कम निवेश के साथ शैम्पू बिजनेस कैसे शुरू करें | How to Start Shampoo Making Business with Low Investment

शैम्पू बिजनेस (Shampoo Making Business): बालों को पोषण और सुन्दर, चमकीले व आकर्षक बनाने के लिए शैम्पू का उपयोग किया जाता है. मौजूदा समय में hair cleaning product shampoo जैसे उत्पाद की डिमांड खपत के तौर पर बहुत बड़ी मात्रा में बढ़ चुकी है और निरंतर बढती जा रही है.

हालांकि शैम्पू पहले केवल समाज के उच्च र्ग तक ही सीमित था, लेकिन जैसे-जैसे आम जन में स्वच्छता उत्पादों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है. लोग स्वच्छता उत्पादों को अपनाने लगे हैं.

आज शायद ही कोई ऐसा होगा जो शैम्पू को अपने बालों को साफ करने के लिए उपयोग में न लेता हो. यह तथ्य पूरी तरह से साबित करता है कि शैम्पू जैसे daily use product में कई संभावनाएं संहित हैं साथ ही शैम्पू बनाने का व्यवसाय एक सदाबहार चलने वाला मुनाफे का कारोबार (Evergreen Profitable Business) है.

लेकिन प्रश्न यह है कि शैम्पू बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए इच्छुक उद्यमी को किन-किन घटकों, सामग्री और किस तरह के पंजीकरण कराने होंगे? देखिये यदि आप shampoo making business शुरू कर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो यह अत्यधिक जरूरी है आप shampoo making business plan को गहराई से समझें…

शैम्पू-बनाने-का-व्यवसाय-shampoo-making-business

क्योंकि मौजूदा मार्केट में खुद का बिजनेस स्थापित करने के लिए यह जरूरी है कि व्यवसाय से सम्बंधित सभी घटकों/चीजों पर गहनता से विचार किया जाए और निवेश की लागत (Investment Cost) का सटीकता से आंकलन कर सीमित/कम निवेश में ही अपना उद्यम/बिजनेस शुरू कर मुनाफा कमाया जा सके.

शैम्पू बिजनेस के घटक (components of shampoo making business)-

यदि आप शैम्पू बनाने का व्यवसाय (Shampoo Making Business) शुरू कर मुनाफा कमाना चाहते है तो आपके पास कुछ संभावित प्रश्न हो सकते हैं- क्या शैम्पू को कम लागत में घर पर भी बनाया जा सकता है?, शैम्पू बनाने के लिए कौन से रॉ मटेरियल्स की आवश्यकता होती है?,

शैम्पू बिजनेस शुरू करने के लिए कितने स्थान की आवश्यकता होगी?, कितनी लागत में शैम्पू बनाने का कारोबार (Shampoo Business) शुरू किया जा सकता है? शैम्पू बनाने की विधि/प्रक्रिया क्या है? तथा उत्पाद को मार्केट में उतारने से पहले क्या-क्या करना जरूरी है.

इन सब प्रश्नों का जवाब जानने के लिए पूरा पोस्ट जरूर पढ़ें, क्योंकि “व्यवसाय का सम्पूर्ण ज्ञान आपके उद्यम को ऊँचे से ऊँचे पायदान तक पहुंचा सकता है जबकि अधूरा ज्ञान आपके निवेश को डूबा सकता है…” निर्णय आपका है आप क्या करना चाहते हैं. तो shampoo making business शुरू करने से पहले आपको यह जानना होगा कि-

शैम्पू कितने प्रकार का होता है (How many types of shampoos)?

मूल रूप से शैम्पू 03 प्रकार का ही होता है-

1. हर्बल शैम्पू- हर्बल शैम्पू (Herbal Shampoo) को सीधे प्राकृतिक फलों व जड़ी-बूटियों को प्रोसेस कर उनके अर्क से तैयार किया जाता है. बालों की बेहतर ग्रोथ के लिए herbal/natural shampoo एक कारगर उत्पाद है.

2. कॉस्मेटिक शैम्पू- कॉस्मेटिक शैम्पू (Cosmetic Shampoo) को बनाने के लिए कॉस्मेटिक रसायनों का मिश्रण तैयार कर बनाया जाता है.

