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कैसे शुरू करें कम लागत में मसाला व्यवसाय | How to Start Masala Business at Low Investment in hindi

कम लगत में मसाला व्यवसाय/कारोबार (Spice/Masala Business at Low Investment) की विस्तृत जानकारी, मसाला उद्योग मशीन, खड़े मसाले कहाँ से खरीदें, मसाला पाउडर बनाने वाली मशीन, मसाला उद्योग की संभावनाएं, मसाला बिजनेस पर लागत, मसालों की गुणवत्ता, मसाला व्यवसाय के प्रतिस्पर्धी, मसाला कारोबार की मार्केटिंग कैसे कैसे व मसाला व्यवसाय में मुनाफा

किसी भी खाने में जाईका और स्वाद लाने का काम हमारे किचन में मौजूद कुछ मसालों का होता है। मसाले जो आज भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के हर किचन की जरूरत बन चुके हैं, और देखा जाए तो आज हम जिस भी तरह का खान-पान लेते हैं उनमें मसालों का प्रयोग जरूर करते हैं क्योंकि हमें मसालों का सेवन करने की आदत पड़ चुकी है। भारत के सभी घरों में खान-पान के मामले में पहली पसंद है- उत्तम गुणवत्ता के मसाले

बाजार में हमेशा बेहतरीन गुणवत्ता के मसालों की मांग बनी रहती है, जिससे देखा जाए तो मसालों के व्यापारिक क्षेत्र में काफी मुनाफे की संभावना दिखाई देती है, मसालों की बढ़ती मांग के कारण इस व्यवसाय को करने पर बड़े लाभ की संभावना के चलते आज हम आपके लिए लाये है मसालों के व्यापार (masala business) से जुड़ी पूरी जानकारी। 

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कम लागत में शुरू करें मसाला व्यवसाय (Start Masala Business at Low investment)

यदि आप भी मसालों का व्यापार करना चाहते/चाहती हैं तो आज हम इस व्यापार के बारे में (spices business plan) विस्तार से चर्चा करने जा रहे हैं-

जहां आपको मसाला व्यवसाय/बिजनेस से संबन्धित पूरी जानकारी दी जाएगी और यह भी बताया जाएगा की कितनी पूंजी लगाकर आप मसालों का व्यापार शुरू कर सकते हैं। यदि आप इस क्षेत्र में अपना भविष्य या रोजगार बनाना चाहते हैं, तो यह पोस्ट आपकी जरूर सहायता करेगी। चलिये शुरू करते हैं-

Table of Content

मसाला व्यवसाय की संभावनाएं (prospects of masala business)-

आज मसाला कारोबार में कई विविधताएँ आ चुकी हैं, मसलन आज कई ऐसे उत्पाद मार्केट में मांग के आधार पर उपलब्ध हैं जिसे पूर्ण रूप से मसालों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, लेकिन फिर भी मसाले के नाम पर ही बेचे व खरीदे जाते है,

जैसे- अदरक व लहसुन का पेस्ट (अलग-अलग व एक साथ), हरी धनिया का हरे रंग का पाउडर आदि. प्राकृतिक होने के साथ-साथ अपनी उपयोगिता के कारण इनकी डिमांड आज बाजार/मार्केट में काफी हद बढ़ती जा रही है. जो व्यवसायिक तौर पर मोटे लाभ की सम्भावना उत्पन्न करने लायक है.

इसके साथ ही आज बाजार में रेसिपी के अनुसार बने बनाए मसालों से भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है, बने बनाए मसाले जैसे- छोला मसाला, चाट मसाला, बिरयानी मसाला (साबुत खड़ा व पिसा हुआ), मटन मसाला, चिकन मसाला, जलजीरा मसाला व गरम मसाला आदि ऐसे मसाला उत्पाद हैं जो अपने रेसिपी नाम से आसानी से बेचे व ख़रीदे जाते हैं.

यदि आप मसाला कारोबार शुरू कर ही रहे/रहीं हैं तो मसालों के कारोबार से संबंधित इन तथ्यों पर ध्यान जरूर दें, क्योंकि ये वो तथ्य हैं जो आपके कारोबार को छोटे स्तर से बड़े स्तर तक कम समय में आसानी से पंहुचा सकते है.

