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जाने बिजनेस इंश्योरेंस के बारे में | Valuable Information about Business Insurance in Hindi

बिजनेस इंश्योरेंस (business insurance) जिसे शुद्ध हिंदी में व्यवसाय बीमा अथवा बिजनेस बीमा के नाम से जाना जाता है. आपने जीवन बीमा के बारे में तो सुना ही होगा, जिसमें लोग अपनी इनकम/आय के मुताबिक अपने जीवन का बीमा कराते हैं, जिससे उनके साथ भी अथवा उनके बाद भी उनके परिवार का पोषण होता रहे.

ठीक इसी प्रकार व्यवसायीय द्वारा अपने व्यवसाय का इंश्योरेंस भी कराया जाता है, जिससे विपत्ति काल में व्यवसाय को आर्थिक तंगी व अन्य व्यवसायिक जोखिमों से बचाया जा सके. बिजनेस इंश्योरेंस (business insurance) कंपनी/फर्म को उसकी वित्तीय, बौद्धिक संपत्तियों और भौतिक स्थान को अप्रत्याशित घटनाओं से बचाने में मदद करता है.

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Business insurance के तहत प्राकृतिक आपदाओं, चोरी, उल्लंघनों, मुकदमों, वित्तीय नुकसान के साथ व्यवसायीय की बीमारी, चोट या मृत्यु जैसी घटनाओं से होने वाली किसी भी क्षति आदि की भरपाई के लिए उत्तरदायी होता है. Business insurance के तहत प्रत्येक आपदा से होने वाली क्षति अथवा नुकसान की भरपाई के लिए अलग-अलग नियम (term & conditions) भी हो सकते हैं.

आज इस पोस्ट के माध्यम से हम हम आपके साथ बिजनेस इंश्योरेंस (business insurance) जैसे गंभीर विषय के बारे में विस्तृत चर्चा करने जा रहे हैं. साथ ही यह भी चर्चा करेंगे कि business insurance कितने प्रकार का होता है, क्यों जरूरी होता है और इसे कब लेना चाहिए?, भारत में बिजनेस इंश्योरेंस का महत्व क्यों बढ़ता जा रहा है? लोन का क्या महत्व होता है?

बिजनेस इंश्योरेंस क्या होता है (what is business insurance)-

व्यवसाय बाजार का एक लचीला घटक है, जहां दैनिक दर पर हमेशा उतार-चढ़ाव होता है. ऐसे में कभी व्यवसाय में नफा तो कभी नुकसान भी उठाना पड़ता है. किसी भी व्यवसाय में एक स्थिति तक ही नुकसान/घाटा उठाया जा सकता है. लेकिन जब यह घाटा निर्धारित सीमा के बाहर होने लगता है तो यह बिजनेस के लिए सबसे खतरनाक स्थिति होती है.

ऐसी ही स्थिति से बिजनेस को उबारने के लिए बिजनेस का बीमा (business insurance) कराया जाता है क्योंकि बिजनेस इंश्योरेंस के तहत व्यवसाय के उन घटकों (assets and liabilities) की बीमा नीति (insurance policy) निर्धारित की जाती है, जिससे विपत्ति के समय बिजनेस को स्थिरता प्रदान की जा सके, और एक नए सिरे से बिजनेस का विस्तार भी किया जा सके.

बिजनेस इंश्योरेंस कितने प्रकार का होता है (how many types of business insurance)-

अमूमन कोई भी बीमा जैसे- जीवन बीमा अथवा व्यवसाय बीमा मुख्य दो घटकों (दीर्घ अवधी या छोटी अवधी) पर निर्धारित होता है. यह निर्भर करता है कि इच्छुक व्यक्ति अपनी सुविधानुसार किस प्रकार की बीमा अवधी में निवेश करना चाहता है.

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एक कारोबार को सफलतापूर्वक संचालित करने में व्यवसाय के उन घटकों (assets and liabilities) पर गहनता से विचार किया जाता है, जो सूक्ष्म स्तर पर होने के बावजूद भी पूरे बिजनेस को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. इसके बाद ही व्यवसाय बीमा (business insurance) जैसे योजना को अमल में लाया जाता है.

  1. देनदारी/दायित्व बीमा (Liability Insurance/insured liability)
  2. परिसंपत्ति/संपत्ति बीमा (Property Insurance)
  3. धन कवर बीमा (Money Cover Insurance)
  4. निष्ठा गारंटी बीमा (Fidelity Guarantee Insurance)
  5. मशीन्स व उपकरण बीमा (Equipment Insurance/commercial insurance)
  6. वाणिज्यिक वाहन बीमा (Commercial Vehicle Insurance)
  7. श्रमिक मुआवजा बीमा (Worker’s Compensation Insurance) व
  8. समूह स्वास्थ्य बीमा (Group Health Insurance)
  9. इसके अतिरिक्त भी व्यवसाय के अनुसार भी कई प्रकार के बिजनेस इंश्योरेंस होते हैं.

