रियल एस्टेट बिजनेस (Real Estate Business): आज हर कोई पैसा कमाने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाता है। कोई नौकरी, तो कोई बिजनेस से पैसे कमाना चाहता है, वहीं कोई कुछ निवेश करके अपनी आर्थिक स्थिति को मज़बूत करने की कोशिश करता है।
किसी को अपनी परिस्थितियां अनुकूल बनाने के लिए सफलता चाहिए होती है, तो वहीं हममें से कुछ निवेश कर पैसा कमाने का नया जरिया खोजने का प्रयास जैसे- शेयर बाजार, प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट आदि करते है।
आधुनिक वर्तमान समाज का एक ऐसा युवा वर्ग भी है जो स्वतंत्र रूप से अपना खुद का कारोबार अथवा उद्यम करना चाहता है ताकि वह अपने काम के साथ स्वतंत्रता का आनंद भी ले सकें।
स्वतंत्रता की इस खीच तान में कुछ नए उद्यमी कारोबार में समझौता कर एक निश्चित बचत अंश लेकर भी अपनी आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने की कोशिश में लगे रहते हैं।
ऐसे ही समझौते और निश्चित बचत जैसे उद्यम का आगमन रियल एस्टेट बिजनेस से ही होता है, और आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ रियल एस्टेट बिजनेस के बारे में विस्तार से चर्चा करने जा रहे हैं। आइये सबसे पहले जानते है कि-
रियल एस्टेट बिजनेस किसे कहा जाता है?
ऐसी भौतिक परिसंपत्तियां अथवा स्थावर सम्पदा जैसे- जमीन, दुकान, मकान व इमारतें तथा इनसे सम्बन्धित अन्य घटक जिनकी सेवाएं जैसे- खरीद-फरोख्त, निर्माण, नवीनीकरण व पुनर्चक्रीकरण आदि कार्य रियल एस्टेट के तहत आता है।
वहीं इसी प्रक्रिया को व्यवसायिक (बड़े पैमाने पर) अथवा कमर्शियल स्तर पर की जाने वाली प्रक्रिया को रियल एस्टेट बिजनेस कहलाती है। हमारे द्वारा किये गए एक परीक्षण प्रोग्राम में रियल एस्टेट के क्षेत्र से जुड़ने वाले अधिकतर नए उम्मीदवार रियल एस्टेट की वास्तविकता से अनिभिज्ञ पाए गए। खैर…
रियल एस्टेट बिजनेस के लिए आम आदमी का दृष्टिकोण-
रियल एस्टेट और आम आदमी के बीच काफी गहरा संबंध होता है। बहुत से आम लोग अपना सपना सच करने के लिए घर/मकान खरीदना चाहते हैं,जो उनके परिवार को सुरक्षा महसूस कराए, साथ ही उनका घर अथवा मकान ऐसे स्थान पर स्थापित हो जहां पर जीवन के सभी संसाधन सुचारू रूप से उपलब्ध हों ।
रियल एस्टेट जैसे उद्यम में अगर सही तरीके से निवेश किया जाए, तो परिणाम में बहुत ही अच्छा रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। यदि आप अथवा आम आदमी रियल एस्टेट बिजनेस जैसे उपक्रम में निवेश करने के इच्छुक हैं तो आपको रियल एस्टेट में लंबे समय तक के निवेश वाले घटकों पर गहनता से विचार करने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि लम्बी अवधी के निवेश में बहुत ही तगड़ी वृद्धि मिल सकती है।
वर्तमान में अधिकांश लोग/आम आदमी पैसा कमाने की होड़ में बिना परखे बड़े व छोटे रियल एस्टेट डीलरों के माध्यम से रियल एस्टेट बिजनेस में पैसा लगाने और पैसा कमाने के लिए क़दम उठा रहे हैं। जो कि देखा जाये तो पैसे के उच्च जोखिम का द्योतक बन सकता है।
आम आदमी की दृष्टि से रियल एस्टेट जैसे उद्यम में निवेश का महत्व उनके विभिन्न आर्थिक लक्ष्यों और मूल्यों पर निर्भर कर सकता है। मसलन- किसी के लिए भूमि निवेश से पैसे कमाने का माध्यम हो सकता है, वहीं किसी और के लिए आर्थिक सुरक्षा और परिवार की देखभाल के लिए एक माध्यम हो सकता है।
कुछ लोगों के लिए यह एक बड़ा निवेश होता है, जिसे वे अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए करते हैं और दूसरी ओर कुछ लोगों के लिए यह धन कमाने का मात्र एक जरिया होता है।
