किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

तरबूज के कच्चे फलों का उपयोग सब्जी बनाने में किया जाता हैं, वहीं पकने के बाद मीठे, रसीले और खाने में बेहद स्वादिष्ट तरबूज फल हर किसी की पहली पसंद बन जाते हैं.

कम समय, कम खाद और कम पानी की आवश्यकता होने के कारण तरबूज की खेती किचन गार्डेन या टेरेस गार्डेन के तहत आसानी से की जा सकती है.

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

गर्मी के दिनों में हर कोई अपने आपको तरबूज का सेवन करने से रोक नहीं पाता. जिस कारण मौसमी फलों की बाजार में पके तरबूजों की मांग बड़े स्तर पर हमेशा बनी रहती है

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

अगर आप भी ऑर्गेनिक फलों और सब्जियों को खाने के शौक़ीन हैं, साथ ही ऑर्गेनिक तरीके से उगाकर मीठे और रसीले तरबूज खाना चाहते हैं तो अपने किचन गार्डन में तरबूज की खेती जरूर करें.

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डनिंग व टेरेस गार्डनिंग के तहत गमलों या ग्रो बैग में तरबूज की खेती के तहत अच्छी उपज लेने के लिए आप तरबूज के हाइब्रिड बीजों का चयन करें.

बीज की रोपाई के करीब 04 से 06 दिन बाद तरबूज के पौधे अंकुरित होकर बहार निकाल आते हैं. इसके बाद इन बीज से तैयार हुई पौध को 10 से 14 दिनों के बाद वांछित गमले में स्थानांतरित करना होता है.

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डनिंग के तहत तरबूज के पौधे को उगाने के लिए हमें जिस तरह की मिट्टी आवश्यकता होती है, उसे आसानी से घर पर बनाया जा सकता है.

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डनिंग या टेरेस गार्डनिंग के तहत तरबूज/खरबूजे के पौधों से बेहतर उपज लेने के लिए हमें कम से कम 24 से 30 इंच के गमलों या ग्रो बैग्स का चुनाव करना चाहिए.

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डन में तरबूज की खेती

किचन गार्डनिंग में विशेष तौर पर कीटाणु नाशक के रूप में नीम खली ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का उपयोग किया जाता है. आप इसके स्थान पर केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग भी कर सकते हैं.

तरबूज की शाखाएं बड़ी होकर फैलती हैं तो इन शाखाओं का उचित प्रबन्धन किया जाना प्राथमिक अनिवार्यता है क्योंकि इन्ही शाखाओं में पहले तरबूज के फूल और फिर फल (तरबूज) लगते है.