत्ती बनाने का मिश्रण पूरी तरह से तैयार हो जाता है.

तीसरा चरण-

अगरबत्ती बनाने का मिश्रण तैयार हो जाने के बाद अब बारी आती है- Agarbatti Incense Stick Making Machine की. तैयार मिश्रण को Agarbatti And Incense Stick Making Machine के होप्पर में मशीन क्षमता के अनुसार भर दिया जाता है और दूसरी तरफ बांस स्टिक (क्षण) 08 से 12 इंच को मशीन में लोड कर दिया जाता है,

जहां मशीन ऑटोमेटिक तरीके से एक छोर से क्षण को खींचकर दूसरी तरफ से अगरबत्ती बनाकर बाहर कर देती है. इस मशीन को ओपरेट करने के लिए मात्र 01 मैनपावर की ही आवश्यकता होती है. प्रारंभिक अगरबत्ती तैयार हो जाने के बाद तैयार अगरबत्तियों को 05 से 08 घंटो तक सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है.

सुझाव-

अगरबत्तियों को सुखाने के लिए आप कूलर फैन का उपयोग ले सकते हैं, या फिर सूरज की हलकी धूप में भी सुखा सकते हैं. यदि आप तेज धूप में सुखाते हैं तो अगरबत्तियों की स्टिक के ख़राब होने या मुड़ने की समस्या पेश आ सकती है.

नोट- उपरोक्त मशीन में Agarbatti And Incense Stick die (डाई) को बदलकर धूपबत्ती स्टिक का निर्माण भी आसानी से किया जा सकता है.

चौथा चरण-

05 से 08 घंटो तक सूखने के बाद अगरबत्तियों पर सुगंध (perfume) की कोटिंग की जाती है या perfume से भिगोया जाता है. अगरबत्तियों की सुगंध इस प्रकार तैयार की जाती है-

  • सबसे पहले एक प्लास्टिक या steel की बाल्टी ले लें, फिर उसमें वांछित सुगंध (perfume) को डाल दें, इसके बाद इस सुगंध (perfume) में 1 : 4 अनुपात के हिसाब से Diethyl phthalate (DEP) Liquid की मात्रा को डालकर दोनों को अच्छे से मिलाना होता है.
  • उदहारण के तौर ऊपर 500 ग्राम की मात्रा बताई गई है तो सुगंध तैयार करने के लिए बताई गई मात्रा में 4 गुना 02 किलोग्राम Di ethyl phthalate (DEP) Liquid की मात्रा को डालकर दोनों को अच्छे से मिलाना है. अगरबत्ती के लिए सुगंध तैयार हो चुकी है.

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  • सुगंध तैयार हो जाने के बाद सबसे पहले कच्ची अगरबत्तियों को 01 किलोग्राम के वजन में गट्ठर बांध लें, इसके बाद इन अगरबत्तियों को सुगंध पात्र/बाल्टी में पलट-पलट कर दोनो छोर से अच्छे से डूबाए अथवा भिगाएँ.
  • इसके बाद इन सुगंध युक्त अगरबत्तियों को छांव में 06 से 08 घंटो के लिए सुखाया जाता है. सूखने के बाद तैयार अगरबत्तियों का वजन फिर से नापे, ऐसा करने से आपको पता चलेगा कि अगरबत्तियों ने कितनी मात्रा में सुगंध को अपने अन्दर समाहित किया है. अमूमन 01 किलोग्राम कच्ची अगरबत्ती अगर 230 से 250 ग्राम सुंगध सोख लेती है तो उच्च सुगंध गुणवत्ता की मानी जाती है.
  • यदि आप द्वारा निर्मित अगरबत्ती इस पैमाने पर नहीं आ रही है तो एक-दो बार फिर से सुगंध में भिगोकर सुखाये. यदि फिर भी वांछित पैमाना निर्धारित नहीं हो पा रहा है तो आपने अगरबत्ती तैयार करने वाला premix पाउडर की मात्रा सही से नहीं तैयार की है.

किस प्रकार की खुशबूएं अगरबत्ती बिजनेस में सबसे अधिक पसंद की जाती है?

यूं तो खुशबूदार अगरबत्तियां ग्राहक/उपभोक्ता अपनी पसंद के मुताबिक ही चयन करता है. अमूमन अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय के तहत कुछ ऐसी सुगंधें हैं जिनका उत्पाद बड़े स्तर पर किया जाता है. जैसे- अष्टगंध, मोगरा, चन्दन, गुलाब, लैवेंडर और जासमिन इसके अलावा भी ढेर सारी सुगंध विवधता ग्राहक के अनुसार भी तैयार की जाती हैं.