3. डिटर्जेंट शैम्पू- कपड़ों की सफाई करने की दृष्टी से डिटर्जेंट शैम्पू (detergent shampoo) का निर्माण किया जाता है. इस शैम्पू को कई तरह के रसायनों को आपस में मिलाकर तैयार किया जाता है.

मौजूदा बाजार में आपने शैम्पू के ढेर सारे उत्पाद जरूर देखें होंगे… जिनमें से अधिकतर कॉस्मेटिक शैम्पू ही होते हैं… नामी कंपनियों द्वारा अपनाई गई तगड़ी मार्केटिंग रणनीति इन शैम्पूओं की पहचान करने से रोकने के लिए आम लोगों के दिमाग में संशय व मतभेद उत्पन्न करती है…

शैम्पू बनाने का व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवश्यक स्थान (Required Area to Setup Shampoo Making Business)-

छोटे स्तर पर– छोटे स्तर या घर से shampoo making business शुरू करने के लिए कम से कम 200 से 500 वर्ग फुट के स्थान या जगह की जरूरत होती है. जहां shampoo making process व पैकिंग हाथों/मैनुअल तरीके से की जाती है.

बड़े स्तर पर– shampoo Manufacturing शुरू करने के लिए कम से कम 1,000 से 1,500 वर्ग फुट के स्थान या जगह की जरूरत होती है. जहां मशीनों को install कर शैम्पू बनाने की प्रक्रियाशैम्पू की पैकिंग की जाती है.

सुझाव-

  1. चयनित क्षेत्र का डिजाइन ऐसे किया जाना चाहिए जिसमें मशीनों के स्थान फिक्स हों और साथ ही कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पाद को सुरक्षित रखने के स्थान भी सुव्यवस्थित किए गए हों. 
  2. आपके कार्य स्थल पर बिजली व पानी की उपलब्धता का होना अनिवार्य है, क्योकि बड़े व छोटे दोनों स्तरों पर शैम्पू बनाने का व्यवसाय (shampoo making business) स्थापित करने के लिए ये दोनों घटकों का होना प्राथमिक चरण में से एक है.
  3. चयनित स्थान पूरी तरह से धूल, मिट्टी, प्रदूषण व बारिस आदि से संरक्षित होना जरूरी है, आपको ऐसे स्थान का चुनाव करना चाहिए जो बाजार से कुछ दूरी पर स्थित हो साथ ही वाहनों के आवागमन में कोई समस्या न होती हो.

शैम्पू बिजनेस का पंजीकरण कहां से कराना है (Shampoo Making Business Registrations)-

कोई भी व्यवसाय या कारोबार शुरू करने से पहले एक उद्यमी को अपने व्यवसाय या कारोबार की कम्पनी/फर्म का पंजीकरण कराना अनिवार्य है, क्योंकि किसी भी व्यापार को शुरू करने के लिए पहला मानक पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन लेना है. पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन के बाद ही आप अपने उत्पाद का प्रचार मार्केट/बाजार में कर सकते/सकती हैं.

शैम्पू के कारोबार का पंजीकरण आपको सबसे पहले रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनीज में रजिस्ट्रेशन (ROC) के तहत अपनी फर्म/कंपनी को पंजीकृत कराना होता है. इसके बाद भारत सरकार द्वारा विकसित किये गए उद्यमी पोर्टल MSME पर अपने व्यापार की लागत के अनुरूप सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग अंतर्गत किसी एक श्रेणी में पंजीकरण करा सकते/सकती हैं, साथ ही आपको नीचे दिए गए पंजीकरणों को भी कराना होता है- 

  1. टैक्स आदि के लिए GST No. 
  2. फैक्ट्री लाइसेंस और ट्रेड लाइसेंस
  3. कॉस्मेटिक और ड्रग कण्ट्रोल लाइसेंस
  4. पोल्यूशन और फायर डिपार्टमेंट से एनओसी
  5. ब्रांड नाम और ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन

