केकड़ा पालन (Crab Farming): दुनिया की लगातार बढ़ रही जनसँख्या के कारण आज हमें ऐसे-ऐसे पोषणाहार के स्रोत खोजने पड़ रहे हैं, जिनसे हम हमारे शरीर को निरोगी एवं तंदरुस्त बना पायें, विश्व की एक बड़ी आबादी आज Seafood (जलीय भोजन) पर निर्भर है, जो लगातार बढ़ती भी जा रही है.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में केकड़ों की मांग बढ़ने के साथ हमारे देश भारत में भी Seafood जैसे- मछली, झींगा (लोबस्टर) व केकड़ों की मांग बढ़ने लगी है. हमारे देश में Seafood के शौक़ीन लोग बड़े चाव से केकड़े को खाना पसंद करते है, केकड़े की उपयोगिता न सिर्फ भोजन के लिए है अपितु केकड़े का उत्पादन औषधीय प्रयोजन (दवाई बनाने) के लिए भी किया जाता है.
मौजूदा बाजार में केकड़े की मांग इसकी आपूर्ति से कहीं ज्यादा है, ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के मौजूदा कृषि आधारित व्यवसाय के तहत केकड़ा उत्पादन बहुत ही कम मात्रा में किया जा रहा है. साथ ही कई कुशल एवं दक्ष उद्यमी/किसान भी केकड़ा पालन बिजनेस में विशेष रूचि नहीं लेते हैं.
आज इस लेख में हम आपके साथ कृषि आधारित व्यवसाय के तहत केकड़ा पालन बिजनेस के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी साझा करने जा रहे हैं, यदि आप केकड़ा पालन बिजनेस/व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं अथवा शुरू करने की सोच रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए मददगार साबित हो सकती है.
केकड़ा पालन के लिए केकड़ा प्रजाति (Seafood King Crab farming | soft shell crab | mud crab | crab claws)-
केकड़ा पालन करने से पहले इच्छुक किसान/उद्यमी को व्यवसायिक तौर पर की जाने वाली crab farming के तहत केकड़ों की प्रजाति के बारे में जानना जरूरी है. भारत में केकड़ा कृषि (crab farming in india) के अंतर्गत 02 ही प्रजातियों की खेती बड़े स्तर पर की जाती है-
- बड़ी प्रजाति (Green Mud Crab) एवं
- छोटी प्रजाति (Red Claw)
बड़ी प्रजाति-
- बड़ी प्रजाति के केकड़ों को ‘हरे मड क्रैब (Green Mud Crab)’ कहते हैं.
- ग्रीन मड क्रैब/केकड़ों का आकार औसतन 22 सेंटीमीटर और वजन करीब 2 किलोग्राम होता है.
- Green Mud Crab खुले पानी में रहने की आदि होते है, जिस कारण इनके शरीर पर कई तरह के निशान पाए हैं.
छोटी प्रजाति-
- छोटी प्रजाति के केकड़ों को लाल पंजा ‘रेड क्लॉ (Red Claw)’ के नाम से जाना जाता है
- लाल पंजा प्रजाति के केकड़ों का आकार तक़रीबन 13 सेंटीमीटर और वजन करीब 1.2 से 1.5 किलोग्राम हो जाता है.
- Red Claw केकड़े को मिट्टी में रहने की आदत होती है.
केकड़ा पालन (Crab Farming) के लिए एक प्रभावी योजना बनाएं
किसी भी कृषि आधारित व्यवसाय को स्थापित कर बेहतर मुनाफा कमाने के लिए जरूरी है कि इच्छुक उद्यमी/किसान एक प्रभावी योजना को विकसित करे. केकड़ा पालन का व्यवसाय अथवा केकड़ा की खेती एक आसान खेती मानी जाती है, बशर्ते इसे योजनाबद्ध तरीके से किया जाए.
केकड़ा पालन के लिए इससे सम्बंधित सभी पहलुओं को जानना जैसे- बच्चा कहां से मिलेगा?, केकड़ा पालन की प्रभावी विधि?, विषय विशेषज्ञ से सलाह-मशवरा करना, केकड़ा फीड, तैयार फसल की हार्वेस्टिंग व मार्केटिंग आदि से सम्बंधित विभिन्न घटकों पर गहनता से ध्यान देने की आवश्यकता होती है?