मसाला व्यवसाय के लिए आवश्यक सामग्री (Ingredients in Masala Business)-

देखिये मसालों का कारोबार करने के लिए सबसे पहली वस्तु जिसकी जरूरत होती है वह है कच्चा माल यानी रॉ मटेरियल, जिसे आप थोक मूल्य (Bulk में) पर मसालों के व्यापारियों से या सीधे किसान से खरीद सकते हैं। 

रॉ मटेरियल में आप उसी का चुनाव करें जिसका आप कारोबार करना चाहते/चाहती हैं। रॉ मटेरियल जैसे- साबुत काली-मिर्च, साबुत धनिया, खड़ी सूखी लाल मिर्च, साबुत हल्दी और जीरा आदि।

मसाला व्यवसाय के लिए रॉ मटेरियल कहां से लें-

कच्चे माल या रॉ मटेरियल के लिए सबसे पहला और बढ़िया स्रोत आपके क्षेत्र का लोकल थोक मार्केट होता है, जहां आप अपने आवश्यकतानुसार थोक व्यापारियों से कच्चा माल थोक मूल्य में लेकर और फिर इस रॉ मटेरियल को प्रोसेस कर अपने व्यवसाय को दिशा दे सकते हैं। 

कच्चे माल का दूसरा स्रोत है किसान जो मसालों की खेती करता है, आप सीधे किसान से भी कच्चा माल खरीद सकते हैं. किसान से सीधे खरीदने पर कच्चे माल का मूल्य संभवत: थोक मूल्य से कम मिल सकता है जो आपके व्यापार के लिए हितकर साबित भी हो सकता है। 

सुझाव के लिए आप दिल्ली स्थित “खारी बावली” थोक बाजार को जरूर देखें, यह मंडी या बाजार मसालों के लिहाज से एशिया की सबसे बड़ा थोक मसाला बाजार है।

एशिया की सबसे बड़ी मंडी कहाँ पर है?

खारी बावली जो भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है, एशिया की सबसे बड़ी मसालों की मंडी मानी जाती है.

मसाला व्यवसाय पर लागत (Masala Business Total Cost)-

मसालों का व्यापार बड़ी ही छोटी कीमत पर शुरू किया जा सकता है, छोटे स्तर पर शुरू करने के लिए कम से कम 07 से 10 हजार रुपए की लागत लगती है जिसमें आपको रॉ मटेरियल और इस रॉ मटेरियल को पीसने के लिए छोटी मसाला चक्की– मसाला और हर्ब ग्राइंडर {कीमत लगभग 2000 से 2500 रुपए तक (मार्केट के आधार पर मूल्य ऊपर-नीचे हो सकता है)} और पैकिंग। जिसे आप अपने घर से भी शुरू कर सकते हैं। 

अगर आप मसाला कारोबार के क्षेत्र में आना चाहते/चाहती हैं तो मेरी राय यही है कि आप इसे कम पूंजी लगाकर छोटे स्तर से, घर से ही शुरू करें। जिससे आप भारी नुकसान के जोखिम से बच सकते हैं और छोटे स्तर पर व्यापार करने से आपको बाजार को समझने का मौका भी मिलता है। 

वहीं अगर आप इस व्यवसाय को बड़े स्तर पर करना चाहते/चाहती हैं तो आपको बड़ी मशीनरी मसाला चक्की- मसाला और हर्ब ग्राइंडर (ऑटोमेटिक, सेमी-ऑटोमेटिक) के साथ पैकिंग की मशीन (ऑटोमेटिक, सेमी-ऑटोमेटिक) और बड़े तराजू की जरूरत पड़ेगी इस complete setup की लागत लगभग 04 से 06 लाख के करीब आती है। 

मसाला व्यवसाय में आवश्यक मशीनरी और औज़ार (Machinery in Spice Business)-

रॉ मटेरियल के चुनाव करने के बाद अब बारी आती है इसे पीसने की, तो कच्चे माल को पीसने के लिए आपको कुछ मशीनरी की आवश्यकता पड़ती है, जिसे आमतौर पर मसाला चक्की (मसाला ग्राइंडर अथवा हर्ब ग्राइंडर- Herb Grinder) के नाम से जाना जाता है, 