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पांचवा चरण-

चौथा चरण पूर्ण हो जाने बाद अंतिम पांचवे चरण में तैयार अगरबत्तियों को पहले pp पोलीथिन में उसके बाद कागज डिब्बे/box की शानदार सुन्दर पैंकिंग में पैक कर बिक्री के लिए भेज दिया जाता है.

सुझाव-

  1. असल में अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय (agarbatti manufacturing business) को शुरू करने से पहले आपको अगरबत्ती बनाने में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल की गुणवत्ता की पहचान करनी आनी चाहिए.
  2. मटेरियल की अच्छी जानकारी हांसिल करने के लिए आप पहले से संचालित किसी कंपनी अथवा फैक्ट्री पर जाकर निरिक्षण कर सकते हैं, क्योंकि अगरबत्ती कारोबार (agarbatti business) पूरी तरह से मटेरियल आधारित होता है.

अगरबत्ती बिजनेस स्थापित करने के लिए आवश्यक स्थान (Require Place)- 

छोटे स्तर पर अगरबत्ती बनाने के लिए इच्छुक व्यवसायीय/कारोबारी को कम से कम 500 वर्ग फुट के स्थान/जगह की जरूरत होती है। जहां आप अपना मैनुअल या ऑटोमेटिक मशीन से अगरबत्ती निर्माण शुरू कर सकते हैं.

अगर आपके घर में पर्याप्त स्थान है तो आप इस व्यवसाय की शुरुवात अपने घर से (start business from home) ही कर सकते हैं। साथ ही व्यापार बढ़ने पर अपने कार्य स्थल के स्थान में बढ़ोत्तरी भी की जा सकती हैं।

वही यदि इच्छुक व्यवसायीय/कारोबारी बड़े स्तर पर अगरबत्ती निर्माण प्लांट (agarbatti manufacturing plant) स्थापित करना चाहता है तो उसे 800 से 1500 sqft स्थान की आवश्यकता होगी. जहां चयनित क्षेत्र (Area) पूरी तरह से धूल, मिट्टी, बारिस व प्रदूषण से ढका (Covered) अथवा संरक्षित होना जरूरी है.

साथ ही प्लांट में मशीनों के स्थान ऐसे निर्धारित किए गए हों जिससे कर्मचारियों को काम करने एवं कच्चा व तैयार माल सुरक्षित रखने में असुविधा न हो। इस कार्यस्थल/स्थान पर बिजली आदि की उचित व्यवस्था का होना प्राथमिक अनिवार्यता है.

सुझाव-

  1. आपको अगरबत्ती बनाने का व्यवसाय (agarbatti manufacturing business) शुरू करने के लिए ऐसे स्थान का चुनाव करना चाहिए, जहां से रॉ मटेरियल/कच्चा माल लगातार व आसानी से मिल सकता हो।
  2. आपके प्लांट स्थान पर transportation संबंधी आवागमन (क्रय-विक्रय आदि) की उचित व्यवस्था होनी आवश्यक है। यह स्थान अगर किसी व्यवसायिक क्षेत्र के अंतर्गत आता है तो सबसे उत्तम है।

अगरबत्ती की पैकिंग तैयार करना (Packaging in Agarbatti Business)-

बाजार का सबसे बड़ा कड़वा सच यह है कि उत्पाद चाहे जितना बढ़िया हो लेकिन अगर उसकी पैकिंग अच्छी और सुंदर नहीं दिखती तो उस उत्पाद की बिक्री न के बराबर ही होती है, इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने जिस भी उत्पाद को मार्केट में बेचने के लिए उतारें, तो उसे एक अच्छी और सुंदर पैकिंग के साथ ही उतारें।

व्यवसायिक तौर पर अगरबत्ती व धूपबत्ती जैसे उत्पादों की दोहरी (डबल) पैकिंग तैयार की जाती है-

  1. Polypropylene (PP) पोलीथिन पैकिंग (प्रारंभिक सील पैकिंग)
  2. कागज की डिज़ाइनर डिब्बों/box की पैकिंग (अंतिम फिनिश पैकिंग)

अगरबत्ती की पैकिंग डिजाइन तैयार करने अथवा करवाने के लिए किसी जानकार ग्राफिक्स डिजाइनर की सहायता जरूर लें। साथ ही agarbatti उत्पाद बनाने में उपयोग किए गए घटकों का उल्लेख उत्पाद की पैकेजिंग पर अनिवार्य रूप से करें।

