Gardeningगमले में जुकिनी की खेती (Zucchini Farming) कैसे करें

गमले में जुकिनी की खेती (Zucchini Farming) कैसे करें

जुकिनी की खेती (Zucchini Farming): आज हम इस पोस्ट के मध्यम से आपके साथ एक ऐसी मुनाफे की खेती के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं, जिसे सीमित समय के तहत आसानी से किया जा सकता है और परिणाम में यह फसल अच्छा मुनाफा भी दे जाती है. यह खेती है जुकिनी की खेती (Zucchini Farming).

स्वस्थ, सुन्दर और रोगमुक्त शरीर आज कौन नहीं चाहता? हर किसी को सेहतमंद शरीर पाने की कमाना होती है. अपने शरीर को स्वस्थ्य बनाने के लिए हमें एक हेल्दी डाइट (पोषक आहार) लेना भी बहुत जरूरी है. हमारी हेल्दी डाइट में सबसे बड़ा योगदान होता है ताजा सब्जियों का.

अधिकतर डॉक्टर शारीरिक विकास और मानसिक विकास के लिए ताजा हरी सब्जियां खाने की सलाह देते हैं. सब्जियां हमें हमारे लोकल बाजार में कम कीमतों पर और आसानी से मिल जाती हैं. ऐसी ही एक सब्जी है जुकिनी, जिसका सेवन करने से हम अपने शरीर की सेहत को सुधारकर और भी तंदरुस्त बना सकते हैं.

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जुकिनी की खेती | Zucchini Farming

जुकिनी (Zucchini) जिसे हिंदी में तोरी, तुरई, चप्पन कद्दू व नेनुआ के नाम से जाना जाता है व जुकिनी का वैज्ञानिक नाम क्युकरबिटा पेपो (Cucurbita Pepo) है, जुकिनी कद्दू की ही एक प्रजाति है, जो अधिकतर खीरे की तरह दिखाई देती है.

जुकिनी को एक exotic fruit seasonal vegetable के नाम से भी जाना जाता है. यह रंग में 3 से 4 तरह की होती है, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है. रंगों की विविधता और पोषक तत्वों के भंडार के कारण जुकिनी बाजार में जल्द ही अच्छे दामों पर बिक भी जाती है.

इच्छुक किसान द्वारा इस मुनाफे की खेती (ज़ुकिनी की खेती) को अपनाकर अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है. साथ यदि आप घरेलू बागवानी (किचन गार्डेन/टेरेस गार्डेन) प्रेमी है तो आप अपने घर पर भी ज़ुकिनी की खेती को गमले या ग्रो बैग में भी आसानी से कर सकते हैं और पोषक तत्वों से भरपूर ऑर्गेनिक जुकिनी का लुफ्त उठा सकते हैं.

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जुकिनी में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients in Zucchini)-

जुकीनी में पानी की अधिक मात्रा होने के साथ-साथ विटामिन C, विटामिन B6, विटामिन K, folic acid, पोटेशियम (Potassium), मैग्नीशियम एवं राइबोफ्लेविन (Magnesium and Riboflavin) व फाइबर इत्यादि की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है। इसके अलावा इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स एवं एंटी-फ्लोमेट्री फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी पाए जाते हैं.

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जुकिनी में कैंसर, आँख, रक्तचाप (ब्लड प्रेशर), मोटापा आदि कई आसध्य रोगों को कम करने व रोकने की क्षमता होती है. अधिकतर सेलिब्रिटी भी जुकिनी को अपनी डाईट लेना पसंद करते हैं.