शैम्पू बनाने के लिए रॉ मटेरियल (Raw Material for Shampoo Making)-

हर्बल शैम्पू और कॉस्मेटिक ग्रेड का शैम्पू बनाने के लिए अलग-अलग तरीके के कच्चे माल/रॉ मटेरियल्स की आवश्यकता होती है. जिन्हें नीचे अलग-अलग बताया गया है-

हर्बल शैम्पू (Herbal Shampoo)-

उपयोगिता की दृष्टी से हर्बल शैम्पू एक प्राकृतिक औषधि है. जिसका उपयोग करने से बालों से सम्बंधित लगभग सभी समस्याओं का निदान बहुत ही आसानी से किया जा सकता है. हर्बल शैम्पू को घर पर भी बहुत ही आसानी से बनाया जा सकता है.

हर्बल-शैम्पू-बनाने-का-बिजनेस-herbal-shampoo-making-business

हर्बल शैम्पू बनाने के लिए मूल रूप से इन कच्चे माल की आवश्यकता होती है-

रॉ मटेरियलमात्रा 
आंवला300 ग्राम 
रीठा300 ग्राम 
शिकाकाई300 ग्राम 
मेथी दाना300 ग्राम 
नींबू सत्व05 ग्राम व इच्छानुसार 

हर्बल शैम्पू बनाने की विधि/प्रक्रिया (Process of Herbal Shampoo Making)-

  • रीठा, आंवला, शिकाकाई और मेथीदाना को कम से कम 6 घंटो के लिए साफ पानी में भिगो कर रखें.
  • 6 घंटो के बाद भीग चुकी सामग्री को आधे घंटे तक तेज से मध्यम आंच पर उबालें.
  • उबलकर ठंडा होने पर इस मिश्रण को छानकर इसमें एक नींबू का रस अथवा सत्व अच्छे से मिला दें.
  • प्राप्त मिश्रण ही आपका वांछित तैयार हर्बल शैम्पू है. इसे उपयोग में लिया जा सकता है.

नोट-

  1. हर्बल शैम्पू बनाने के लिए तुलसी, नीम, एलोवीरा, भृंगराज के अलावा चंदन व एरंड आदि के तेलों का उपयोग भी किया जाता है.
  2. व्यवसायिक दृष्टी से आर्गेनिक, हर्बल व आयुर्वेदिक शैम्पू बनाने का बिजनेस घर से बहुत ही आसानी से शुरू किया जा सकता है. और जैसे-जैसे आर्गेनिक/हर्बल उत्पादों की जन-जागरूकता बढ़ रही है. हर्बल शैम्पू इच्छुक उद्यमी के लिए एक शानदार profitable business साबित हो सकता है.
  3. उपरोक्त बताई गई विधि के अलावा हर्बल शैम्पू बनाने की अन्य विधियां भी हैं.

कॉस्मेटिक शैम्पू (Cosmetic Shampoo)-

व्यवसायिक स्तर पर कॉस्मेटिक शैम्पू का निर्माण करने के लिए दो तरीकों को प्रयोग में लिया जाता है-

  1. शैम्पू बेस बनाकर कॉस्मेटिक शैम्पू का निर्माण
  2. रॉ मटेरियल्स को मिक्स कर सीधे शैम्पू का निर्माण

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको शैम्पू बेस से daily use के shampoo के निर्माण की विधि/प्रक्रिया विस्तार से साझा करेंगे. यदि आप शैम्पू बेस बना लेते हैं तो आप किसी भी तरह/प्रकार के शैम्पू का निर्माण बहुत ही आसानी से कर सकते हैं.

