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गोबर से कागज बनाने का बिजनेस | Paper Making from Cow Dung Business Idea

गोबर से कागज (Paper Making from Cow Dung Business Idea): गोबर! जिसमें व्यवसाय की अपार संभावनाएं पैदा होना शुरू हो चुकी हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे-जैसे पृथ्वी के संसाधन समाप्त हो रहे हैं, हमें झक मारकर ऐसे संसाधनों के विकल्प पर आश्रित होना ही होगा, जो निरंतर हमारी आवश्यकताओं की पूर्ती कर सके.

तो यहां प्रश्न उठता है कि अगर हमें भविष्य में ऐसा करना ही है तो क्यों न अभी से तैयारी की जाए? बिल्कुल सही! हमें अपनी आवश्यकताओं की पूर्ती के लिए अभी से तैयारी करने की आवश्यकता है. ऐसे में गोबर जैसा घटक हमारी प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ती कर सकता है, बशर्तें गोबर का पुनर्चक्रीकरण सही तरीके से किया जाए.

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और वैसे भी गोबर को हम प्राचीन समय से ईंधन के रूप में उपयोग में ले ही रहे है. बल्कि मौजूदा समय में तो गोबर किये जा रहे शोधों से विभिन्न तरह के उत्पादों का निर्माण भी आसानी से किया जा रहा है.

गोबर एक स्वत: अपघटित होने वाला गौ अपशिष्ट (Cow Waste) है. लेकिन गोबर आधारित उत्पाद निर्माण में विशेष सामग्रियों को मिलाकर गोबर के स्वत: अपघटन की दर को बहुत की लम्बी अवधि (लगभग 90 से 1000 वर्ष तक) का बनाया जा सकता है और यह पूरी तरह से संभव भी है.

हमारे पूर्वज गाय को पूजते थे, इसलिए नहीं कि गाय का दूध हमारा पहला आहार होता था, बल्कि इसलिए क्योंकि गाय से मिलने वाला प्रत्येक पदार्थ हमारी मानव सभ्यता के अस्तित्व को कायम रखने में सबसे अहम भूमिका निभाता था जो आज भी कायम है.

मौजूदा समय में जबसे वैश्विक महामारी ने अपना प्रकोप फैलाया है, गोबर से बनने वाले उत्पादों की मांग पहले से काफी हद तक बढ़ चुकी है.

समाज के जागरूक लोग आर्गेनिक/गोबर आधारित उत्पादों के उपयोग को लेकर अच्छा-खासा रूचि दिखा रहे हैं. जिससे निकट भविष्य में गोबर आधारित उत्पाद निर्माण व्यवसाय शुरू करना, व्यवसाय की सफलता और व्यवसाय के बेहतर मुनाफे को इंगित करता है.

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गोबर के फायदे-

गाय का गोबर में गुणों का भंडार है. पुरातन काल से ही गाय के गोबर से घरों की दीवार व फर्श को लीपा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि गोबर में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो सूक्ष्म बैक्टीरिया को स्वत: हो समाप्त कर देते है.

गोबर से बना कंडा जिसे ईन्धन के रूप में प्रयोग में लिया जाता है, जब सुलगाया जाता है तो उससे उत्पन्न धुँआ, जहाँ एक तरफ वातावरण को शुद्ध करता हैं वही दूसरी और अनचाहते कीट-पतंगों व मच्छरों से निजात भी दिलाता है. गाय के गोबर के लाभ व उपयोग जानने के लिए नीचे पढ़ें-

गाय के गोबर से क्या लाभ है?