केकड़ा पालन (Crab Farming) के लिए स्थान का चुनाव कैसे करें
केकड़ा पालन के लिए ऐसे स्थान का चुनाव किया जाता है, जो तलछट अथवा छिछले जल स्तर के अंतर्गत आता हो. यह स्थान पारंपरिक व कृत्रिम रूप से तैयार किये गए तालाब एवं जलाशय पर हो सकता है. केकड़े नमी में रहना पसंद करते हैं
इसलिए इन्हें ऐसे स्थान की आवश्यकता होती है, जहां नमी और पानी की उपलब्धता बनी रहती हो. साथ ही चयनित स्थान को ऐसा बनाना जरूरी है जहां से पानी का रिसाव न होता हो, क्योंकि केकड़े पानी रिसाव से बाहर निकल सकते हैं, जिससे आपको केकड़ा पालन कृषि में नुकसान हो सकता है.
इसके अलावा यदि आप आधुनिक पद्धति से टैंक आदि में केकड़ा पालन करना चाहते हैं तो आधुनिक पद्धति से लगभग 2500 किलोग्राम केकड़ा पालन करने के लिए (crab farming equipment) आपको 25 X 25 X 7” ऊंचे प्लास्टिक टैंक बनाने की आवश्यकता है. जैसे-जैसे केकड़े बड़े होते हैं, प्रत्येक केकड़े को आकार अनुसार एक अलग (सेपरेट) टैंक में transfer कर दें.
चूंकि केकड़ों में हमेशा वर्चस्व की लड़ाई होती रहती है, इसलिए यह जरूरी हैं कि लड़ाई की नौबत ही न आने दें, जिससे वे एक दूसरे को क्षति न पहुंचाए.
केकड़ा पालन में पानी की गुणवत्ता –
लवणता | 15-25% |
तापमान | 26-30° C |
ऑक्सीजन (O2) | > 3 पीपीएम |
पी एच (pH) | 7.8-8.5 |
सुझाव-
- टैंक के अंदर केकड़ा पालन करने पर केकड़ों को ऑक्सीजन की व्यवस्था करनी जरूरी है.
- टैंक व तालाब आदि के पानी को समय-समय शुद्ध करना आवश्यक होता है.
- केकड़ों को चट्टानों की ओट में रहना पसंद होता है, इसलिए pond/tank में खपरैल बजरी व रेत का प्रयोग करना जरूरी है.
केकड़ा पालन के लिए केकड़ा बीज (Crab seed) कहां से मिल सकता है-
केकड़ा पालन के लिए केकड़ा बीज/बच्चा/चूजा अथवा crab seed आपको अपने स्थानीय मछली बाजार से आसानी से मिल जाएंगे, इसके अलावा यदि आपके स्थानीय बाजार में crab seed नहीं मिल पा रहा है तो आप अपने क्षेत्र के मत्स्य विभाग की शाखा से संपर्क अवश्य करें.
केकड़ा बीज/बच्चा/चूजा अथवा crab seed का रेट साइज व नस्ल के आधार पर 200 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति किलो तक मिलता है. इसके अलावा crab seed खरीदते समय विशेषकर मादा केकड़ों को अधिक मात्रा में खरीदना चाहिए, जिससे भविष्य में आपको crab seed पर ज्यादा व्यय न करना पड़े.
मौजूदा समय में महाराष्ट्र में केकड़ा पालन व्यवसाय (crab farming in maharashtra) बड़े स्तर पर किया जा रहा है. इसके साथ ही यहां पर crab seed की कई नर्सरियां और हैचारियां भी मौजूद हैं.
केकड़ा पालन बिजनेस में लोन कहां से मिलेगा (Loan for Crab Farming)-
कृषि आधरित व्यवसाय तहत केकड़ा पालन बिजनेस शुरू करने के लिए यदि आप अथवा इच्छुक किसान/उद्यमी को लोन आदि लेने के लिए किसी भी सरकारी/प्राइवेट बैंक के समक्ष अपना business plan देना होता है. जहां से स्वीकृति से आपको लोन आदि मोहैया हो सकता है.