साथ ही शैम्पू बेस को बहुत ही आसानी से घर पर भी बनाया जा सकता है, तो शैम्पू बेस बनाने के लिए किन-किन मटेरियल्स की आवश्यकता होती है-

शैम्पू बेस रॉ मटेरियल (Base shampoo making ingredients)-

बड़े स्तर पर शैम्पू का उत्पादन करने के लिए शैम्पू बेस का निर्माण किया जाता है. शैम्पू बेस बनाने के लिए नीचे बताये गए कच्चे माल/रॉ मटेरियल्स (Ingredients for shampoo making) की आवश्यकता होती है-

Raw MaterialApprox. Wholesale Price/kgQuantityUnit Measurement 
SLES 28%65/-900gm 
Ethylene Glycol Monostearate (EGMS)120/-40gm 
Cocomonoethanolamide (Coco Mono)200/-30gm 
Vitamin E oil (Optional)980/-6ml 
Perfume (Optional)1600/-10ml 

आवश्यक उपकरण (Necessary Equipment)-

  1. Induction Cock-top/non flammable भट्टी
  2. स्टील या कांच के बाउल/जार
  3. मिश्रण मिलाने के लिए स्टील, प्लास्टिक या लकड़ी का चम्मच/छड़ी

कहां से खरीदें (Where to buy)-

यदि आपके लोकल मार्केट में यह रॉ मटेरियल व उपकरण नहीं मिल पा रहा है तो इसे आप ऑनलाइन भी आर्डर दे सकते/सकती हैं. इसके लिए आप इन वेबसाइट्स की मदद ले सकते/सकती है-

  1. www.indiamart.com 
  2. www.amazon.com
  3. या फिर आप जिसे जानते हैं वहाँ से ऑर्डर दे सकते/सकती हैं.

शैम्पू बेस बनाने की विधि (Process of Shampoo Base making)-

उपरोक्त बताये गए घटकों से शैम्पू बेस का निर्माण गरम विधि (Heat process) से चरणबद्ध तरीके से किया जाता है-

प्रथम चरण-

  • शैम्पू बेस बनाने के लिए सबसे पहले 1 साफ और स्वच्छ स्टील/कांच के पात्र में SLES बताई गई मात्रा के अनुसार लेना होता है.
  • इसके बाद धीमी आंच पर इसे गर्म करते हुए इसमें Ethylene Glycol Monostearate (EGMS) बताई गई मात्रा के अनुसार मिलाकर दोनों तत्वों को चम्मच अथवा छड़ी की सहायता से मिलाना होता है.
  • यह प्रक्रिया लगभग 10 मिनट तक चलती है.

दूसरा चरण-

  • पहले चरण के बाद दूसरे चरण में प्राप्त मिश्रण में Cocomonoethanolamide (Coco Mono) बताई गई मात्रा के अनुसार मिलाकर तत्वों को चम्मच अथवा छड़ी की सहायता से मिलाना होता है.
  • यह प्रक्रिया लगभग 5 मिनट तक चलती है.
  • इसके बाद प्राप्त तैयार मिश्रण में Vitamin E oil, perfume अथवा अन्य वांछित तेल को मिलाकर मिश्रण को 2-3 मिनट तक पकाया जाता है. Vitamin E oil, perfume अथवा अन्य वांछित तेल मिलाने की प्रक्रिया पूरी तरह से वैकल्पिक है.

तीसरा चरण-

  • इसके बाद तैयार मिश्रण को 24 से 48 घंटो के लिए ढककर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है. सूखकर गाढ़ा हो चुका मिश्रण ही हमारा शैम्पू बेस है.
  • शैम्पू बेस तैयार हो जाने के बाद इसे पैककर सीधे मार्केट में बिक्री के लिए भेजा जा सकता है अथवा वांछित शैम्पू के निर्माण में लिया जा सकता है.

नोट- उपरोक्त बताई गई प्रक्रिया के अलावा शैम्पू बेस को अन्य विधियों से भी बनाया जा सकता है.

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शैम्पू बेस से क्या-क्या बनाया जा सकता है?

शैम्पू बेस से होम केयर उत्पाद जैसे hair wash shampoo, body wash shampoo, liquid soap, hand wash, डिटर्जेंट शैम्पू, car wash shampoo, dog shampoo और इंडस्ट्रीयल क्लीनर आदि का निर्माण आसानी से किया जा सकता है.