यदि आप सफल जुकिनी की खेती करना चाहते है तो सबसे पहले जुकिनी की किस्मों का जानना व उन्नत बीजों का चुनाव करना होता है. आइये जानते हैं जुकिनी की उन्नत किस्में-

ज़ुकिनी की खेती तहत उन्नत किस्में (improved varieties of zucchini)-

जुकिनी को एक exotic fruit vegetable माना जाता है क्योंकि इसमें बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं जो कई आसध्य रोगों को कम करने व रोकने का काम करते हैं. साथ ही जुकिनी की फसल छोटी अवधि में अच्छा  मुनाफा देने वाली फसल भी है. जुकिनी जैसी सब्जी की बाजार में 04 तरह की किस्में देखने को मिलती हैं-

  1. ऑस्ट्रेलियन ग्रीन 4-5,
  2. अर्ली यलो प्रोलीफिक,
  3. पूसा पसंद,
  4. पैटीपैन.

ज़ुकिनी की बुवाई व तापमान (Zucchini sowing and temperature)-

जुकिनी की सफल खेती के लिए वातावरण के तापमान को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है. जुकिनी की अच्छी पैदावार के लिए 20°–40° सेल्सियस की आवश्यकता होती है. वहीं 30° सेल्सियस तापमान जुकिनी की फसल के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है.

अमूमन भारत में जुकिनी की बुवाई नवंबर-दिसंबर माह के दौरान (पाली-हाउस में) की जाती है जो तापमान के लिहाज से सबसे उपयुक्त माना जाता है, पाले आदि से फसल का बचाव जरूरी है. साथ ही यदि आप वातावरण के तापमान को आधुनिक तरीको से नियंत्रित कर सकते हैं तो जुकिनी को आप किसी भी मौसम में उगा सकते है.

  1. नवंबर-दिसंबर में लगभग 40-42 दिनों बाद पौधे में फल (जुकिनी) लगने लगते है. जुकिनी की पूरी फसल लगभग 65-70 दिन की ही होती है.
  2. मार्च-अप्रैल में 40-42 दिनों बाद पौधे में फल (जुकिनी) लगने लगते है. जुकिनी की पूरी फसल लगभग 65-70 दिन की ही होती है.

Zucchini Farming के लिए उन्नत बीज कहां से लें-

जुकिनी की खेती के लिए उन्नत बीजों का चयन किया जाना जरूरी है. जुकिनी के बीज पाने के लिए आप सबसे पहले अपने क्षेत्रीय सहकारी बीज भंडार से संपर्क करें, यदि वहां पाए बीज नहीं मिल पा रहे तो आप जुकिनी के बीजों को online भी मंगवा सकते हैं. किफायती दरों पर जुकीनी बीज खरीदें.

जुकीनी पौध तैयार करना (planting seedlings)-

अगर आप अथवा इच्छुक किसान जुकिनी की खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको जुकिनी के बीज से सबसे पहले पौध तैयार करना चाहिए. पौध तैयार करने के लिए seedling trey का उपयोग किया जा सकता है. पौध उगाने से आपको जुकिनी की खेती में भरपूर लाभ मिलेगा साथ ही पौधे की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकती है.

जुकीनी की खेती के लिए मिट्टी तैयार करना (soil preparation)-

जुकिनी जैसे एक्सोटिक सब्जी की मुनाफे वाली खेती करने के लिए मिट्टी और तापमान दोनों की विशेष ध्यान देना जरूरी होता है. जुकिनी की खेती के लिए मिट्टी का pH मान 6.5 के आस-पास होना जरूरी है साथ ही जुकिनी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है.

खेत तैयार करना (farm preparation)-

  1. जुकिनी की खेती के लिए सबसे पहले खेत की मिट्टी को हल्का या भुर-भुरा बनाया जाता है.
  2. इसके बाद इस मिट्टी में मिट्टी का 50% सड़ी गोबर की खाद के साथ 40% नाइट्रोजन व 40% फास्फोरस मिलाना होता है.
  3. इसके बाद खेत में मेढ़ या बेड बनाए जाते हैं (02 फुट चौड़ा X लम्बाई इच्छानुसार). एक बेड से बेड की दूरी 03 से 04 फुट होना जरूरी है. (मेढ़ या बेड बनाते समय पानी निकासी की व्यवस्था (नाली बनाकर) सुनिश्चित करनी जरूरी होती है)
  4. बेड बना लेने के बाद बेड पर प्लास्टिक शीट (मलचिंग) चढाई जाती है. यह शीट (1.75 से 02 फुट चौड़ी X लम्बाई इच्छानुसार) की होनी चाहिए.
  5. पूरी तरह से बेड तैयार हो जाने के बाद तैयार जुकिनी की पौध को बेड पर लगाया या रोपित किया जाता है, जहां पौधे से पौधे की दूरी कम से कम 1.5 फुट रखी जाती है.