आम आदमी के लिए रियल एस्टेट में निवेश करने के कई तरीके हैं। वे अपनी आर्थिक स्थिति और लक्ष्यों के आधार पर उपयुक्त तरीके से निवेश कर सकते हैं। कुछ लोग नए घर खरीदने के बजाय मकान को बुक करते हैं या परामर्श देने वाले के तौर पर हेल्प करते हैं।
भारत में आम आदमी के लिए रियल एस्टेट से जुड़ी विभिन्न मौजूदा योजनाएं भी हैं, जैसे- प्रधानमंत्री आवास योजना, इसके ज़रिए भारत सरकार द्वारा देश के गरीबों व पिछड़ों को सस्ते दामो पर घर मुहैया कराने की सुविधा दी जाती है। जिससे आम आदमी को भी अपने सपनो को साकार करने का मौका मिल सके।
रियल एस्टेट बिजनेस के व्यापक क्षेत्र-
रियल एस्टेट एक बहुत व्यापक क्षेत्र है जिसमें कई घटक शामिल होते हैं। यह घटक संपत्ति, निवेश और विकास संबंधित हो सकते हैं और इसमें निम्नलिखित तत्व शामिल हो सकते हैं:
- वित्तीय पोषण- रियल एस्टेट के इस क्षेत्र में वित्त/फाइनेंस, बीमा, निवेश आदि पर नियंत्रण के अलावा वित्तीय रणनीतियां व समीक्षा शामिल होती हैं।
- निगरानी/मूल्यांकन- मूल्यांकन, प्रोपर्टी मैनेजमेंट व समीक्षात्मक प्रबंधन (खरीद-फरोख्त की दर आदि) से सम्बंधित विषयों पर काम किया जाता है।
- कानूनी और प्रशासनिक विवाद- कानूनी मामले, प्रसाशनिक प्रक्रिया के तहत भूमि/जमीन/लैंड संबंधित मुद्दे और संवैधानिक धाराएं जैसे अधिनियमों पर काम करता है।
- निर्माण कार्य- यह क्षेत्र इमारत निर्माण, विकास और नवीनीकरण के घटक को दर्शाता है। यह विशेष कर समृद्धि, गृह निर्माण, विकास वर्धन आदि पर काम करता है।
- मार्केटिंग और बिक्री- इसमें मार्केटिंग/विपणन, बिक्री, मूल्य समर्थन, AMC और फ्रेंचाइजी आदि से संबंधित कामों को शामिल किया जाता है।
रियल एस्टेट बिजनेस का विस्तार-
मौजूदा समय में रियल एस्टेट इंडस्ट्री इतनी विस्तारित हो चुकी है जिन्हें इसमें रूचि है उन्हें बड़ी आसानी से समझाया जा सकता है, रियल एस्टेट बिजनेस जैसे विषय को समझने और इस पर व्यापक विचार करने के लिए नीचे बिजनेस विस्तार का विवरण दिया जा रहा है, जो वास्तव में खुद एक Independent business हैं, मसलन-
रियल एस्टेट के तहत मूल कार्य-
- आर्किटेक्चर फर्म
- लैंडलॉर्ड शिप (जमींदारी)
- प्रॉपर्टी मैनेजमेंट(नक्शा खीचना, लागत का आंकलन, प्रॉपर्टी की समीक्षा आदि)
- होम कंस्ट्रक्शन व होम रिपेयर मैनेजमेंट बिजनेस (बनाने व मरम्मत का काम)
- प्लंबिंग व जल निकासी का प्रबंधन
- फ्लिप प्रॉपर्टी
- मॉडर्न किचन
- सिटी प्लान/लैंड प्लान
रियल एस्टेट के तहत सेवा/सर्विस कार्य-
- इंटीरियर डिज़ाइन
- लीगल एडवाईजर/कंसलटेंट
- कमर्शियल रियल एस्टेट एजेंट
- इमारत/हाउस पेंटिंग
- छत/रूफ मेंटेनेंस और रिस्टोरेशन
- लैंडस्केपिंग बिज़नेस (सौंदर्यीकरण का काम)
- घरेलू/इंडस्ट्रियल क्लीनिंग सर्विस (स्वच्छता सेवा)
- होम डेकोरेशन सेवा (मरम्मत व सौंदर्यीकरण का काम)
- गार्डन सेवा व्यवसाय (बाग़-बगीचा)
- वैकेशन प्रॉपर्टी रेंटल एजेंट
- सोलर सिस्टम प्रोवाइडर
- रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम्स प्रोवाइडर आदि
रियल एस्टेट के तहत प्रोमोशनल कार्य-
- वॉलपेपर/दीवार सौंदर्यीकरण
- स्मार्ट होम इंस्टॉलेशन
- रियल एस्टेट फोटोग्राफी
- रियल एस्टेट मूल्यांकन
- रियल एस्टेट पॉडकास्ट
- रियल एस्टेट मार्केटिंग
- रियल एस्टेट ब्लॉग/वेबसाइट
- रियल एस्टेट मैगज़ीन
- पैकिंग और मूविंग सर्विसेस
- ज्योतिष/वास्तु कंसल्टेंट
नोट- सुझाए गए बिन्दुओं के अलावा दैनिक स्तर पर कई अन्य तरह के कार्य ग्राहक की सुविधा व इच्छानुसार भी किये जाते हैं। संक्षिप्त रूप से रियल एस्टेट में पांच मुख्य श्रेणियों का समायोजन होता हैं। मसलन-
- प्राकृतिक/कच्ची भूमि
- आवासीय परिसम्पत्ति,
- वाणिज्यिक परिसम्पत्ति,
- औद्योगिक परिसम्पत्ति और
- प्रबंधन हेतु प्रदान की जाने वाली सेवाएं आदि
रियल एस्टेट की शिक्षा कैसे और कहाँ से प्राप्त की जा सकती है?