इस मसाला चक्की की कीमत रुपए 2500 से शुरू होकर 6 लाख रुपए (जिसमें ड्रायर, क्लीनर और मसाला चक्की भी शामिल है) तक हो सकती है। आप अपने कार्य क्षमता के अनुसार ही मशीनरी का चुनाव करें। साथ ही भार क्षमता के अनुरूप एक तराजू की भी आवश्यकता होगी।

यदि आप अभी मशीनरी में निवेश (invest) नहीं करना चाहते/चाहती हैं तो इसके लिए आपको थोड़ा अधिक शारीरिक परिश्रम करना पड़ेगा, आप रॉ मटेरियल को लेकर अपने स्थानीय/लोकल मसाला चक्की पर ले जाकर पिसवा सकते हैं, हां यहां पर आपको मसाला पिसवाई का मूल्य चुकाना पड़ेगा, 

जिससे हो सकता है कि आपके उत्पाद के खुदरा मूल्य (Retail Rates) में फर्क दिखाई देने की संभावना बढ़ सकती है, और वैसे भी जब से कोरोनाकाल शुरू हुआ है, अधिकांश व्यापारी अपनी खुद की मशीनरी का उपयोग करना पसंद करते हैं।

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मसाला व्यवसाय का पंजीकरण (spices/masala business license)-

किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले संस्था/कंपनी/एजेंसी का रजिस्ट्रेशन/पंजीकरण करना होता है और यह बेहद जरूरी भी है क्योंकि इस पंजीकृत नाम या नंबर से ही आप मार्केट/बाजार में अपना व्यापार करते हैं। 

भारत सरकार द्वारा लघु उद्योग और छोटे स्तर पर व्यापारों को पंजीकृत करने के लिए उद्यमी पोर्टल MSME विकसित किया है। जहां लगभग हर प्रकार के सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग का रजिस्ट्रेशन/पंजीकरण किया जा सकता है और यह पंजीकरण भारत सरकार की तरफ से बिल्कुल मुफ्त में किया जाता है।

यदि आप पूरी तरह से व्यापार के क्षेत्र में उतरना चाहते/चाहती हैं तो अपनी संस्था/कंपनी/एजेंसी का रजिस्ट्रेशन/पंजीकरण अनिवार्य रूप से जरूर करा लें। इस पंजीकरण की बदौलत आपको अपने व्यवसाय के बड़ा करने या विस्तारित करने के लिए आसानी से बैंक लोन भी मिल सकता है।

इसके अतिरिक्त मसाला व्यवसाय अथवा मसाला बिजनेस शुरू करने के लिए आपको…

  1. FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) का लाइसेंस
  2. टैक्स के लिए GST No.
  3. Trade License
  4. Trade Mark License
  5. MSME (उद्यम)
  6. IEC License (for Export)

भी लेना जरूरी है, क्योंकि मसाला एक खाद्य उत्पाद है और एक निश्चित समय के बाद खाद्य सामग्री की गुणवत्ता घटती चली जाती है। 

मसाला व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक स्थान-

छोटे स्तर पर मसालों का व्यवसाय/कारोबार शुरू करने के लिए 10X10 (थोड़ा कम/ज्यादा) वर्ग फीट के कमरे/जगह की आवश्यकता होती है, जहां आप छोटे साइज की मशीनरी लगाकर अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं। साथ ही पिसा हुआ मटेरियल या मसाले को उसी कमरे में सुरक्षित भी रख सकते हैं। 

वहीं यदि आप बड़े स्तर पर मसालों का कारोबार करना चाहते/चाहती हैं तो आपको कम से कम 1,500 वर्ग फीट के कमरे/जगह की आवश्यकता होती है, जहां आप बड़े साइज की मशीनरी मसाला चक्की (मसाला और हर्ब ग्राइंडर) लगाकर अपना कारोबार बड़े पैमाने पर शुरू कर सकते हैं। 

साथ ही पिसे हुए मटेरियल या मसालों को सुरक्षित रखने के लिए आपको एक अलग स्थान या कमरे की जरूरत पड़ सकती है। मसालों के पिस जाने के बाद बारी आती है मसालों को पैक करने की।