केकड़े की खेती का व्यवसाय अथवा केकड़ा पालन बिजनेस शुरू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अभी कोई भी अनुदान योजना उपलब्ध नहीं है. अमूमन केकड़ा पालन में लोन की आवश्यकता होती नहीं है, फिर भी यदि आप बहुत बड़े स्तर पर केकड़े की खेती करने की सोच रहे हैं तो लोन के लिए किसी नजदीकी बैंक की शाखा से जरूर संपर्क करें.
केकड़ा पालन में केकड़ों का भोजन (Crab Food)-
केकड़ा पालन के तहत केकड़ों को दिन में 02 बार भोजन दिया जाता है. केकड़े मुख्य रूप से मांसाहार ही करते हैं. इसलिए केकड़ों को चारे के रूप में दैनिक दर पर ट्रैश मछली, नमकीन पानी (Salted water) में पायी जाने वाली सीपी, पशुओं की अतडियां अथवा चिकन के अपशिष्ट आदि उनके वजन के 5-8% की दर से दिया जाता है.
औसतन 07 से 12 महीने में केकड़ा बेचे जाने के लिए पर्याप्त आकार में आ जाता है. बेचने से पहले हर एक केकड़े के कड़ेपन (Crab Hardness) को चेक किया जाता है. क्योंकि कड़े खोल वाले केकड़े ही उंचे दामों पर बिकते हैं.
कड़ेपन की जाँच कैसे की जाती है-
लगभग 07 से 12 महीनों के अन्दर केकड़े का मांस कड़ा होने लगता है, इसकी जाँच के लिए केकड़े के पैरों के नीचे के मांस को दबा कर देखा जाता जाता है, यदि मांस अभी आसानी से दब जा रहा है तो यह निशानी है कि अभी केकड़ा बिक्री के लिए तैयार नहीं है.
वहीं यदि मांस में दबाव नहीं हो रहा है तो इसका मतलब केकड़ा तैयार हो चुका है, अब केकड़े की बिक्री की जा सकती है.
बिक्री के लिए केकड़ा तैयार करना (prepared crab for selling)-
एक निश्चित अवधि के बाद केकड़ों के सख्त होने की जाँच की जाती है, पुष्टि होने पर केकड़ों को हाथों से एक-एक केकड़े को पकड़कर उसकी गंदगी व कीचड़ निकालने की प्रक्रिया की जाती है. मिट्टी से निकाल लेने के इन्हें नमकीन पानी में अच्छे से धोया जाता है.
इसके बाद बहुत ही सावधानी पूर्वक हर एक केकड़े के पैरों व पंजों को डोरी/पट्टी से बांध दिया जाता है. डोरी से बांध देने के बाद केकड़ों को नमी में ही रख कर ही बाजार के लिए रवाना किया जाता है.
सुझाव-
- डोरी से बांधते समय यदि किसी केकड़े का पैर अथवा टांग या पंजा टूट जाता है तो टूट-फूट हुए केकड़े का कोई भी मूल्य नहीं होता है. अतएव यह जरूरी है कि प्रत्येक केकड़े को बिना क्षति पहुंचाये उसके पैरों व पंजों को सावधानी पूर्वक बांधना जरूरी है.
- बाजार में जीवित केकड़ा ही बिकता है, इसलिए यह जरूरी है कि बेहतर मुनाफा कमाने के लिए केकड़ा बांध देने के बाद हर एक केकड़े को नमी में रखा जाए.
- केकड़े का मूल्य (crab price) उसके कड़ेपन के आधार पर निर्धारित होता है इसलिए हर हाल में बंधे हुए केकड़े को नमी में रखना जरूरी है, साथ ही धूप व गर्मी से बचाना भी जरूरी होता है.
- देश के तटीय राज्यों जैसे- महराष्ट्र, केरल, तमिलनाडू और कोलकाता में केकड़ों की मांग बढती जा रही है.
- विदेशी बाजार में भी mud crab की अच्छी खासी मांग बनी रहती है, साथ ही बढ़ भी रही है. बढ़िया क्वालिटी के केकड़े विदेशों में एक्सपोर्ट किया जाता है.