भारत में रियल एस्टेट की शिक्षा; मैनेजमेंट (कैटेगरी) शिक्षा प्रणाली के तहत एमबीए, सिविल या कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग में डिग्री अथवा डिप्लोमा इन सिविल/मैनेजमेंट, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिविल/मैनेजमेंट के अलावा सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई सर्टिफिकेट कोर्स कराये जाते हैं।
रियल एस्टेट में डिप्लोमा स्तर की शिक्षा सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए कम से कम इच्छुक उम्मीदवार को 12वीं को पूर्ण किया जाना अनिवार्य है। शिक्षा प्राप्त करने के लिए नीचे संस्थानों का उल्लेख किया गया है-
1. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट एंड रिसर्च
2. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रियल एस्टेट मैनेजमेंट
3. एमिटी यूनिवर्सिटी
4. इंडिया स्कूल ऑफ रियल एस्टेट
कैसे शुरू कर सकते हैं अपना रियल एस्टेट बिजनेस?
रियल एस्टेट के क्षेत्र में आने से पहले इच्छुक उम्मीदवार को सिविल/कंस्ट्रक्शन में इंजीनियरिंग की डिग्री अथवा मैनेजमेंट की शिक्षा हांसिल कर खुद का रियल-एस्टेट बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
रियल-एस्टेट के कंस्ट्रक्शन व इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में नौकरी की बात की जाये तो शिक्षा के बाद सेल्स एग्जीक्यूटिव, प्रोपर्टी मैनेजर, रियल एस्टेट मैनेजर, आईटी मैनेजर, रियल एस्टेट कंसल्टेंट/प्रोफ़ेसर जैसे पदों पर की जा सकती है।
सुझाव-
यदि आप रियल एस्टेट के क्षेत्र में सफल कारोबारी बनना चाहते हैं तो शुरूआती स्तर पर आपको इस क्षेत्र का अनुभव हांसिल करना जरूरी चरण होता है। प्राप्त अनुभव के आधार पर आप अपने सफल रियल एस्टेट बिजनेस की नींव रख सकते हैं।
भारत में रियल एस्टेट का भविष्य क्या है?
कॉनकॉर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2023 से 2028 तक इस क्षेत्र के 9.2 प्रतिशत की भारी दर (सीएएफआर) से बढ़ने की उम्मीद है।
रियल एस्टेट में मुनाफा कितने तरीकों से कमाया जा सकता है?
रियल एस्टेट बिजनेस के क्षेत्र में 02 तरीकों से निवेश कर मुनाफा बनाया जा सकता है-
1. प्रॉपर्टी में निवेश – फ्लैट/घर/मकान/दुकान/जमीन, प्लॉट या अन्य स्थावर संपत्ति खरीद बेच कर
2. Real Estate Investment Trust (REIT), रियल एस्टेट फंड, म्यूचुअल फंड या मॉर्गरेज बॉन्ड जैसे विकल्प भी अच्छा रिटर्न प्रदान कर सकते हैं।
अंत में-
रियल एस्टेट बिजनेस को अपनाना व इसमें निवेश करना समय के साथ संपत्ति बनाने का एक शानदार विकल्प बन सकता है, लेकिन हमारी यही सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले आप वांछित बिजनेस के जोखिम व नुकसानों का गहनता से परीक्षण जरूर करें, हो सके तो किसी विषय विशेषज्ञ से उचित परामर्श जरूर लें, जिससे जोखिम की सम्भावना पर अंकुश लगाया जा सके.
नोट- किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले बाजार/मार्केट रिसर्च एवं खपत का आंकलन अनिवार्य रूप से अवश्य करें। ऐसा करने से आपको व्यवसाय में आने वाले जोखिम और दिक्कतों का सामना करने में आसानी हो जाएगी और बाजार में डिमांड के अनुरूप आप अपने बिजनेस का विस्तार भी अच्छे से कर पाएंगे।
आशा है आपको इस लेख “रियल एस्टेट बिज़नेस कैसे अपनाएं (How to adopt Real Estate Business)” से रियल एस्टेट जैसे कारोबारी उपक्रम के बारे में जानकारी जरूर मिली होगी, साथ ही यदि कुछ छूट गया हो या कुछ पूछना चाहते हों तो कृपया comment box में जरूर लिखें। अभी तक के लिए इतना ही, अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहे…
“शुभकामनाएं आपके कामयाब और सफल व्यापारिक भविष्य के लिए।”
धन्यवाद!