छोटे और बड़े दोनों स्तर पर अगरबत्ती की पैकिंग का खर्च लगभग बराबर ही आता है। अगरबत्ती की पैकिंग 02 तरीकों से की जाती है।

  1. मैनुअल- हाथों से (Manpower लगाकर)
  2. ऑटोमेटिक- पैकिंग (मशीन की मदद से)

शुरूआती चरण में आप मैनुअल पैकिंग के विकल्प को ही चुने क्योंकि ऑटोमेटिक पैकिंग मशीन की कीमत काफी ऊँची होती है. हां, हाथों से पैक करने में थोड़ी मेहनत जरूर लगती है लेकिन इस बात को समझ लीजिये कि बिना मेहनत के कुछ भी हासिल नहीं होता, और ये तो आपका कारोबार है, तो मेहनत भी आपको ही करनी पड़ेगी।

अगरबत्ती बिजनेस का पंजीकरण (agarbatti making business license)-

बाजार में अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय/व्यापार अथवा कारोबार शुरू करने से पहले प्रत्येक व्यवसायीय/उद्यमी/कारोबारी व व्यापारी को अपनी कम्पनी/एजेन्सी का पंजीकरण ROC (Registrar Of Companies) के तहत कराना अनिवार्य है, क्योंकि पंजीकरण/रजिस्ट्रेशन लेना ही किसी भी व्यापार को शुरू करने के लिए पहला मानक है. पंजीकरण/रजिस्ट्रेशन के बाद ही आप अपनी कम्पनी/एजेन्सी और उत्पाद का प्रचार मार्केट/बाजार में कर सकते हैं.

अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय के लिए आप भारत सरकार द्वारा विकसित किये गए उद्यमी पोर्टल MSME पर अपने व्यापार की लागत के अनुरूप सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग अंतर्गत श्रेणियों में पंजीकरण कराना होता हैं. इसके साथ ही आपको GST No. भी लेना अनिवार्य है, उत्पाद की गुणवत्ता के लिए ISO Certification भी करा सकते हैं. इसके साथ ही आपको इन लाइसेंसों की भी जरूरत होगी-

  1. Trade License,
  2. NOC प्रदूषण नियंत्रण और अग्नि शामक नियंत्रण बोर्ड
  3. IEC License (एक्सपोर्ट करने के लिए)

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अगरबत्ती की मार्केटिंग करना (Agarbatti Business Marketing)-

अगरबत्ती जैसे व्यवसाय को विस्तृत रूप प्रदान करने में सबसे अहम भूमिका अदा करती है अगरबत्ती मार्केटिंग मतलब उत्पाद का प्रचार-प्रसार करना। तो इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कि शुरूआती चरण में आप अपने आस-पास के किराना दुकानों व जनरल स्टोर्स की ओर रुख करें,

क्योंकि आपके पास के किराना दुकानें व स्टोर्स आपको अच्छे से जानते होंगे, जिससे आपके माल के खपत होने की संभावना बढ़ सकती है। इसके साथ ही स्थानीय बाजार में मौजूद प्रत्येक दुकानों पर जाकर अपने उत्पाद का प्रचार कर सकते हैं तथा थोक बिक्री हेतु होलसेल कारोबारियों से भी संपर्क कर सकते हैं।

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यदि आप अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय को छोटे स्तर पर शुरू कर रहे हैं तो प्रचार के लिए आप अपने बाजार क्षेत्र में जगह-जगह पर पोस्टर, बैनर, फ्लैक्स व स्टीकर आदि चस्पा करवा सकते हैं, साथ ही अखबार में पैम्पलेट डलवाकर प्रचार कर सकते हैं।

इसके साथ ही जैसे-जैसे आपका कारोबार बढ़ता जाए (बिजनेस विस्तार) आप और बड़े स्तर के विज्ञापन (अखबार, पत्रिका और digital marketing) का भी सहारा ले सकते हैं।

आप अपने उत्पाद का कारोबार ऑनलाइन भी शुरू कर सकते/सकती हैं, जहां आपको एक वेबसाइट डिजाइन करनी या करवानी होगी, एक वेबसाइट बनाने या बनवाने का सालाना खर्च लगभग 10,000 से 25,000 तक आ सकता है।

