बिजनेस की ग्रोथ (Business Growth in hindi): कारोबारियों के लिए मौजूदा दौर की एक बात शाश्वत सत्य है कि अपने बिजनेस की ग्रोथ करनी है तो उन्हें सबसे पहले अपने ग्राहकों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है. आप जानते ही हैं कि दुनिया में नए startups और business ideas का सृजन होता ही रहता है.
लेकिन बिजनेस में सफल होने के लिए उन अनोखी मार्केटिंग रणनीतियों को भी अपनाना पड़ता है, जिससे चयन किये गए बिजनेस की ग्रोथ तीव्रता से की जा सके.
एक अनोखी और प्रभावी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के कारण ही कारोबारी अपने संभावित ग्राहकों को आकर्षित करते हैं और किसी भी बिजनेस की ग्रोथ के लिए उसके ग्राहक ही सबसे अहम् भूमिका में होते हैं. तो यदि आप बिजनेस में रूचि रखते हैं अथवा बिजनेस के क्षेत्र में हैं और ग्राहकों को संजोने/आकर्षित करने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं तो-
आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ उन जानकारियों को साझा करने जा रहे हैं, जिसको अच्छे से समझकर आप भी अपने बिजनेस की ग्रोथ करने के लिए अपने संभावित ग्राहकों को आकर्षित करने की तकनीक सीख सकते हैं. चलिए शुरू करते हैं-
बिजनेस की ग्रोथ क्यों जरूरी है?
देखन में लगे धीर, घाव करे गंभीर!! देखने में यह प्रश्न बहुत ही सामान्य लगता है, किन्तु इस प्रश्न में लगभग पूरा बिजनेस ही समा जाता है. मतलब लोग बिजनेस क्यों करते है? क्योंकि मुनाफा कमाना है और मुनाफा कमाने के लिए उपभोक्ता/ग्राहक की आवश्यकता होती है.
उपभोक्ता/ग्राहक को आकर्षित करने के लिए क्रमश: उत्पाद की गुणवत्ता, पैकिंग, विज्ञापन (advertisement) और प्रभावी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी की सबसे अहम भूमिका होती है.
आप जानते ही हैं कि मौजूदा दौर पूरी तरह से प्रतिस्पर्धा का दौर है, किसी भी बिजनेस को मार्केट में स्थापित होने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यदि आप अपने बिजनेस की ग्रोथ करने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं तो यह जरूरी है कि बिजनेस की बारीकियां गहनता से समझने की कोशिश करें.
आज बिजनेस तो हर कोई शुरू कर सकता/देता है लेकिन बिजनेस की ग्रोथ करने के लिए में ज्यादा से ज्यादा ग्राहक कहां से और कैसे लाएं इसकी तकनीक बहुत कम उद्यमियों को ही मालूम होती है. किसी भी बिजनेस की ग्रोथ करने से पहले आपको यह समझना जरूरी है कि उपभोक्ता/ग्राहक ही आपके बिज़नस की ग्रोथ का आधार होते हैं.
मतलब जैसे-जैसे आपके बिजनेस के उपभोक्ता/ग्राहक बढ़ेंगे तो आपका मुनाफे में बढ़ोत्तरी होती जाएगी. यहां पर बाजार का साधारण नियम “मांग बढ़ेगी तो आय बढ़ेगी” काम करता है.
संभावित उपभोक्ता/ग्राहक की करें पहचान-
बिजनेस की ग्रोथ सफलतापूर्वक करने के लिए प्रत्येक उद्यमी के लिए यह जरूरी है कि वह अपने व्यवसाय के संभावित उपभोक्ता/ग्राहक पर शोध करे. उदहारण के तौर पर आप किसी प्रकार का उत्पाद निर्माण कर रहे हैं तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आप द्वारा निर्मित उत्पाद के ग्राहक कौन हैं.