मसालों की पैकिंग करना-

बाजार का सबसे बड़ा कड़वा सच यह है कि उत्पाद चाहे जितना बढ़िया हो लेकिन अगर उसकी पैकिंग अच्छी और मोहक नहीं दिखती तो उस उत्पाद की बिक्री न के बराबर ही होती है, इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप जिस उत्पाद को मार्केट बेचने के लिए उतारें, उसे एक अच्छी और मोहक पैकिंग के साथ ही उतारें। पैकिंग की डिजाइन के लिए किसी जानकार डिजाइनर की सहायता जरूर लें।

यदि आप छोटे स्तर पर मसालों का कारोबार करते हैं तो आपको हीट सीलर मशीन या प्लास्टिक सील मशीन की जरूरत होगी, जिसकी कीमत 1200 से 1600 रुपए के बीच में होती है। इस मशीन की मदद से आप मसालों के पाउच बनाकर मार्केट में बेचने के लिए उतार सकते हैं। 

हां इसमें थोड़ी मेहनत जरूर लगती है लेकिन इस बात को समझ लीजिये कि बिना मेहनत के कुछ भी हासिल नहीं होता, और ये तो आपका कारोबार, आपकी रोजी-रोटी है, तो मेहनत भी आपको ही करनी पड़ेगी।

वहीं यदि आप इस पैकिंग को बड़े स्तर पर करना चाहते/चाहती हैं तो ऑटोमेटिक पाउच वैक्यूम सील मशीन भी बाजार से ले सकते हैं, इस मशीन की कीमत कम से कम 32,000 रुपए से शुरू होकर 02 लाख रुपए तक जा सकती है। चुनाव आपका है क्योंकि व्यापार या यूं कहूं कि भविष्य आपका है। 

मसालों की सैंपलिंग व क्वालिटी टेस्ट-

अपना उत्पाद को पूरी तरह से complete करने के बाद इसकी गुणवत्ता की टेस्टिंग के लिए उत्पाद के सैंपल को Quality Test कराना होता है, इसके लिए आप अपने जिला मुख्यालय के भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India- FCI) की शाखा से संपर्क कर सकते हैं। जहां से हरी झंडी मिलने के बाद आप अपना उत्पाद मार्केट/बाजार में उतार सकते हैं।

मसाला व्यवसाय की मार्केटिंग करना (प्रोमोट करना)-

अब तक आपने अपने व्यवसाय के सारे मापदंड पूरे कर लिए हैं और अब आता है सबसे अहम काम मतलब प्रचार-प्रसार या मार्केटिंग करने का। तो इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप सबसे पहले अपने आस-पास के किराना दुकानों या स्टोर्स की ओर रुख करें, क्योंकि आपके पास के किराना दुकानें आपको अच्छे से जानते होंगे, जिससे आपके माल के खपत होने कि संभावना बढ़ जाती है।

यदि आप छोटे स्तर पर व्यापार शुरू कर रहे हैं तो प्रचार के लिए आप अपने बाजार क्षेत्र में पोस्टर, बैनर, फ्लैक्स व स्टीकर आदि जगह-जगह पर चस्पा करवा सकते हैं, साथ ही अखबार में पैम्पलेट डलवाकर प्रचार कर सकते हैं।

इसके साथ ही जैसे-जैसे आपका कारोबार बढ़ता जाए आप और बड़े स्तर के विज्ञापन (अखबार, पत्रिका और digital marketing) का भी सहारा ले सकते हैं। इसके लिए 02 प्रकार के ऑनलाइन स्टोर जैसे- B2B व B2C वेबसाइटें बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

B2B वेबसाइटें जैसे- अलीबाबा, एक्सपोर्टर्स इंडिया, इंडियामार्ट, ट्रेडइंडिया आदि

B2C वेबसाइटें जैसे- सीधे ग्राहक को बेचने के लिए e-commerce websites- Big basket, Amazon, Snap deal, Flip kart, आदि

मसाला व्यवसाय/कारोबार में प्रतिस्पर्धी को पहचानना-

जब आप अपने उत्पाद को बाजार/मार्केट में उतरेंगे तो बाज़ार में आपको पहले से ही आपके उत्पाद के प्रतिस्पर्धी मिलेंगे। हो सकता है कि यह आपको कभी कभी हतोत्साहित कर सकता है लेकिन इससे घबराने की बात नहीं है आपको अपने प्रतिस्पर्धी को चुनना होगा और अपने उत्पाद को बेहतर से बेहतर बनाना होगा। 

