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Dragon Fruit Farming in Kitchen Garden | किचन गार्डेन में ड्रैगन फ्रूट का पौधा कैसे उगाएं

Dragon Fruit Farming- ड्रैगन फ्रूट: ड्रैगन फ्रूट भारत सहित थाइलैंड, वियतनाम, इजरायल और श्रीलंका में लोकप्रिय exotic fruit हैं। मूलरूप से यह एक विदेशी फल है, जिसकी उपज व्यवसायिक तौर पर किसान अपनी आमदनी बढ़ाने (दोगुना व तीन गुना) के लिए बड़े पैमाने पर कर रहे है.

पहली बार देखने में ड्रैगन फ्रूट पूरी तरह से एक विलक्षण स्वरुप का दिखाई देता है. वहीं आकार में अनोखा होने के साथ dragon fruit में कई पोषक तत्व भी होते हैं, प्राकृतिक उपचार को प्राथमिकता देने वाले लोगों के लिए देते हैं ड्रैगन फ्रूट बहुत फायदेमंद है, जिस कारण ड्रैगन फ्रूट्स की मांग मौजूदा बाजार में काफी अधिक है.

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किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए ड्रैगन फ्रूट्स की खेती (Dragon Fruit Farming) व्यवसायिक स्तर पर भी अपना रहे है. ऐसे में यदि आप बागवानी प्रेमी हैं और अपने किचन गार्डेन अथवा टेरेस गार्डेन के तहत ड्रैगन फ्रूट के पौधे को उगाना चाहते हैं, साथ ही उससे फल भी प्राप्त करना चाहते हैं, तो किचन गार्डेन में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती, बड़ी ही सरलता से की जा सकती है.

अभी हाल ही में गुजरात सरकार ने ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलकर “कमलम” रखा है. थोड़े से प्रबंधन के बाद ड्रैगन फल के पौधे को गमले अथवा ग्रो बैग में उगाना काफी आसन है. साथ ही गमले अथवा ग्रो बैग में लगाये गए कमलम के पौधा से प्रत्येक फल जिसका वजन लगभग 200 से 300 ग्राम का होता है, भी प्राप्त किया जा सकता है.

किचन गार्डेन में ड्रैगन फ्रूट उगाने का तरीका-

घरेलू बागवानी तहत ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे अथवा dragon fruit farming में दो प्रकार से उगाया/रोपित किया जा सकता है-

  1. बीज से अंकुरण
  2. फल दे रहे पौधे की कलम से

दोनों ही तरीके प्रभावी और कारगर हैं, लेकिन यदि आप बीज से ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे को उगा रहे हैं तो इस पौधे फल प्राप्त करने के लिए आपको कम से कम 05 साल तक लग सकते हैं. जो कि किचन गार्डनिंग बिल्कुल सही रणनीति नहीं है.

वहीँ यदि आप ड्रैगन फ्रूट के पौधे को कलम आदि माध्यम से लगते हैं तो यही सबसे सटीक और कारगर रणनीति है. कलम द्वारा लगाये गए पौधे 01 में ही फल देना शुरू कर देते हैं. मौजूदा बाजार में ड्रैगन फ्रूट की कीमत अन्य आम फलो की तुलना में अधिक देखने को मिलती है. जिससे घरेलू बागवानी को बल मिलता है.

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ड्रैगन फ्रूट्स के प्रकार (Types of Dragon Fruit)-

मौजूदा बाजार में ड्रैगन फ्रूट्स तीन प्रकार के देखने को मिलते हैं-

  1. सफेद गुदे वाला लाल रंग का फल,
  2. सफेद गुदे वाला पीले रंग का फल,
  3. लाल गुदे वाला लाल रंग का फल।

ड्रैगन फ्रूट को हिंदी में क्या कहते हैं?

ड्रैगन फ्रूट को हिंदी में पिताया अथवा पतीया के नाम से जाना जाता है.

ड्रैगन फ्रूट बुवाई का उचित समय (Appropriate time for dragon fruit plant sowing)-

ड्रैगन फ्रूट्स मूलरूप से कैक्टस की ही एक प्रजाति है, जो अमूमन उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छे से पनपती है. भारत में ड्रैगन फ्रूट के पौधे का रोपण जून के अंतिम सप्ताह से अगस्त महीने तक गर्म वातावरण में किया जाता है.

व्यवसायिक स्तर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए 20 से 30 डिग्री सेल्सियस उपयुक्त माना जाता है. साथ ही मिट्टी का pH मान 5.5 से 7.5 तक होना अच्छी पैदावार का सूचक माना जाता है.