बिजनेस इंश्योरेंस कब लेना चाहिए-

आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है. अमूमन इंश्योरेंस/बीमा की आवश्कता महसूस होने पर ही बीमा जैसे घटक को अपनाया जाता है. यहाँ कुछ बीमा विशेषज्ञ द्वारा उन तथ्यों को सुझाया गया है जब एक उद्यमी को business insurance की आवश्यकता महसूस होती है-

  1. जब उद्यमी को ऐसा महसूस हो कि उसके उत्पाद/सेवा को कड़ी प्रतिस्पर्धा की चुनौती मिलनी शुरू हो जाए.
  2. कर (tax) से राहत व सरकारी योजनाओं से लाभ लेने में इंश्योरेंस की विशेष भूमिका
  3. व्यवसाय से सम्बंधित सभी प्रकार की देनदारियों, जोखिम व आकस्मिक आर्थिक चुनौतियों (लापरवाही या त्रुटियों के कारण) से व्यवसाय को सुरक्षित रखने के लिए
  4. व्यवसाय के तहत वाहन, उपकरण व कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए
  5. आग व प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़, भूकंप, तूफान आदि) के कारण बिजनेस को होने वाले नुकसान से सुरक्षा के लिए

नोट- यह निर्धारित नहीं है कि बिजनेस इंश्योरेंस कब लिया जाए. जैसे-जैसे आपका व्यवसाय बढ़ता है आपको अपने व्यवसाय के सुरक्षा हित में business insurance जरूर लेना चाहिए.

भारत में बिजनेस इंश्योरेंस का महत्व क्यों बढ़ता जा रहा है-

अपने वांछित व्यवसाय को सफलता के शिखर पर पहुंचना, किसी भी कारोबारी अथवा उद्यमी का सबसे पहला ख्वाब होता है, जिसके लिए हर एक उद्यमी बहुत ही कठिन परिश्रम भी करता है. परन्तु अपने व्यवसाय को लगातार सफलता के उच्चतम शिखर पर बनाए रखने के लिए एक उद्यमी द्वारा व्यवसाय के प्रत्येक घटक का आंकलन ही उसे सफल कारोबारी बनाता है.

आज आप जानते ही है कि भारत को विकासशील देशों की श्रेणी में गिना जाता है, यहां हर दिन कई नए-नए startups और business ideas को अपनाया और उनपर काम किया जाता है. जिनपर कभी-कभी बहुत अच्छी लागत का निवेश भी करना पड़ता है.

ऐसे में यदि कोई startup अथवा business किसी कारण वश स्थगित/समाप्त अथवा फेल हो जाए तो उस उद्यमी को उसके द्वारा निवेश की गई लागत पर तगड़ा नुकसान भी उठाना पड़ता है. ऐसे में नुकसान की भरपाई के लिए मात्र एक ही विकल्प आगे आता है और वह है- व्यवसाय का बीमा/बिजनेस इंश्योरेंस (business insurance).

अमूमन व्यवसाय की चाह रखने वाले अधिकतर नए उद्यमियों को बिजनेस इंश्योरेंस के बारे में जागरूकता कम होने के कारण ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यदि आप भी बिजनेस में अपना हाथ आजमाना चाहते हैं तो हमारी राय यही है कि आप अपने वांछित बिजनेस व अपने small business insurance के सभी प्रमुख घटकों को गहनता से समझें.

भारत में अधिकतर नए उद्यमी अपने बिजनेस में फेल क्यों हो जाते हैं?

इसका प्रमुख कारण है व्यवसाय के प्रति जागरूकता में कमी. हमारे द्वारा किये गए सर्वे में बिजनेस की चाह रखने वाले कई इच्छुक उम्मीदवारों से चर्चा करने पर, उन्हें बिजनेस के साधारण नियम “assets and liabilities” जैसे निकायों के बारे में भी स्पष्टता नहीं थी.

विस्तार से चर्चा करने पर ऐसा महसूस हुआ कि अधिकतर बिजनेस की चाह रखने वाले कई इच्छुक उम्मीदवार ऑनलाइन सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो से प्रभावित मिले, क्योंकि कई बार नामी ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का जिक्र किया गया.

हालांकि वीडियो से सीखना कोई गलत बात नहीं है, प्रारंभिक स्तर के लिए ठीक है, लेकिन यदि आप बिजनेस के क्षेत्र में आना चाहते हैं तो आपको व्यवसाय के प्रत्येक घटक को गहनता से सीखना जरूरी है. अधिकतर वीडियोज में व्यवसाय की केवल संक्षिप्त जानकारी ही होती है.

यदि आप केवल वीडियो देखकर ही अपने बिजनेस की शुरुआत करने की सोच रहे हैं तो प्रबल संभव है कि आप अपने बिजनेस में फेल हो जायें अथवा आपको निवेश की गई लागत पर जोखिम उठाना पड़े.

बिजनेस लोन और बिजनेस इंश्योरेंस में क्या अंतर है?

बिजनेस लोन- बिजनेस का विस्तार अथवा शुरुआत के लिए लिया जाता है, जबकि बिजनेस इंश्योरेंस- बिजनेस को सुरक्षित बनाने के लिए कराया जाता है. बिजनेस इंश्योरेंस को बिजनेस लोन के माध्यम से भी कराया जा सकता है.

अंत में-

“आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है.” आप इस सकारात्मक विचार से भली भांति परिचित ही होंगे. यदि आप भविष्य में एक सफल कारोबारी/उद्यमी अथवा व्यापारी बनना चाहते हैं तो आपको इस विचार का व्यवसायिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टी से जरूर आंकलन करना चाहिए.

आशा है इस लेख “जाने बिजनेस इंश्योरेंस के बारे में” से आपको business insurance की अहम जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही यदि कुछ छूट गया हो या कुछ कहना या पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में लिखें…. पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अपने साथियों व जरूरतमंद लोगों के साथ share करना बिल्कुल न भूलें, आपका एक share शायद किसी को नई दिशा दिखा दे……

“शुभकामनाएं आपके सफल व्यवसायिक/कारोबारी भविष्य के लिए”

धन्यवाद!

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