जब आप अपने प्रतिस्पर्धी को चुन या पहचान लेते हैं तो आपको एक मकसद मिल जाता है और आप अपने मकसद को पूरा करने के लिए पूरी तन्मयता से लग जाते हैं। एक सफल व्यापारी का यही लक्षण होता है कि वह अपने मकसद, अपने लक्ष्य को समर्पित होता है।

मसालों का मूल्य निर्धारण-

किसी भी नए उत्पाद को बाजार में बिक्री करने के लिए सबसे अहम भूमिका निभाता है उसका मूल्य। और यह बात सार्वभौम सत्य है क्योंकि आज खासकर कोरोनाकाल के बाद लगभग कई देशों में मंहगाई बढ़ चुकी है जिसका असर कुछ हद तक हमारे देश भारत पर भी पड़ा है। 

इसलिए बाजार को देखते हुए आप अपने उत्पाद का मूल्य बाजार में मौजूद अन्य उत्पादों की अपेक्षा कुछ कम ही रखें लेकिन उत्पाद की गुणवत्ता से कोई समझौता न करें, बेहतरीन गुणवत्ता के कारण आपका उत्पाद धीरे-धीरे मार्केट/बाजार में प्रसिद्ध होने लगेगा और जिससे आप अपने कारोबार को छोटे से बड़े स्तर पर विस्तारित कर सकते हैं। कम मूल्य पर उत्पाद बेचने की शुरुवात आपको अपने लोकल मार्केट से ही करनी चाहिए।

मसाला व्यवसाय के लिए लोन-

लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकारने मेक इन इण्डिया के तहत प्रधानमंत्री रोजगार योजना (PMRY),कौशल विकास योजनाप्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) आदि के माध्यम आपको आसानी से ऋण /लोन मिल सकता है. इसके लिए आपको अपनी कंपनी या फर्म के पंजीकरण संख्या से सरकारी योजनाओं के तहत आवेदन करना होगा.

सरकारी योजनाओं के तहत लघु उद्योग हेतु ऋण/लोन लेने के लिए आप अपने क्षेत्रीय सरकारी बैंक की शाखा से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही यदि आप खादी ग्रामोद्योग से प्रशिक्षण लेकर अपना मसालों का कारोबार शुरू करना चाहते/चाहती हैं तो खादी ग्रामोद्योग संस्थान से भी आप लोन लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. (खादी ग्रामोद्योग से प्रशिक्षण व लोन के लिए आपको अपने क्षेत्रीय खादी ग्रामोद्योग शाखा से संपर्क करना होगा.)

मसाला व्यवसाय के जोखिम-

मसाले के कारोबार में एक ही खास जोखिम होता और वह है, कि मसाले समय बीतने के साथ ख़राब हो जाते है, यदि आप छोटे स्तर पर मसालों का बिजनेस शुरू करते हैं तो यह जरूर निश्चित कर लें कि आपके उत्पाद या प्रोडक्ट की बाजार/मार्किट में खपत कितनी हो रही है, इस खपत के हिसाब से ही आप अपना माल तैयार करें.

व्यापार के बिल का ब्यौरा तैयार करना-

अधिकतर नए व्यापारी नए व्यापार में लागत लगाकर शुरू तो कर देते हैं लेकिन लागत के रूप में खर्चे गए पैसों का हिसाब सही ढंग से नहीं रखते, जो कि एक उभरते हुए व्यापारी के लिए अच्छी बात नहीं है. आज के इस डिजिटल दुनिया में अपने खर्चों को सूचीबद्ध करना बहुत ही आसान है. इसके लिए आज ढेरों software और application मौजूद हैं. 

यदि आप एक smart phone अपने पास रखते हैं तो Google play store पर billing और accounting से जुडी ढेरो application मौजूद हैं. आप उनमें से किसी एक उपयोग कर सकते हैं. इन application में आप अपने तैयार समान के बिल बनाने से लेकर अपनी लागत का ब्यौरा भी सुरक्षित रख सकते है, और इससे आपको पता रहेगा कि आपने अपने बिजनेस में अब तक कुल कितनी लागत लगाई है और कितना मुनाफा किया है.