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ड्रैगन फ्रूट्स के लिए मिटटी तैयार करना (Preparing Soil Media for Dragon Fruit Farming)-

किचन गार्डनिंग के तहत उच्च स्तर की बागवानी करने में सबसे अहम भूमिका निभाती है- soil media मतलब पौधों की मिट्टी की. आमतौर पर हममें से कई लोग इस चीज पर कोई खास ध्यान नहीं देते है, बस पौधों को सीधे गमलो की मिट्टी में लगा देते हैं और पानी के साथ कुछ साधारण खाद आदि देकर अपना पीछा छुड़ा लेते हैं, 

इसके बाद इंतजार करते हैं कि हमारा लगाया गया पौधा जल्द से जल्द बड़ा होकर अच्छे फल-फूल अथवा वांछित सब्जी देना शुरू कर दे, लेकिन जब पौधा अच्छे फल-फूल अथवा वांछित सब्जी नहीं देता तो कहते हैं कि वो पौधा ही ख़राब है. समस्या यह नहीं है कि पौधा ख़राब है, बल्कि मुख्य समस्या यह है कि हमें सही जानकारी नहीं है.

Dragon-Fruit-Farming-ड्रैगन-फ्रूट-की-खेती

अमूमन ड्रैगन फ्रूट का पौधा उगाने के लिए बलुई दोमट मिटटी सबसे उपयुक्त मानी जाती है, लेकिन किचन गार्डेन अथवा टेरेस गार्डेन तहत ड्रैगन फल का पौधा उगाने के लिए जिस मिट्टी या soil media की जरूरत होती है, उसे आसानी से घर पर बनाया जा सकता है. ड्रैगन फ्रूट का पौधा (Dragon Fruit Plant) को उगाने के लिए हमें जिस मिट्टी आवश्यकता होती है उसे बनाने के लिए हमें इन चीजों की जरूरत होती है- 

क्रमसामग्रीमात्रा 
1नदी की उपजाऊ मिट्टी (मोरंग)60% 
2कोकोपीट15%
3गोबर/वर्मी कम्पोस्ट खाद15%
4लीफ कम्पोस्ट10%
5नीम खलीसुविधानुसार
6परलाईटएक मुट्टी

नोट-

  • उपरोक्त बताई गई मात्रा 12 से 20 इंच के गमले या ग्रो बैग के अनुसार ली गई है. मिट्टी का pH 5.5 से 7.5 होना जरूरी है.
  • ड्रैगन फ्रूट का पौधा सफलतापूर्वक उगाने के लिए ऐसी मिट्टी का चयन/निर्माण किया जाता है, जिसमें पानी का ठहराव बिल्कुल भी न होता हो.

ड्रैगन फ्रूट की कटिंग (Dragon fruit plant cutting)-

ड्रैगन फ्रूट्स के पौध की अच्छी वृद्धि और नए पौधे बनाने के लिए 15 से 30 सेमी के स्लाइस का उपयोग करना उचित माना जाता है। पौधे से कटिंग लेने के बाद कटिंग पोर पर फफूंदनाशक लगाना अनिवार्य है. साथ ही नए पौधे बनाने के लिए कटिंग कलम को धूप में कम से कम दो-तीन दिन के लिए सूखने दिया जाता है.

ऐसा करने से ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे की विकास दर को बढ़ावा मिलता है. जब कटिंग के छोर हल्के सख्त हो जाते हैं तब इन कटिंग को तैयार मिट्टी में अथवा नर्सरी तैयार करने के लिए काले पॉलीबैग में वर्मी कंपोस्ट, परलाईट और कोको पीट से तैयार की गई मिट्टी में लगाया जा सकता है.

सुझाव-

  • घरेलू बागवानी तहत फफूंदनाशक के तौर पर एलोवीरा जैल को उपयोग में लिया जा सकता है.
  • जैसे-जैसे पौधे की ग्रोथ होती है, आपको गमले अथवा ग्रो बैग में ड्रैगन फ्रूट की बढ़ रही बेल को सहारा देने के लिए एक कम से कम 6 फुट के बांस अथवा खम्बे की आवश्यकता होती है.

ड्रैगन फ्रूट के पौधे को खाद व उर्वरक कब देना होता है?

ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे से उत्तम गुणवत्ता के फल प्राप्त करने के लिए फूल आने से पहले (संभावित अप्रैल माह) और फल हर्वेटिंग के बाद (संभावित दिसंबर माह) वर्मीकम्पोस्ट 500 ग्राम और स्टोन पाउडर 100 प्रति पौधा अथवा रासायनिक खाद पोटाशः सुपर फॉस्फेट: यूरिया (40:60:50 ग्राम) प्रति पौधा दिया जाता है. पौधा रोपण के समय नाइट्रोजन की थोड़ी मात्रा अधिक दी जाती है, जिससे पौधा जल्द ही ग्रोथ पकड़ ले.

