गौकाष्ठ अर्थात् गोबर से लकड़ी बनाने का व्यवसाय स्थापित करना एक सदाबहार चलने वाला बड़े मुनाफे का कारोबार है.

गोबर से बनी लकड़ियों का उपयोग धार्मिक कर्मकाण्डों जैसे- पूजा, यज्ञ, हवन, धुली देने के अलावा गोबर लकड़ी की सबसे अधिक खपत शमशान घाट व ठंडे स्थानों आदि स्थानों पर होती है

गौकाष्ठ को जलाने पर यह जल्दी ही आग पकड़कर लम्बे समय तक आग बनाए रखती है, गोबर से उत्पन्न होने वाला धुआं वातावरण को शुद्ध भी करता है

गौ काष्ठ बनाने के लिए मात्र पशु गोबर, लकड़ी का बुरादा/चूरा, सूखी घास और पानी जैसे कच्चे माल की आवश्यकता होती है.

गोबर से लकड़ी बनाने के लिए गोबर और लकड़ी चूरे/बुरादे व सूखी घास को क्रमशः 60 : 30 :10 के अनुपात से मिश्रण तैयार कर गोबर की लकड़ी निर्मित की जाती है.

व्यवसायिक तौर पर गोबर लकड़ी निर्माण व्यवसाय स्थापित करने के लिए व्यवसायीय को कम से कम 2500 sqft area की आवश्यकता होती है

गोबर से लकड़ी बनाने वाली मशीन की कीमत 45,000 रुपये प्रति इकाई से शुरू हो जाती है. मौजूदा बाजार में यह मशीन अलग-अलग कैपेसिटी की आती है

मोटे तौर पर गोबर से लकड़ी बनाने का व्यवसाय व्यवसायिक स्तर पर स्थापित करने के लिए कम से कम 60,000 से 1.50 लाख रूपये की लागत आ सकती है

वेस्ट टू वेल्थ के तहत PMEGP व कौशल विकास योजना के अंतर्गत इच्छुक उद्यमी को व्यवसाय की कुल लागत पर लगभग 35% तक की सब्सिडी/अनुदान भी मिल सकता है

10,000 की लागत पर अधिकतम 4,500 रूपये तक मुनाफा कमाया जा सकता है, जोकि waste to wealth के तहत बहुत ही अच्छे मुनाफे को इंगित करता है.