सुझाव-

आप अपने उत्पाद के साथ कई आकर्षक स्कीमें दें, और साथ ही कुछ मात्रा में Product के सैंपल भी मुफ्त में दें। स्वाभाविक तौर पर शुरुवाती मार्केटिंग पर खर्च आपके कुल व्यवसाय लागत के लगभग चौथाई भाग के बराबर आ सकता है। रोजाना की दर से उपयोग किए जाने वाले प्रत्येक उत्पाद की मार्केटिंग करनी अनिवार्य प्राथमिक चरण है।

मूल्य निर्धारण (Pricing)-

किसी भी नए उत्पाद को बाजार में बिक्री करने के लिए सबसे अहम भूमिका निभाता है उसका मूल्य! और यह बात सार्वभौम सत्य है क्योंकि आज खासकर कोरोनाकाल के बाद लगभग कई देशों में मंहगाई बढ़ चुकी है जिसका काफी हद तक असर हमारे देश भारत पर भी पड़ा है।

इसलिए बाजार को देखते हुए आप अपने उत्पाद का मूल्य बाजार में मौजूद अन्य उत्पादों की अपेक्षा कुछ कम ही रखें लेकिन उत्पाद की गुणवत्ता से कोई समझौता न करें, बेहतरीन गुणवत्ता के कारण आपका उत्पाद धीरे-धीरे मार्केट/बाजार में प्रसिद्ध होने लगेगा और जिससे आप अपने कारोबार को छोटे से बड़े स्तर पर विस्तारित कर सकते हैं। कम मूल्य पर उत्पाद बेचने की शुरुवात आपको अपने लोकल मार्केट से ही करनी चाहिए।

अगरबत्ती बिजनेस के लिए लोन (Loans for agarbatti business)-

अगरबत्ती बिजनेस अथवा अगरबत्ती कारोबार शुरू करने के लिए आपको अपनी फर्म/कंपनी/एजेंसी का पंजीकरण MSME (सूक्ष्म एवं लघु उद्योग) के अंतर्गत करना होगा, इस रजिस्ट्रेशन या पंजीकरण के माध्यम से आप किसी भी बैंक से लोन के लिए apply कर सकते हैं. जो आपको आपके व्यवसाय स्तर के आंकलन के मुताबिक लोन दे सकता है.

लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा मेक इन इण्डिया के तहत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)कौशल विकास योजना आदि के माध्यम आपको आसानी से ऋण/लोन मिल सकता है.

इसके लिए आपको अपनी फर्म/कंपनी/एजेंसी के पंजीकरण संख्या से सरकारी योजनओं के तहत आवेदन करना होगा. सरकारी योजनओं के तहत लघु उद्योग हेतु ऋण/लोन लेने के लिए आप अपने क्षेत्रीय सरकारी बैंक की शाखा से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

व्यापार के बिल व ब्यौरा तैयार करना-

अधिकतर नए व्यापारी कोई भी नया व्यवसाय/व्यापार लागत लगाकर शुरू तो कर देते हैं लेकिन लागत के रूप में खर्चे गए पैसों का हिसाब सही ढंग से नहीं रखते, जो कि एक उभरते हुए व्यापारी के लिए अच्छी बात नहीं है. आज के इस डिजिटल दुनिया में अपने खर्चों को सूचीबद्ध करना बहुत ही आसान है.

इसके लिए आज ढेरों software और application मौजूद हैं. यदि आप एक smart phone अपने पास रखते हैं तो Google play store पर billing और accounting से जुडी ढेरो application मौजूद हैं.

आप उनमें से किसी एक उपयोग कर सकते हैं. इन application में आप अपने तैयार समान के बिल बनाने से लेकर अपनी लागत का ब्यौरा भी सुरक्षित रख सकते है, और इससे आपको पता रहेगा कि आपने अपने बिजनेस में अब तक कुल कितनी लागत लगाई है और कितना मुनाफा किया है.

अगरबत्ती बिजनेस में मुनाफा (profits in agarbatti manufacturing business)-

अब बात करते है मुनाफे की, हर एक व्यवसायी, उद्यमी, व्यापारी और कारोबारी को सबसे उच्च स्तर का मुनाफा प्राप्त करने की अभिलाषा होती है, मौलिक तौर पर मुनाफा शब्द एक ऐसा शब्द है जो हर किसी को एक नई प्रेरणा देता है. अमूमन उच्च गुणवत्ता के अगरबत्ती निर्माण बिजनेस में मुनाफा पैकिंग सहित लगभग 20 प्रतिशत से लेकर 200 प्रतिशत तक कमाया जा सकता है.

यह मुनाफा उत्पाद की गुणवत्ता व बाजार में की गई मार्केटिंग के आधार पर घट अथवा बढ़ सकता है. यदि आप अगरबत्ती बिजनेस अथवा कारोबार में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो विस्तृत रूप से हर प्रकार की मार्केटिंग प्राथमिकता पर जरूर करें.