गमले या ग्रो बैग के लिए मिट्टी तैयार करना-

घरेलू बागवानी (किचन गार्डेन/टेरेस गार्डेन) के तहत गमले या ग्रो बैग में जुकिनी की खेती के लिए मिट्टी इस प्रकार तैयार की जाती है.

साधारण गार्डेन मिट्टी50%
गोबर की खाद/वर्मी कम्पोस्ट40%
धान खल (चावल का छिलका)30%
नदी की रेत (मोरंग)20%
नीम खली2 मुट्ठी
सरसों खली3 मुट्ठी
ग्रो बैग18 X 18″

नोट- उपरोक्त बताई गई सामग्री 18 से 20 इंच के गमले अथवा ग्रो बैग के अनुसार ली गई है. यहां 01 गमले में केवल एक ही seedling से तैयार पौधे को रोपित करना होता है. यदि आप 01 से अधिक पौधे को रोपित करते हैं तो आपको संभावित परिणाम पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

जुकिनी के पौधे में लगने वाले कीट (zucchini plant pests)-

जुकिनी के पौधे को सबसे अधिक प्रभावित करने वाले कीट हैं-

  1. एफिड्स (Aphids)
  2. कुकुम्बर बीटल (cucumber beetle)
  3. स्लग (Slug)
  4. घोंघे (Snails)
  5. स्क्वैश बग (Squash bugs)
  6. स्क्वैश वाइन बोरर (squash vine borer), इत्यादि।

ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर और रोगाणुनाशक (Organic fertilizers and disinfectants)-

एक बेहतरीन ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर और रोगाणुनाशक जिसका निर्माण हम अपने घर पर आसानी से और कम कीमत पर तैयार कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल करने से आपके जुकिनी के पौधों पर जुकिनी के पौधे की ग्रोथ बहुत तरह से होती है. घर पर ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर बनाने के लिए सिर्फ एक चीज की जरूरत होती है और वह है- नीम खली, नीम का तेल और सरसों की खली.

02 लीटर पानी में करीब 07 से 10 ml नीम के तेल को मिलाकर पौधे व उसकी पत्तियों पर स्प्रे कर देना है, आप 15 दिनों के अंतराल पर इस ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर (Organic fertilizers) का उपयोग कर सकते हैं. नीम खली को आप सीधे पौधे की जड़ में गुड़ाई कर दे सकते हैं. किफायती दरों पर Best Quality नीम का तेल ही खरीदें.

साथ ही 20 से 30 ग्राम सरसों की खली को 02 लीटर पानी में 24 घंटे भिगोकर जो मिश्रण तैयार होता है उसे सीधे या छानकर जुकिनी के पौधे को सप्ताह में एक बार ही देना होता है. इसे देने से जुकिनी के पौधे में ढेर सारे फूल आते हैं जो पोलिनेशन के बाद फल (जुकिनी) में परिवर्तित हो जाते हैं.

वहीं यदि आपने बड़े स्तर पर (खेत में) जुकिनी की बुवाई की है तो आप केमिकल आधारित कीटनाशक दवाओं का उपयोग कर सकते हैं, इन केमिकल आधारित कीटनाशक दवाओं की जानकारी आपको आपके क्षेत्रीय कृषि दावा विक्रेता केंद्र पर मिल जाएगी.

पानी की मात्रा संतुलित करना (balance water intake)-

जब जुकिनी के पौधों में फूल आने शुरू हो जाते है तो फूल आने के बाद पौधे को बस उतना ही पानी देना है, जितने में उसकी मिट्टी में नमी बनी रहे. चूंकि जुकिनी में पानी की मात्रा अधिक पाई जाती है.