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कीट एवं रोग नियंत्रण (Dragon fruit farming pest control)-

अमूमन dragon fruit के पौधों में कोई ख़ास और बड़ी बीमारी अथवा कीटों का आक्रमण नहीं होता है. इसमें मुख्य रूप से जड़ों का सड़ना, गलना और खरपतवार की समस्या ही दिखाई देती है. इसके उपचार के लिए पौधे की मिट्टी ही जिम्मेदार होती है.

यदि रोपित किये गए गमले अथवा ग्रो बैग में पानी का ठहराव होता है तो सड़ने व गलने जैसी समस्या देखने को मिलती है. इसके उपचार के लिए गमले अथवा ग्रो बैग में 02 से अधिक ड्रेनेज होल (जल निकासी छिद्र) होने जरूरी है. ड्रैगन फ्रूट कैक्टस की ही एक बेल वाली प्रजाति है, कैक्ट्स परिवार से होने के नाते इसे भी बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है.

खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर पौधे की मिट्टी की निराई व गुड़ाई करना जरूरी होता है, इससे पौधे की जड़ों को फैलने में सहूलियत होती है, साथ ही अवांछित खरपतवार से भी निजात आसानी से मिल जाता है.

ड्रैगन फ्रूट के फायदे (Dragon Fruit Health Benefits)

  • ड्रैगन फ्रूट कॉलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
  • शुगर डायबिटीज़ के रोगियों के लिए फायदेमंद है।
  • ड्रैगन फ्रूट फाइबर युक्त होता है, जो आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्व की कमियों को पूरा करता है।
  • इसके सेवन से कार्डियो वैस्कुलर रोग (सी.वी.डी) होने का खतरा काम हो जाता है।
  • हार्ट अटैक जैसे गंभीर रोगों से बचाव करता है।
  • ड्रैगन फ्रूट्स में पाए जाने वाले छोटे-छोटे काले बीज ओमेगा-3, ओमेगा-9 फैटी एसिड और एंटीअक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
  • ड्रैगन फ्रूट में फ्लेवोनोइड, एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन सी), फेनोलिक एसिड और फाइबर होता है. जिससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
  • मौजूदा समय में तनाव होना एक ट्रेंड सा बन गया है, जिसके समाधान के लिए लोग पानी की तरह पैसा बहा देते हैं, ऐसे में ड्रैगन फ्रूट तनाव मुक्ति का एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.

ड्रैगन फ्रूट के पौधे पर फलों का आना कब होता है?

अमूमन अप्रैल के अंत से इसमें फूल आते हैं, जो निषेचित होकर दिसंबर तक फल में परिवर्तित हो जाते हैं. मानसून के प्रत्येक चार महीने में 40 दिनों के अंतराल पर फल प्राप्त होते हैं.

किचन गार्डनिंग तहत ड्रैगन फ्रूट की कौन सी किस्म लगाना फायदेमंद है?

किचन गार्डनिंग तहत लाल रंग के गूदे वाला ड्रैगन फ्रूट का पौधा लगाना सबसे सही होता है क्योंकि dragon fruit की इस किस्म में अन्य किस्मो की अपेक्षा पोषक तत्व थोड़े अधिक होते हैं.

ड्रैगन फ्रूट के पौधे में फूल किस समय खिलता है?

अमूमन ड्रैगन फल के पौधे के फूल मध्य रात्रि में खिलते है, इनका खिला रहना भोर/सुबह तक तक ही रहता है.

अंत में-

यदि आप किचन अथवा टेरेस गार्डनिंग तहत उच्च स्तर की बागवानी करने के इच्छुक अथवा सीखना चाहते/चाहती हैं, तो ड्रैगन फ्रूट के पौधे को अपनी बगिया में जरूर शामिल करें.

हमारा उद्देश्य सभी किचन गार्डनिंग व टेरेस गार्डनिंग (बागवानी) प्रेमियों को बेहतर से बेहतर जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे अपनी बागवानी योग्यताओं को बेहतर से बेहतरीन बना सके और अपने द्वारा तैयार की गई ऑर्गेनिक सब्जियों से लाभ उठा सकें.

आशा है आपको इस लेख ‘किचन गार्डेन में सफल ड्रैगन फ्रूट के पौधे को कैसे उगाएं’ से घरेलू बागवानी तहत ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Farming) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जरूर मिली होगी, यदि आप Dragon Fruit Cultivation के बारे में और भी जानना चाहते है तो हमारे Telegram चैनल से जुड़ें. साथ ही यदि कुछ छूट गया हो तो कृपया comment box में जरूर लिखें. लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ share करना बिल्कुल न भूलें. अभी तक के लिए इतना ही—-

“शुभकामनाएं! आपकी कामयाब और सफल बागवानी के लिए”

धन्यवाद!

जय हिंद! जय भारत!

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