1. गोबर का प्राथमिक उपयोग जलावन/ईंधन के रूप में.
2. गोबर में एंटीबैक्टीरियल गुण होने के कारण देशी गाय के गोबर का उपयोग औषधि के रूप में.
3. गोबर फ्रिज व इलेक्ट्रोनिक्स उत्पादों से निकलने वाली विकिरण व मोबाइल रेडिएशन से बचाव करने में सक्षम होता है.
4. कैंसर जैसी बीमारी की रोकथाम में सहायक.
5. गोमूत्र और गोबर का सेवन करने से महिलाओं की प्राकृतिक प्रसव (नार्मल डिलीवरी) को बढ़ावा मिलता है.
6. रासायनिक खाद की अपेक्षा गोबर से बनी प्राकृतिक खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरक क्षमता में वृद्धि होती है, साथ ही फसलों का उत्पादन भी अधिक मात्रा में होता है.
7. गोबर के कंडों को जलाने पर उत्पन्न धुआं सूक्ष्म कीटाणु, बैक्टीरिया, मच्छर, मक्खी, भुनगे आदि से राहत दिलाता हैं, इसके अलावा गोबर उपलों/कंडों के धुंए से वातारवरण में मौजूद दुर्गंध का नाश भी आसानी से हो जाता है.
8. गाय के गोबर की राख (भस्म) को त्वचा पर लगाने पर गोबर त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे- दाद-खाज खुजली व दुर्गन्ध आदि से राहत में सहायता मिलती है.
9. वर्तमान में गोबर से भवन निर्माण सम्बन्धी उत्पाद जैसे- वैदिक ईंट, प्राकृतिक प्लास्टरप्राकृतिक पेंट आदि का निर्माण भी किया जा रहा है, जो उच्च मुनाफे को इंगित कर रहा है और भविष्य में इसमें कई संभानाएं देखी जा रही हैं. साथ ही इन उत्पादों को सरकार भी प्रगाढ़ता से बढ़ावा दे रही है.

गोबर उत्पाद निर्माण मार्केट पोटेंशियल (Dung Products Manufacturing Market Potential)-

खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार, भारतीय डेयरी बाजार का मूल्य लगभग 30 बिलियन डॉलर है क्योंकि भारत 160 मिलियन टन दूध का उत्पादन करता है जिसे प्रति वर्ष 75 मिलियन से अधिक डेयरी फार्मों से पूरा किया जाता है.

अधिक संख्या में पशुधन मौजूद होने से पशु अपशिष्ट (animal waste) का भी उत्पन्न होना स्वाभाविक है. बड़ी मात्रा में गोबर उत्सर्जित होने के कारण उपयोगी गोबर वेस्ट का प्रबंधन (Management of cow dung waste) किया जाना जरूरी हो जाता है, प्रबंधन के दृष्टिगत गोबर की उपयोगिता (utility of cow dung) स्वत: स्पष्ट होने लगती है.

मौजूदा समय में गाय के गोबर के अनेकों उत्पादों का निर्माण (manufacturing of cow dung products) किया जा रहा है, व्यवसायिक दृष्टी से आंकलन करने पर गोबर उत्पादों का मार्केट पोटेंशियल लगातार बढ़ता जा रहा है. हालाँकि हम जानते हैं कि पृथ्वी पर मौजूद प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं और धीरे-धीरे समाप्ति की ओर बढ़ रहें.

ऐसे में हमें उन जीवों और प्राकृतिक देन को सहेजना और सुरक्षित रखना जरूरी है जो हमारी प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ती के लिए उत्तरदायी है.

आज जैसे-जैसे सामान्य/आमजनों में प्राकृतिक उत्पादों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, जिसके कारण लोग केमिकल आधारित उत्पादों से पल्ला झाड़कर आर्गेनिक उत्पादों की ओर रुख करने लगे हैं. जो कि organic products/गोबर से बने उत्पादों की बाजार पकड़ का सूचक है और इसमें लगातार वृद्धि होती जा रही है.

एक अध्ययन के अनुसार कोरोना काल के बाद organic products विशेषकर गोबर आधारित उत्पादों की मांग 10 से 22 फीसदी तक बढ़ चुकी है, साल 2025 तक गोबर आधारित उत्पादों की खपत लगभग 03 से 10% प्रति वर्ष की दर से बढ़ने की सम्भावना है.

गोबर से क्या क्या बनता है?

1.       गोबर से बनने वाले कंडे/उपले
2.       गोबर से अगरबत्ती, धूपबत्ती व हवन कप का निर्माण
3.       गोबर से बनी ईंट
4.       गोबर से बनी लकड़ी
5.       गोबर से बनी मूर्तियां, दीये व गमले
6.       गोबर से बना प्राकृतिक साबुन
7.       ऑर्गैनिक/प्राकृतिक प्लास्टर, वैदिक पेंट
8.       गोबर से कागज
9.       गोबर से खाद (गोबर कम्पोस्ट और वर्मी कम्पोस्ट)
10.   गोबर आधारित बायोगैस प्लांट

गोबर से कागज बनाने का व्यवसाय स्थापित करने के लिए वांछित स्थान-

व्यवसायिक स्तर पर गोबर से गोबर से कागज बनाने का बिजनेस/उद्यम को शुरू करने के लिए कम से कम 1500 से 5000 sqft स्थान की आवश्यकता होगी. जहां कच्चे माल से लेकर तैयार माल को सुरक्षित रखने के अलावा मशीनों के स्थान भी पहले से निर्धारित किये गए हों.