इसलिए गर्मियों के मौसम में लगे पौधों को 02 से 03 दिन के अंतराल पर पानी दिया जाना जरूरी होता है. पानी की यह मात्रा खेत व घरेलू बागवानी के तहत लगाए गए दोनों तरह के तरीके में आवश्यक है.

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जुकिनी हार्वेस्ट करना (harvesting zucchini)-

रोपण के लगभग 42 से 45 दिनों बाद जुकिनी के पौधे फल देना शुरू कर देते हैं. परीक्षण में ज़ुकिनी फल जब 1.5 से 3 फीट लम्बी या 800 ग्राम से 02 किलोग्राम की हो जाती है तो इसकी पहली हार्वेस्टिंग की जाती है, इसके बाद जैसे-जैसे जुकिनी तैयार होती जाती है, समय-समय पर हार्वेस्टिंग करना जरूरी होता है.

जुकिनी की पूरी फसल लगभग 60 से 75 दिनों तक की ही होती है. यह फसल कम समय में अच्छा मुनाफा (zucchini farming profit) देने वाली फसल है और बाजार में अच्छी मांग होने के कारण अच्छा मुनाफा भी दे जाती है. आज जिस तरह से बेरोजगारी और महामारियों का दौर चल रहा है. इसको देखते हुए किसान भाई जुकिनी की खेती को अपनाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

साथ ही यदि आप घरेलू बागवानी (किचन गार्डेन/टेरेस गार्डेन) प्रेमी है तो किचन गार्डेन/टेरेस गार्डेन के तहत जुकिनी की खेती एक सीमित समय की खेती है और इसे आसानी से किया भी जा सकता है.

FAQ.

What is zucchini indian name?

zucchini को भारत में चप्पन कद्दू के नाम से जाना जाता है.

क्या गमले में जुकीनी की खेती की जा सकती है?

जी हां! किचन गार्डनिंग के तहत गमले अथवा ग्रो बैग में जुकीनी की खेती को सफलतापूर्वक आसानी से की जा सकता है अच्छी पैदावार भी ली जा सकती है.

क्या जुकीनी को खीरे की तरह खाया जा सकता है?

स्वाद के लिहाज से जुकीनी का स्वाद लौकी अथवा कद्दू की तरह होता है, जो कि खीरे के स्वाद से बिल्कुल भिन्न होता है. अत: यदि आपको स्वाद से कोई परेशानी नहीं है तो आप जुकीनी को खीरे की तरह उपयोग में ले सकते हैं.

क्या जुकीनी का सेवन कर वजन को कम किया जा सकता है?

जुकीनी में फाइबर की भी अच्छी मात्रा समाहित होती है, भरपूर मात्रा में फाइबर का सेवन करने से पेट भरे रहने का एहसास होता है साथ ही बार-बार भूख भी नहीं लगती है. अत: जुकीनी के सेवन से वजन को कम करना बड़ी सरलता से हो जाता है.

अंत में-

हमारा उद्देश्य उन इच्छुक उम्मीदवारों व किसानों को बेहतर से बेहतर जानकारी प्रदान करना है, जो सीमित समय की खेती को करने के इच्छुक हैं और जुकिनी की खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं.

नोट किसी भी कृषि को शुरू करने से पहले रिसर्च करना एवं खपत का आंकलन अनिवार्य रूप से अवश्य करें. ऐसा करने से आपको कृषि में आने वाले जोखिम और दिक्कतों का सामना करने में आसानी हो जाएगी. साथ ही आपको अपनी फसल को उचित दर पर बेचने के लिए खरीददार भी आसानी से मिल जाएंगे.

आशा है आपको इस लेख ‘जुकिनी की खेती’ से exotic fruit vegetable plant जुकिनी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ छूट गया हो या कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें. तब तक के लिए-

शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल व्यापारिक भविष्य के लिए

धन्यवाद!

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