शैम्पू बेस से बालों का शैम्पू तैयार करना (Making Hair Shampoo from Shampoo Base)-

शैम्पू बेस से कई प्रकार के दैनिक उपयोग में लिए जाने वाले शैम्पूओं का निर्माण बहुत ही आसानी से किया जा सकता है. इस पोस्ट में हम हमारे बालों को साफ करने वाले शैम्पू की रेसिपी को बताने जा रहे हैं. जिसे शैम्पू बेस से तैयार किया गया है-

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शैम्पू बेस को डायलूट कर बालों को साफ करने वाले शैम्पू को बनाने के लिए नीचे बताये गए रॉ मटेरियल की आवश्यकता होती है-

Raw MaterialsApprox. Wholesale Price/kgQuantityUnit Measurement 
DM Water10/-380gm 
Methyl Paraben/formalin255/-1.5gm 
Cocobiten200/-20gm 
Shampoo base 165gm 
Vitamin E oil980/-2ml 
Glycerin90/-12ml 
Perfume1600/-4ml 
Sodium sulfate/Salt20/-18-20gm 

बनाने की विधि/प्रक्रिया (shampoo making process)-

शैम्पू बेस से उपयोग लायक शैम्पू बनाने के लिए कुल …. चरणों को पूरा करना होता है. ये चरण हैं-

प्रथम चरण-

  • सबसे पहले वांछित मात्रा का शैम्पू बनाने के मुताबिक एक बाउल अथवा पात्र लेना है, जिसमें शैम्पू बनाने की विधि/प्रक्रिया पूर्ण की जानी है.
  • इसके बाद इस पात्र में DM (Deminralize Water) बताई गई मात्रा के अनुसार भर देना है.
  • तत्पश्चात Methyl Paraben/formalin और Cocobiten को बताई गई मात्रा के अनुसार पात्र में डालकर डीएम वाटर में मिलाना होता है.
  • यह प्रक्रिया लगभग 5 मिनट के अन्दर संपन्न हो जाती है

नोट- शैम्पू बनाने में सबसे अहम भूमिका मिक्सिंग/मिश्रण मिलाने की होती है.

दूसरा चरण-

  • पहला चरण पूरा कर लेने के बाद दूसरे चरण में तैयार मिश्रण में Shampoo base बताई गई मात्रा के अनुसार धीरे-धीरे मिलाना होता है.
  • यह प्रक्रिया लगभग 5 से 10 मिनट तक चलती है. Shampoo base घोल लेने के बाद जो मिश्रण प्राप्त होता है, वह काफी पतला होता है… जबकि मार्केट में थिक/गाढ़ा शैम्पू ही देखने को मिलता है.
  • इसलिए अब इस मिश्रण को गाढ़ा बनाने के लिए अगले चरण की प्रक्रिया की जाती है.

तीसरा चरण-

  • दूसरे चरण के बाद प्राप्त मिश्रण में Vitamin E oil, Glycerin (वैकल्पिक) और perfume बताई गई मात्रा के अनुसार धीरे-धीरे मिलाना होता है.
  • इसके बाद पतले मिश्रण को गाढ़े मिश्रण में बदलने की प्रक्रिया करनी है.
  • शैम्पू को गाढ़ा बनाने के लिए प्राप्त मिश्रण में Sodium sulfate/Salt बताई गई मात्रा के अनुसार धीरे-धीरे मिलाते जाना है. जैसे ही मिश्रण वांछित मात्रा में गाढ़ा हो जाए. समझ लीजिए आपका वांछित शैम्पू तैयार हो चुका है.
  • इसके बाद अगले चरण में वांछित पैकिंग में उत्पाद को पैककर बाजार में बिक्री के लिए भेज दिया जाता है.

नोट- उपरोक्त बताई गई शैम्पू बनाने की विधि/प्रक्रिया के अलावा शैम्पू बनाने की अन्य विधियां भी संभव हैं.

शैम्पू की पैकिंग तैयार करना (Prepared Packaging)- 

व्यवसायिक तौर पर शैम्पू लिक्विड को प्लास्टिक की बोतलों में ही पैक किया जाता है। पैककर होलसेल या रिटेल दोनों काउंटर पर बिक्री हेतु भेजा जाता है। किसी भी Product की पैकिंग उसके ब्रांड वैल्यू को बनाने और बढ़ाने का काम करती है.