FAQ.

घर से अगरबत्ती बनाने का कारोबार शुरू करने के लिए क्या व्यवसाय का पंजीकरण कराना जरूरी है?

व्यवसायिक तौर पर शुरू किये जाने वाले प्रत्येक कारोबार का पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है…. शुरूआती स्तर पर इच्छुक उद्यमी MSME व GST पंजीकरण कराकर अपना व्यवसाय/कारोबार शुरू कर सकता है.

अगरबत्ती बनाने का कच्चा माल कहाँ पर आसानी से मिल सकता है?

छोटे स्तर पर अगरबत्ती बनाने के लिए कम मात्रा में कच्चे माल की आवश्यकता होती है, जिसे स्थानीय (Local) पंसारी अथवा थोक मार्केट से आसानी से उच्च गुणवत्ता का ख़रीदा जा सकता है. इसके अलावा इच्छुक उद्यमी/व्यवसायीय अगरबत्ती बनाने के कच्चे माल को online भी आसानी से खरीद सकता है.

अगरबत्ती को कितने तरीकों से बनाया जा सकता है?

मूल रूप से अगरबत्ती को बनाने के 02 तरीके हैं-
1. हाथों से (मैनुअल तरीका)
2. मशीन से (ऑटोमेटिक तरीका)

छोटे स्तर पर अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय स्थापित करने के लिए मशीन की कीमत क्या है?

छोटे स्तर पर अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय स्थापित करने के लिए कुल 04 मशीनों की आवश्यकता होती है-
1. Agarbatti Stick Making Machine कीमत- 45 हजार रूपए से शुरू
2. Blending Mixer Machine कीमत- 80 हजार रूपए से शुरू
3. Heat Sealing Machine कीमत- 1500 रूपए से शुरू
4. Weight Machine कीमत- 1200 रूपए से शुरू

मच्छर मारने की अगरबत्ती को अगर कोई बच्चा खा ले तो क्या वह नुकसान दे सकती है?

यदि कोई बच्चा अथवा किसी भी उम्र का व्यक्ति मच्छर मारने अगरबत्ती को गलती से खा ले तो सबसे पहले उसे प्राथमिक उपचार के लिए तत्काल नजदीकी चिकित्सालय में परीक्षण करना चाहिए. क्योंकि मौजूदा बाजार में अधिकतर मच्छर मार अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय के तहत खरतनाक (जानलेवा) केमिकल का प्रयोग किया जाता है.

क्या मैं घर पर अगरबत्ती का बिजनेस शुरू कर सकता हूं?

जी हां! अगरबत्ती/धूपबत्ती का बिजनेस एक Low investment business idea है. जिसे बड़ी ही आसानी से घर से शुरू किया जा सकता है. अगरबत्ती बनाने के बिजनेस में विभिन्न चरण जैसे कच्चे माल से लेकर तैयार माल तक होते हैं. शुरुआती चरण में किसी एक अथवा सभी चरणों को एक साथ शुरू किया जा सकता है.

अंत में-

पिछले सैकड़ों सालों से अगरबत्तियों को हम अपने दैनिक उपयोग का एक हिस्सा बनाते आये हैं और आगे भविष्य में ऐसे ही बनाते ही रहेंगे, जिससे अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय के कारोबार में नई संभावनाएं हमेशा बनी ही रहने वाली है। जिसके चलते अगरबत्ती बनाने का कारोबार/व्यवसाय (agarbatti manufacturing business) शुरू करना एक लम्बे समय का उच्च लाभ देने वाला (फायदेमंद) विकल्प साबित हो सकता है।

नोट- किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले बाजार/मार्केट रिसर्च एवं खपत का आंकलन अनिवार्य रूप से अवश्य करें. ऐसा करने से आपको व्यवसाय में आने वाले जोखिम और दिक्कतों का सामना करने में आसानी हो जाएगी और बाजार में डिमांड के अनुरूप आप अपने products का निर्माण भी अच्छे से कर पाएंगे.

आशा है आपको इस लेख ‘कैसे शुरू करें अगरबत्ती निर्माण व्यवसाय’ से अगरबत्ती बिजनेस व कारोबार के बारे में विस्तृत जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ छूट गया हो या कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें. तब तक के लिए-

शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल व्यापारिक भविष्य के लिए.” 

धन्यवाद!

जय हिंद! जय भारत!

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