गोबर से कागज बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए ऐसे स्थान का चयन किया जाता है, जो बाजार क्षेत्र से थोड़ा हटकर हो तथा चयनित स्थान पर वाहनों व ग्राहकों के आवागमन करने के लिए उचित व्यवस्था हो. आपके चयनित स्थान पर बिजली आदि की व्यवस्था का भी होना अनिवार्यता है.

बड़ा स्थान होने से एक फायदा और मिलता है- एक तरफ जहां आप गोबर आधारित उत्पादों की प्रदर्शनी कर अपने ग्राहकों को आकर्षित कर सकते हैं, वहीं दूसरी ओर ग्राहक/उपभोक्ता आपके स्थान पर आकार उत्पाद निर्माण प्रक्रिया का अनुभव भी प्राप्त कर सकता है. व्यवसायिक दृष्टी से इस प्रकार का कदम हमेशा एक अच्छे मुनाफे की सम्भावना को दर्शाता है.

गोबर से कागज बनाने के लिए आवश्यक कच्चा माल-

गोबर से कागज बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए — घटकों/रॉ मटेरियल्स की आवश्यकता होती है. जो इस प्रकार हैं-

  1. पालतू मवेशियों (गाय, बैल, भैंस) का गोबर
  2. लकड़ी का बुरादा (पराली व फसल अपशिष्ट का भी उपयोग किया जा सकता है)
  3. कपूर
  4. नीम तेल/रस
  5. खाद्य तेल (सरसों, नारियल, ताड़ का तेल अथवा अरंड का तेल)
  6. रद्दी (अपशिष्ट कागज)

नोट- साधारण कागज बनाने के लिए केवल गोबर फाइबर, रद्दी व अन्य फसल अपशिष्ट (वैकल्पिक) की ही आवश्यकता होती है.

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गोबर से कागज बनाने के लिए मशीनरी व उपकरण-

  1. Gobar Pulverizer Machine (गोबर पीसने की मशीन)
  2. Mixing Machine (मिलाने की मशीन)
  3. श्रेडर मशीन (रद्दी व अन्य अपशिष्ट को क्रश करने के लिए)
  4. Boiler Machine
  5. Weighing Machine (तराजू)
  6. लुग्दी (pulp) को सेट करने के लिए डाई/फर्मे (स्क्रीन फ्रेम)
  7. शीट प्रेस/बेल प्रेस मशीन
  8. Packing Machine (बोरी/पैकेट आदि को पैक करने के लिए)

कर्मियों की आवश्यकता-

व्यवसायिक स्तर पर गोबर से कागज बनाने की फैक्ट्री के सफल संचालन के लिए कम से कम 09 से 15 मैनपावर/कर्मियों की आवश्यकता होती है. ये कर्मचारी- प्रशिक्षित लेबर, मशीन आपरेटर, मैनेजर, अकाउंटेंट, मार्केटर व सफाई कर्मी आदि हो सकते हैं.

गोबर से कागज़ बनाने के लिए प्रशिक्षण-

कचरे से कमाई (वेस्ट टू वेल्थ) जैसी सकारात्मक सोच को प्रगाढ़ता से बढ़ावा देने के उद्देश्य से खादी ग्रामोद्योग की यूनिट केएनएचपीआई (KNHPI) गोबर से कागज का उत्पादन करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करती है. इच्छुक उद्यमी केएनएचपीआई (KNHPI) के online पोर्टल पर प्रशिक्षण हेतु संपर्क कर सकते हैं.

गोबर से कागज बनाने की विधि-

हम जानते हैं कि कागज का निर्माण करने के लिए उन घटकों को परम आवश्यकता होती है, जिनमें फाइबर (सेलुलोज) की मात्रा पाई जाती हो क्योकि फाइबर ही वह घटक है, जिसे प्रोसेस कर कागज का निर्माण किया जा सकता है.