बोतल पर चिपकाने हेतु स्टीकर पैकिंग बनवाने के लिए आप सबसे पहले अपने क्षेत्रीय प्रिंटर्स/मुद्रक से संपर्क करें, यदि आपके क्षेत्र में प्रिंटिंग व डिज़ाइनिंग आदि का काम नहीं होता है तो पैकिंग बनवाने के लिए आप इंटरनेट पर मौजूद वेबसाइटो की मदद ले सकते/सकती है.

सुझाव- 

स्टीकर पैकिंग की डिजाइन के लिए किसी जानकार ग्राफिक्स डिजाइनर की सहायता जरूर लें। साथ ही उत्पाद बनाने में उपयोग किए गए घटकों का उल्लेख उत्पाद की पैकेजिंग पर अनिवार्य रूप से करें.

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साथ ही शैम्पू व्यापार की शुरुवात आप खुदरा बाजार में छोटे/कम मात्रा जैसे- शैसे/पाउच से ही शुरू करें. बाजार में Product की खपत का आंकलन कर आप बाजार में बड़े size (50 से 500 ml आदि) के प्रोडक्ट/उत्पाद उतार सकते/सकती हैं.

शैम्पू बिजनेस में उत्पाद की मार्केटिंग करना (Product Marketing)-

Product तैयार हो जाने के बाद सबसे अहम काम होता है अपने उत्पाद के प्रति लोगों को जागरूक करना मतलब अपने उत्पाद की मार्केटिंग करना. रोजमर्रा की दर पर उपयोग में लिये जाने वाले अधिकतर उत्पादों की मार्केटिंग के लिए सबसे कारगर गुर्रिला मार्केटिंग साबित हो सकती है.

गुर्रिला मार्केटिंग के तहत ऐसे सांकेतिक विज्ञापनों का उपयोग किया जाता है, जिससे वांछित उपभोक्ता/ग्राहक के दिमाग में उत्पाद को हांसिल करने के प्रति उत्सुकता को जागृत करने की कोशिश की जाती है.

स्थानीय बाजार में विज्ञापनों द्वारा मार्केटिंग करने के लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपने स्थानीय/लोकल कास्मेटिक सेंटरों, सौन्दर्य केन्द्रों (Beauty parlors), किराना दुकानों और स्टोर्स के कारोबारियों से संपर्क करें, साथ ही लोकल बाजार के कई स्थानों पर पोस्टर आदि चिपकवा सकते हैं,

चूँकि आपके आस-पास की दुकानें/स्टोर्स आपको अच्छे से जानते होंगे, जिस कारण आपके माल के खपत होने कि संभावना बढ़ सकती है. इसके साथ ही होलसेल बाजार के व्यापारियों से भी होलसेल बिक्री हेतु संपर्क प्राथमिकता पर जरूर करें. आप अखबार में पैम्पलेट भी डलवाकर प्रचार कर सकते/सकती हैं. 

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इसके साथ ही जैसे-जैसे आपका कारोबार बढ़ता जाएगा, आप बड़े स्तर के विज्ञापन (अखबार पृष्ठ, पत्रिका पृष्ठ और digital marketing) का भी सहारा ले सकते हैं. 

चूंकि शैम्पू उत्पाद पूरी तरह से दैनिक स्तर (Daily Routine) पर प्रयोग में लिया जाने वाला उत्पाद है. इसलिए यदि आप शैम्पू बनाने के व्यवसाय को शुरू कर इस कारोबार से अच्छा मुनाफा भी कमाना चाहते/चाहती हैं तो इसके लिए आपको एक बेहतर रणनीति मार्केटिंग बनाकर ही बाजार में उतरना चाहिए. 

आप अपने शैम्पू के कारोबार को ऑनलाइन भी कर सकते/सकती हैं, जहां आपको एक वेबसाइट डिजाइन करनी अथवा करवानी होगी, एक वेबसाइट बनाने या बनवाने का सालाना खर्च लगभग 10,000 से 25,000 तक आ सकता है.