मसाला व्यवसाय में मुनाफा-

अब बात करते है मुनाफे या लाभ की, जो हर एक व्यवसायी, व्यापारी और कारोबारी को सबसे उच्च स्तर का प्राप्त करने की अभिलाषा होती है, मौलिक तौर पर मुनाफा या लाभ शब्द एक ऐसा शब्द है जो हर किसी को एक नई प्रेरणा देता है. 

मसालों के व्यापार में मुनाफे या लाभ की सम्भावना काफी अच्छी होती है, यहां आप अपने मसाला प्रोडक्ट को लागत से दुगने दाम पर बेंच सकते हैं, मसलन यदि आप अपने उत्पाद को 20 से 40 रूपये में मार्किट में बेंच पा रहे हैं तो आप प्रति उत्पाद/पीस 10 से 18 रूपए तक मुनाफा या लाभ कमा सकते हैं. 

वहीँ यदि आप बड़े स्तर पर थोक (Bulk) में अपना मसालों का कारोबार करते हैं तो इससे आप 50 हजार से 80 हजार या इससे भी ऊपर हर महीने कमा सकते हैं. 

FAQ.

कम पूँजी लगाकर कैसे शुरू करें मसालों का कारोबार?

कम लागत में मसालों का कारोबार शुरू करने के लिए सबसे जरूरी है एक विस्तृत व्यापारिक दृष्टिकोण (Detailed Business Plan) और उसके बाद कच्चे माल की उपलब्धता, बिजनेस स्थापित करने का स्थान (Business Locality) बाजार की मांग एवं मसालों की गुणवत्ता.

सबसे बेस्ट मसाला कौन सा होता है?

देखिये! मसालों में कोई भी मसाला न तो बेस्ट होता है और न ही ख़राब क्योंकि हर एक मसाले की अपनी खूबी होती है.

खड़े मसाले कितने प्रकार के होते हैं?

यूं तो दुनिया भर में खड़े मसालों में ढेर सारी विविधता देखने को मिलती है, पर यहाँ हम बात कर रहे हैं भारत के खड़े मसालों की, जो हैं- हल्दी, धनिया, खटाई, तेज पत्ता, हरड, काली मिर्च, सूखी लाल मिर्च, जीरा, कलौंजी, सौंफ, इलाइची, दालचीनी, मेथी, सोंठ आदि. मसाला व्यवसाय करने के इच्छुक उद्यमी इनमें से किसी एक अथवा सभी का कारोबार आसानी से शुरू कर सकता है.

अंत में-

किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले बाजार/मार्केट रिसर्च एवं खपत का आंकलन अनिवार्य रूप से अवश्य  करें. ऐसा करने से आपको व्यवसाय में आने वाले जोखिम और दिक्कतों का सामना करने में आसानी हो जाएगी और बाजार में डिमांड के अनुरूप आप अपने products का निर्माण भी अच्छे से कर पाएंगे.

मसालों का व्यापार सदियों से होता चला आ रहा है और आगे भविष्य में भी ऐसे ही होता रहेगा. आशा है आपको इस लेख कैसे शुरू करें मसाला व्यवसाय’ से मसालों का बिजनेस, उद्यम/उद्योग, व्यापार और कारोबार के बारे में पूरी जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही… यदि कुछ छूट गया हो या कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें. तब तक के लिए-

“शुभकामनाएं आपके मसालों के व्यापारिक भविष्य के लिए.” 

धन्यवाद!

जय हिंद! जय भारत!

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2 टिप्पणी

  1. अलग अलग व्यनजन के लिए मशाला मिश्रण का अनुपात किस तरह तय करें कि मशाला बेहतर गुणवक्ता वाला और टेस्टी हो 🙏

    • इसके बारे में आपको अपने स्थानीय खानसामा अथवा हलवाई से संपर्क करना होगा… क्योंकि हर व्यंजन को बनाने के लिए अलग-अलग मसालों का उपयोग किया जाता है, साथ ही मसालों की मात्रा का निर्धारण बनाये जाने वाले व्यंजन की मात्रा पर भी निर्भर करती है… और वैसे भी किसी भी व्यनजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए केवल मसाला ही नहीं बल्कि भट्टी के तापमान को भी नियंत्रित करना जरूरी है…

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