व्यवसायिक स्तर पर गोबर से कागज बनाने के लिए …. चरण की प्रक्रिया से पूर्ण करने की आवश्यकता होती है. क्रमनुसार ये चरण हैं-

  1. सबसे पहले गोबर से फाइबर को अलग करने की प्रक्रिया की जाती है. मैनुअल तरीके में गोबर से फाइबर को अलग करने के लिए गोबर को पानी में घोलने और छानने की प्रोसेस की जाती है.
  2. इसके बाद अन्य वेस्ट मटेरियल्स जैसे- फसल अपशिष्ट व कागजी रद्दी को श्रेडिंग मशीन से छोटे-छोटे टुकड़ों/पावडर में बदलने की प्रक्रिया की जाती है.
  3. इसके बाद दोनों तरह के (पहले व दूसरे चरण से प्राप्त) फाइबर को पानी में उबाल व आपस में मिलाकर लुगदी तैयार करने की प्रोसेस की जाती है.
  4. लुग्दी बन जाने के बाद जैसे ही ठंडी होती है, तो स्क्रीन फ्रेम में लुगदी एक परत सेट कर थोड़े दाब से अतिरिक्त पानी निचोड़कर फ्रेम की शीट को अलग निकाल कर सूखने के खुले वातावरण में छोड़ दिया जाता है.
  5. अच्छी तरह से सूख जाने के बाद कागज का प्रारंभिक ढांचा तैयार हो जाता है, उपयोग लायक बनाने के लिए इसे शीट प्रेस मशीन से समान समतल किया जाता है, समतल हो जाने के बाद निर्मित कागज़ को वांछित आकार के मुताबिक काट/छांट लिया जाता है.

01 किलोग्राम गोबर में कितना फाइबर मिलता है?

सामान्य तौर पर 01 किलोग्राम ताजे गोबर में लगभग 07 प्रतिशत फाइबर की मात्रा पाई जाती है.

नोट- मौजूदा बाजार में कई रंग-बिरंगे कागज व नोटबुक देखने को मिलते हैं, यदि आप वांछित/विभिन्न रंग के कागज का निर्माण करना चाहते हैं तो तैयार लुगदी में रंग व कागज़ की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अन्य मटेरियल्स जैसे- नीम तेल, कपूर, मोम व अन्य प्राकृतिक तेल का उपयोग कर सकते हैं.

गोबर से कागज बनाने के बिजनेस में कितने तरह के बिजनेस आते हैं?

गोबर से कागज निर्माण तहत कुल 02 प्रकार के उत्पादों का निर्माण व्यवसायिक स्तर पर किया जाता है. जिसमें-

1. गोबर से कागज निर्माण
2. गोबर से फाइबर पृथक करने के बाद प्राप्त होने वाली स्लरी का उपयोग natural die/प्राकृतिक रंग बनाने (most demand-able business idea) में किया जाता है.

व्यवसाय का पंजीकरण-

व्यवसायिक स्तर पर गोबर से कागज बनाने और बाजार में बिक्री करने के लिए Gobar Products Manufacturing Business का पंजीकरण कराना अनिवार्य है. व्यवसाय का पंजीकरण कराने से सरकार द्वारा व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन व सब्सिडी जैसी सुविधा भी सुलभ हो जाती है.

गोबर उत्पाद निर्माण व्यवसाय शुरू करने के लिए नीचे बताए गए प्रमाणों से प्रमाणन कराना होता है-

  1. ROC
  2. MSME (उद्यम पंजीकरण)
  3. GST No (टैक्स पंजीकरण)
  4. Factory License
  5. Trade & Trademark License
  6. IEC Certificate
  7. NOC (No Objection Certificate) प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र

व्यवसाय की लागत-

कच्चे माल, मशीनरी, लेबर व पैकिंग आदि सभी आवश्यक सामग्री सहित लगभग 12 से 25 लाख रूपये की धनराशी निवेश करने की आवश्यकता होती है.

वही यदि आप छोटे स्तर पर मैनुअल तरीके से कागज़ बनाने का बिजनेस करना चाहते हैं तो छोटे स्तर पर कम से कम 07 लाख रूपये की लागत आना संभावित है.

व्यवसाय के लोन-

भारत सरकार की वेस्ट टू वेल्थ (Waste to Wealth) योजना के तहत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)कौशल विकास योजना के अंतर्गत इच्छुक उद्यमी को वांछित व्यवसाय की कुल लागत पर लगभग 35% तक की सब्सिडी/अनुदान मिल सकता है.