मसलन स्त्री-पुरुष में से कौन है? किस आयु वर्ग के हैं, और संभावित ग्राहक किस हद तक व्यय करने की क्षमता रखते हैं. जब यह सुनिश्चित हो जाता है कि संभावित उपभोक्ता/ग्राहक कौन है, उसके बाद promotional marketing के माध्यम से उत्पाद का सैम्पल प्रचारकर फीडबैक लिया जाता है. जिससे निर्मित उत्पाद के गुण व दोषों का निराकरण कर एक प्रभावी मार्केटिंग रणनीति के साथ उत्पाद की नींव रखने में सहायता मिलती है.
समस्या हल करने की क्षमता-
कोई भी बिजनेस मूलरूप से एक समाधान ही होता है. मौजूदा दौर आपने देखा ही होगा कि जब भी कोई नया उत्पाद बाजार में आता है तो वह मार्केट में पहले से मौजूद किसी उत्पाद का बेहतर संस्करण होता है. बेहतर संस्करण से आशय है कि पूर्व से मौजूद उत्पाद की कमियों को दूर कर नए उत्पाद का सृजन.
इससे यह पता चलता है कि नए उत्पाद ने उन समस्याओं का निदान करने की कोशिश की है, जो पूर्व उत्पाद नहीं कर पा रहा था. किसी भी तरह के बिजनेस की ग्रोथ के लिए यह प्रक्रिया अनिवार्य घटक है. क्योंकि मार्केट में टिके रहने का सबसे सटीक उत्तर है.
देखिये आप जानते ही हैं कि आज की भागती लाइफ स्टाइल में कोई भी इंसान, उपभोक्ता/ग्राहक केवल समाधान चाहता है. यदि आप उपभोक्ता/ग्राहक की प्रोब्लम का सॉल्यूशन उपलब्ध करा सकते हैं, तो बदले में आप सॉल्यूशन उपलब्ध कराने का सुविधा शुल्क भी ले सकते हैं.
वहीं बिजनेस के तहत सुविधा शुल्क के नाम व मानक बदलते रहते हैं. तो यदि आप अपने बिजनेस की ग्रोथ करने के इच्छुक हैं तो आप कस्टमर को प्रोब्लम नहीं सॉल्यूशन बेचने का प्रयास करें.
विश्वनीयता बनाने का प्रयास करें-
किसी भी बिजनेस को उसके नेक्स्ट लेवल पर ले जाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटक वांछित उत्पाद अथवा सेवा की मार्केट में विश्वनीयता (ब्रांड लॉयल्टी) स्थापित करना होता है. और यह विश्वनीयता उपभोक्ता/ग्राहक द्वारा ही निर्धारित की जाती है. तो यहाँ प्रश्न यह है कि किसी भी बिजनेस की ग्रोथ के लिए विश्वनीयता कैसे जिम्मेदार हो सकती है?
आइये इसे एक उदहारण से समझते हैं- आपने हर क्षेत्र में कुछ ऐसे कारोबारियों को जरूर देखा होगा, जो केवल एक सीमित क्षेत्र तक ही अपना कारोबार करते हैं, ऐसा नहीं है कि वे अपने बिजनेस को विस्तारित नहीं करना चाहते. बल्कि उनमें से अधिकतर उद्यमी अपने बिजनेस की विश्वनीयता मार्केट में कायम करने के प्रयास में लगे होते है.
और जब वे उद्यमी अपने टारगेट को अचीव कर लेते हैं तो विश्वनीयता को हथियार बनाकर मार्केट में पहले से मौजूद बिजनेस को कड़ी टक्कर देने का प्रयास करते हैं, जिसमें वे काफी हद तक सफल भी हो जाते हैं. तो प्रश्न यह है कि-
मार्केट में विश्वनीयता कैसे कायम की जा सकती है?
देखिये मार्केट में विश्वनीयता को कायम करने के लिए एक तरीका होता है. और वह है- “उत्पाद/सेवा की गुणवत्ता का सर्वोत्तम होना, जो किफायती दरों पर सभी को उपलब्ध हो सके.”
बिजनेस की ग्रोथ कितने प्रकार से होती है?
किसी भी बिजनेस की ग्रोथ मूलतः 02 प्रकार से होती है-
1. विज्ञापन द्वारा
2. स्वत:, जिसे आर्गेनिक मेथड कहा जाता है.