केकड़ा खाने के फायदे (benefits of crab consuming)-
- केकड़े का सेवन प्रोटीन प्राप्त करने के लिए किया जाता है, केकड़ा प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत होता है. यह कैंसर के खतरे को कम करता है.
- केकड़ा में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है, जिस कारण केकड़े का उपयोग मधुमेह रोगियों के लिए हितकर होता है, क्योंकि केकड़े के सेवन से शुगर नियंत्रण में तो रहती ही है साथ ही ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है.
- केकड़े के मांस में ओमेगा-3 फैटी एसिड, नियासिन और क्रोमियम जैसे तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं. जिससे हार्ट अटैक जैसी समस्या के खतरे को कम किया जा सकता है.
- केकड़ा प्रोटीन के साथ विटामिन B12 का भी एक बढ़िया स्रोत होता है जो हमारे blood cell की गिनती को बढ़ाने का काम करता है.
- नियमित रूप से केकड़ा सेवन करने से असंतुलित वजन की समस्या से आसानी से निजात पाया जा सकता है. साथ ही घुटने और जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए भी केकड़े का उपयोग किया जाता है.
केकड़ा पालन की लागत (Crab Farming Cost)-
1000 वर्ग मीटर आकार का तालाब पहली बार तैयार करने के लिए 75,000 तथा फसल आदि तैयार करने के लिए 40,000 रूपये इस प्रकार कुल 1,15,000 की लागत आ सकती है. जहां चयनित स्थान यदि किराये का है तो लागत में और बदलाव संभव है. साथ ही यदि केकड़ा बीज भी लागत घटने-बढ़ने का एक मुख्य घटक होता है.
केकड़ा पालन में मुनाफा (Profit in Crab Farming)-
फसल की पहली हार्वेस्टिंग में मुनाफा अगर सब चरणबद्ध तरीके से किया गया है तो लगभग 1,00,000 तक हो जाता है, इसके साथ ही दूसरी हार्वेस्टिंग में यह मुनाफा दो गुना हो जाता है क्योंकि फसल तैयार करने के लिए (40,000 रूपये) ही खर्च होता है.
FAQ.
केकड़े को भोजन क्या देना होता है?
केकड़ों को दिन में 02 बार भोजन दिया जाता है. केकड़े मुख्य रूप से मांसाहार ही करते हैं. इसलिए केकड़ों को चारे के रूप में दैनिक दर पर ट्रैश मछली, नमकीन पानी में पायी जाने वाली सीपी, पशुओं की अतडियां अथवा चिकन के अपशिष्ट आदि उनके वजन के 5-8% की दर से दिया जाता है
केकड़ा का वैज्ञानिक क्या होता है?
केकड़ा का वैज्ञानिक नाम Brachyura है.
बाजार में किस प्रजाति के केकड़े की सबसे अधिक है?
मड क्रैब प्रजाति (Mud Crab Species) के केकड़े की (वैज्ञानिक नाम सिल्ला सेरेटा-Scilla serrata) की दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में अच्छी मांग है.
अंत में-
स्वास्थ्य की दृष्टी से केकड़ा सेवन करना (खाना) हमारे शरीर को बेहतर बनाता है, आज की पीढ़ी के लिए केकड़ा प्रोटीन और कम वसा वाला भोजन बनकर उभरा है और अपने गुणों के कारण पूरी दुनिया में उपयोग में लिया जा रहा है.
हमारा उद्देश्य सभी इच्छुक उद्यमियों, किसानों और खेती/कृषि प्रेमियों को बेहतर से बेहतर जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे अपनी कृषि योग्यताओं को बेहतर से बेहतरीन बना सके और कृषि आधारित व्यवसाय को अपनाकर अच्छा मुनाफा/लाभ भी उठा सकें.
आशा है आपको इस लेख कम निवेश में केकड़ा पालन बिज़नेस (Profitable Low Investment Crab Farming) कैसे शुरू करें से केकड़े की खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ छूट गया हो या कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें. तब तक के लिए-
“शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल खेती के लिए”
धन्यवाद!
जय हिंद! जय भारत!