सब्सिडी/अनुदान का लाभ लेने के लिए इच्छुक उद्यमी को अपने व्यवसाय का पंजीकरण सूक्ष्म, मध्यम व लधु उद्योग (MSME) के तहत करना अनिवार्य है. पंजीकरण करा लेने के बाद MSME वांछित व्यवसाय का ब्यौरा बैंक को भेज देगा. जहां सब्सिडी की रकम बैंक से लोन मंजूर/अनुमोदित होने के बाद 05 से 07 कार्य दिवसों में उसी बैंक में जमा कर दी जाती है.

गोबर उत्पादों की मार्केटिंग (Marketing of cow dung products)-

व्यवसायिक दृष्टी से गोबर आधारित उत्पादों की मार्केटिंग के लिए स्थानीय खुदरा व थोक बाजार के अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे- खुद की वेबसाइट अथवा e-commerce जैसी वेबसाइटो का सहारा लेना एक कारगर पहल है. इसके अलावा सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, whats app जैसे एप्लीकेशन भी आपके कारोबार/बिजनेस को अच्छी ग्रोथ दिला सकते हैं.

सुझाव (Suggestion)-

आज जिस तरह से प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा रहा है, इस बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए हमें ऐसे उत्पादों को उपयोग में लेना आवश्यक है, जो देखने में सुन्दर, उपयोगिता में भरोसेमंद और कार्बन उत्सर्जन को कम से कम अथवा न के बराबर करे.

गाय के गोबर से बने उत्पाद ऐसे हैं जो लगभग हमारी सभी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता रखते हैं. परन्तु विडंबना यह है मौजूदा फैशन के दौर में हम भारतीय अपनी पुरातन सभ्यता को भूल चुके हैं.

ऐसी स्तिथि में गोबर आधारित उत्पादों से सभी को जागरूक करना बेहद ही आवश्यक है. मेरे सुझाव में गाय के गोबर से बने उत्पादों की उपयोगिता से बड़े स्तर पर सभी जनसामान्य को जागरूक करने के लिए किसी ऐसी गैर सरकारी संस्था (NGO) से संपर्क करें जो समाज के उन स्तरों तक पहुंच सकती हो, जहां किसी भी मार्केटिंग एजेंसी अथवा विज्ञापन का आसानी से पहुचना दुर्लभ हो.

गोबर से बने कागज से कितने उत्पाद बनाए जा सकते हैं?

सामान्य कागज से बनने वाले उन सभी उत्पादों का निर्माण आसानी से किया जा सकता है, जिनकी मौजूदा बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है. मसलन-

1. लेखन सामग्री के सभी कागजी उत्पाद
2. कागजी पैकिंग व क्राफ्टिंग के सभी उत्पाद
3. सभी प्रकार के कागजी कार्ड जैसे- निमंत्रण, विजिटिंग कार्ड, कैलेण्डर
4. ऑफिसियल कागजी फाइल कवर व नोट पैड

व्यवसाय में मुनाफा-

गोबर उत्पाद निर्माण के कारोबार/व्यवसाय में मुनाफा शुरूआती चरण में काफी कम होता है, लेकिन जैसे-जैसे उद्यम/व्यवसाय पुराना होता जाता है. व्यवसाय के ग्राहक बढ़ने लगते हैं, बेहतरीन गुणवत्ता के गोबर आधारित उत्पादों पर मूल लागत से लगभग दोगुना मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है.

वहीं यदि चरण दर चरण व्यापक रूप से गोबर आधारित उत्पादों की मार्केटिंग (गोबर से कागज) की जाए तो प्रति माह 50 हजार की लागत पर 03 लाख रूपये का मुनाफा बहुत ही आसानी से कमाया जा सकता है. वही यदि आप natural die के बिजनेस भी निवेश करते हैं तो यह मुनाफा काफी हद बढ़ जाता है.

अंत में-

हमारा उद्देश्य उन इच्छुक उम्मीदवारों, उद्यमियों और किसानों को बेहतर और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराना है जो गोबर उत्पाद निर्माण व्यवसाय के क्षेत्र में अपना भविष्य देख रहे हैं और गोबर आधारित कारोबार से अच्छा मुनाफा  बनाना चाहते है.

आशा है आपको इस लेख कैसे शुरू करें गोबर से कागज बनाने का बिजनेस से गोबर उत्पाद (cattle/cow dung product making/manufacturing business) उद्यम/व्यवसाय, व्यापार अथवा कारोबार के बारे में पूरी जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें. तब तक के लिए-

शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल व्यापारिक भविष्य के लिए.

धन्यवाद!

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