बिजनेस की ग्रोथ के लिए चुनौतियां स्वीकार करें-
अक्सर नए व उभरते हुए उद्यमियों को मार्केट की अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करना ही पड़ता है. बदलती परिस्थितियों व बढ़ते नए दबावों से निजात पाने के लिए उन्हें कभी-कभी मूल दिशा से हटकर नई रणनीतियों का भी सृजन करने की आवश्यकता होती है.
एक सफल कारोबारी अपने बिजनेस की ग्रोथ करने के लिए कभी भी आने वाली चुनौतियों से नहीं घबराता, बल्कि उसका डटकर सामना करता है. चुनौतियों का सामना करने से जहां एक तरह बाजार को गहनता से समझने का मौका मिलता है, वहीं दूसरी ओर नई और प्रभावी रणनीतियों को भी बनाने में सहूलियत हो जाती है.
चूंकि मार्केट हमेशा से एक परिवर्तनीय घटक रहा है, इसलिए बिजनेस की ग्रोथ की चाह रखने वाले हर एक उद्यमी को अपने बिजनेस में आने वाली अडचनों को आड़े हाथों से संभालने की कला विकसित करने पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
प्रतिस्पर्धी की पहचान करना (Identifying the Competitor)-
आज कोई भी ऐसा कारोबार बचा ही नहीं है, जहां प्रतिस्पर्धा न हो. मौजूदा बाजार में जब भी कोई नया अथवा उभरता हुआ कारोबारी/व्यवसायीय अपने उत्पाद के साथ बाजार में कदम रखता है तो उसे बाजार में पहले से मौजूद अपने उत्पाद के प्रतिस्पर्धियों से गहनता के साथ सामना करना पड़ता है.
लेकिन समस्या तब ज्यादा बढ़ जाती है जब नया अथवा उभरता हुआ कारोबारी/व्यवसायीय अपने प्रतिस्पर्धियों पर विशेष ध्यान नहीं देता. जिस कारण नए कारोबारियों को बाजार में अपनी पकड़ बनाने में काफ़ी लम्बा समय लग जाता है. देखिये! अब प्रतिस्पर्धा (competition) का जमाना है और जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ेगी यह competition और भी कठिन होता जाएगा.
तो यदि आपको अपने कारोबार को सफल बनाना है तो यह जरूरी है आप अपने उत्पाद के प्रतिस्पर्धियों को अच्छे से पहचानना सीखें, और देखे कि आपका प्रतिस्पर्धी कैसे अपने उत्पाद को बाजार में उतार रहा है, जब आप सब चीजों को समझने लगते हैं तो आप अपने कारोबार के प्रतिस्पर्धी को आसानी से हरा सकते हैं और उससे आसानी से आगे निकल सकते हैं.
बिजनेस की ग्रोथ के लिए मार्केटिंग का महत्व-
मार्केट की पुरानी लेकिन सबसे प्रभावी कहावत है ‘जो दिखता है, वही बिकता है’. मार्केटिंग से सम्बन्धित विस्तृत जानकारी के लिए कृपया इस पोस्ट को पढ़ें- उत्पाद की मार्केटिंग कैसे करें.
अंत में-
“आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है.” आप सभी इस सकारात्मक विचार से भली भांति परिचित ही होंगे. यदि आप भविष्य में एक सफल कारोबारी/उद्यमी/व्यवसायीय अथवा व्यापारी बनना चाहते हैं तो आपको इस विचार का व्यवसायिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टी से जरूर आंकलन करना चाहिए, हो सकता है कि आपको एक कोई नया business idea सूझ जाए जो आपके भविष्य को एक नई दिशा प्रदान कर दे.
आशा है इस लेख “कैसे करें अपने बिजनेस की ग्रोथ” से आपको एक सफल व्यवसायीय बनाने की अहम जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही यदि कुछ छूट गया हो या कुछ कहना या पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में लिखें…. पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अपने साथियों व जरूरतमंद लोगों के साथ share करना बिल्कुल न भूलें, आपका एक share शायद किसी को नई दिशा दिखा दे……
“शुभकामनाएं आपके सफल व्यवसायिक/कारोबारी भविष्य के लिए”
धन्यवाद!