मूल्य निर्धारण (Pricing)-

किसी भी नए उत्पाद को बाजार में बिक्री करने के लिए सबसे अहम भूमिका निभाता है उसका मूल्य और यह बात सार्वभौम सत्य है. आज जिस तरह से मंहगाई बढ रही है, उसे ध्यान में रखते हुए आपके उत्पाद का मूल्य इतना होना चाहिए, जिसे समाज का हर वर्ग आसानी से खरीद सके.

इसलिए बाजार और मंहगाई को देखते हुए आप अपने उत्पाद का मूल्य बाजार में मौजूद अन्य उत्पादों की अपेक्षा कुछ कम ही रखें लेकिन उत्पाद की गुणवत्ता से कोई समझौता न करें, बेहतरीन गुणवत्ता के कारण आपका उत्पाद धीरे-धीरे मार्केट/बाजार में प्रसिद्ध होने लगेगा.

जिससे आप अपने कारोबार को छोटे से बड़े स्तर पर विस्तारित कर सकते हैं. कम मूल्य पर उत्पाद बेचने की शुरुआत आपको अपने लोकल मार्केट से ही करनी चाहिए.

शैम्पू बनाने का व्यवसाय स्थापित करने के लिए लोन (Loan for Shampoo Making Business)-

अपनी फर्म/कंपनी या एजेंसी के रजिस्ट्रेशन/पंजीकरण के तहत आप किसी भी सरकारी बैंक से लोन के लिए apply कर सकते हैं. जो आपको आपके व्यवसाय स्तर के आंकलन के मुताबिक लोन दे सकता है.

लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित मेक इन इंडिया के तहत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), मुद्रा लोन योजना कौशल विकास योजना आदि के माध्यम आपको आसानी से ऋण/लोन मिल सकता है.

इसके लिए आपको अपनी कंपनी/एजेन्सी या फर्म के पंजीकरण संख्या से सरकारी योजना के तहत आवेदन करना होगा. सरकारी योजनाओंके तहत लघु उद्योग हेतु ऋण/लोन लेने के लिए आप अपने स्थानीय/लोकल सरकारी बैंक की शाखा से जानकारी प्राप्त कर सकते/सकती हैं.

व्यापार के बिल व ब्यौरा तैयार करना-

अधिकतर नए व्यापारी नया व्यापार शुरू तो कर देते हैं लेकिन लागत के रूप में खर्चे गए पैसों का हिसाब सही ढंग से नहीं रखते, जो कि एक उभरते हुए व्यवसाय और व्यापारी के लिए अच्छी बात नहीं है. आज के इस डिजिटल ज़माने में अपने खर्चों को सूचीबद्ध करना बहुत ही आसान है. इसके लिए आज ढेरों software और application मौजूद हैं. 

यदि आप एक smart phone अपने पास रखते हैं तो Google play store पर billing और accounting से जुडी ढेरो application मौजूद हैं. आप उनमें से किसी एक का उपयोग कर सकते हैं.

इन application में आप अपने तैयार समान के बिल बनाने से लेकर अपनी लागत का ब्यौरा आदिभी सुरक्षित रख सकते है, और इससे आपको पता रहेगा कि आपने अपने बिजनेस में अब तक कुल कितनी लागत लगाई है और कितना मुनाफा कमाया.

शैम्पू बनाने के व्यवसाय में मुनाफा (Profit in Shampoo Making Business)-

अब बात करते है मुनाफे या लाभ की, जो हर एक व्यवसायी, व्यापारी और कारोबारी को सबसे उच्च स्तर का प्राप्त करने की अभिलाषा होती है, मौलिक तौर पर मुनाफा (Profit) शब्द एक ऐसा शब्द है जो हर किसी को एक नई प्रेरणा देता है. 

कोरोना काल ने साबुन और स्वच्छता से जुड़े व्यवसायियों के लिए कई लाभ सम्भावनाओं को पैदाकिया है. अमूमन उच्च गुणवत्ता के शैम्पू पर पैकिंग सहित लागत प्रति लीटर लगभग 65 से 90 रुपए तक आती है जिसे खुदरा मार्केट में 400 से 800 रुपए प्रति किलो तक बेचा जाता है.

