सुन्दर सेहतमंद शरीर पाने की कमाना हम सब की जरूरत है. जिसके लिए हमें एक हेल्दी डाइट (पोषक आहार) लेना भी बहुत जरूरी है.

जुकिनी की खेती

शारीरिक और मानसिक विकास के लिए डॉक्टर भी ताजा हरी सब्जियां खाने की सलाह देते हैं, सब्जियां जो हमें अपने लोकल बाजार में बहुत ही आसानी से मिल जाती हैं.

ऐसी ही एक सब्जी है जुकिनी, जिसका सेवन करने से हम अपने शरीर की सेहत को सुधारकर और भी तंदरुस्त बना सकते हैं.

जुकिनी का वैज्ञानिक नाम क्युकरबिटा पेपो (Cucurbita Pepo) है, जुकिनी कद्दू की ही एक प्रजाति है, जो अधिकतर खीरे की तरह दिखाई देती है.

पर क्या आप जानते हैं कि ज़ुकिनी की खेती को मुनाफे की खेती भी कहा जाता है. और जुकिनी की फसल को गमले अथवा ग्रो बैग में लगाकर जुकिनी का लुफ्त लिया जा सकता है.

जुकीनी में पानी के साथ विटामिन C, विटामिन B6, विटामिन K, आयरन, पोटेशियम, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स एवं एंटी-फ्लोमेट्री फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी पाए जाते हैं.

जुकिनी बाजार में 04 तरह की किस्मों- ऑस्ट्रेलियन ग्रीन 4-5,  पूसा पसंद, अर्ली यलो प्रोलीफिक, और पैटीपैन आदि देखने को मिलती हैं.

जुकिनी की खेती के लिए मिट्टी का pH मान 6.5 के आस-पास होना जरूरी है साथ ही जुकिनी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है

जुकिनी की पूरी फसल लगभग 65-70 दिन की ही होती है. जिसे मार्च-अप्रैल अथवा नवम्बर से दिसंबर के बीच रोपा जाता है.

किचन गार्डेन तहत जुकिनी को 18 से 20 इंच के गमले अथवा ग्रो बैग में प्रति पौधा रोप कर फसल का सफल उत्पादन किया जा सकता है.