जहां मुनाफे अथवा लाभ का आंकलन आप स्वयं ही लगा सकते है. जैसे-जैसे आपके उत्पाद की खपत बढती है आपका मुनाफा भी गुणन (Compounding) के आधार पर बढ़ता जाता है,

आप शैम्पू कारोबार से शुरूआती चरण में 3,000 से लेकर 01 लाख रुपए या इससे भी ऊपर हर महीने कमा सकते हैं. यह मुनाफा आप द्वारा की गई उत्पाद की मार्केटिंग पर काफी हद तक निर्भर करता है.

शैम्पू बिजनेस से जुड़े सम्बंधित प्रशन (FAQ.)-

व्यवसायिक स्तर पर shampoo making business plant स्थापित करने के लिए कौन सी मशीनरी की आवश्यकता होती है?

बड़े स्तर पर shampoo making business plant स्थापित कर शैम्पू बनाने का व्यवसाय/बिजनेस शुरू करने के लिए मूलरूप से 02 मशीनों की ही आवश्यकता होती है.

1. Mixing machine Agitator
2. Filling machine
3. Weighing machine

इसके अलावा यह निर्भर करता है कि इच्छुक उद्यमी अपनी सहूलियत के मुताबिक और मशीनों का चयन करें.

Shampoo making machine की कीमत कितनी होती है?

व्यवसायिक स्तर पर कॉस्मेटिक शैम्पू बनाने के लिए उपयोग में ली जाने वाली मशीन-

1. Mixing machine Agitator (कीमत- 18,000 प्रति यूनिट से शुरू)
2. Filling machine (कीमत- 1,00,000 प्रति यूनिट से शुरू)
3. Weighing machine (कीमत- 7,000 प्रति यूनिट से शुरू)

नोट- मशीनों की यह कीमत व्यवसाय की कार्यक्षमता व उद्यमी के चयन तथा बाजार उतार-चढाव के कारण घट अथवा बढ़ सकती है.

शैम्पू बनाने का व्यवसाय/बिजनेस शुरू करने के लिए कितनी लागत लगती है?

छोटे स्तर पर अथवा घर से शैम्पू बनाने का व्यवसाय (shampoo making business) शुरू/स्थापित करने के लिए कम से कम 10,000 रूपये की लागत आती है.

वहीँ यदि आप बड़े स्तर पर शैम्पू बनाने का व्यवसाय (shampoo manufacturing business) स्थापित करना चाहते हैं तो आपको 03 से 05 लाख रूपये का निवेश करना होगा. जिसमें चयनित स्थान (स्वयं अथवा किराये) की लागत सम्मिलित नहीं है.

अंत में-

आज जैसे-जैसे हमारा समाज स्वच्छता के प्रति जागरूक हो रहा वैसे-वैसे स्वच्छता संबंधी उत्पादों जैसे शैम्पू, डिटर्जेंट, हैंडवाश, फिनायल व साबुनों आदि की उपयोगिता बढती जा रही है साथ ही इन उत्पादों को बनाने के व्यवसाय या कारोबार में नई संभावनाएं भी पैदा होती जा रही है.

जिसके चलते शैम्पू बनाने का व्यवसाय स्थापित करना आपके लिए एक फायदेमंद विकल्प साबित हो सकता है. जिसे बहुत ही कम लागत में घर से भी आसानी से शुरू किया जा सकता है.

नोट- किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले बाजार/मार्केट रिसर्च एवं खपत का आंकलन अनिवार्य रूप से अवश्य करें. ऐसा करने से आपको व्यवसाय में आने वाले जोखिम और दिक्कतों का सामना करने में आसानी हो जाएगी और बाजार में डिमांड के अनुरूप आप अपने products का निर्माण भी अच्छे से कर पाएंगे.

आशा है आपको इस लेख ‘कैसे कम लागत के साथ शुरू करें शैम्पू बनाने का व्यवसाय’ से shampoo business, व्यवसाय, व्यापार और कारोबार के बारे में विस्तृत जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ छूट गया हो या कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें. तब तक के लिए-

“शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल व्यापारिक भविष्य के लिए.” 

धन्यवाद!

जय हिंद! जय भारत!

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