गोबर से लाखों की कमाई की जा सकती है, गोबर से कमाई के अनेको फॉर्मूले तैयार किए जा सकते हैं, वैदिक प्लास्टर उनमें से एक है.

धरती के लगातार बढ़ते तापमान के कारण दिन प्रति दिन प्राकृतिक प्लास्टर की मांग देश के ही नहीं बल्कि विदेशों के बाजारों में भी बढती जा रही है

उष्मारोधी, पर्यावरण और मौसम के अनुकूलित होने के कारण वैदिक प्लास्टर की मांग लगभग 400 टन से अधिक प्रति माह की दर से हो रही है

केमिस्ट्री में पीएचडी करने वाले डा. शिव दर्शन मलिक (रोहतक, हरियाणा जिले के निवासी) ने इस वैदिक प्लास्टर का आविष्कार किया है

वैदिक प्लास्टर बनाने के लिए गाय का गोबर, जिप्सम, सफ़ेद चूना, रेतीली मिट्टी, ग्वार गम और नीबू का रस/सिट्रिक एसिड की आवश्यकता होती है

गोबर आधरित उत्पादों को बनाने और बाजार में बिक्री करने के लिए सरकार द्वारा 35% तक की सब्सिडी/ अनुदान की सुविधा भी  दी जा रही है.

व्यवसायिक स्तर पर वैदिक प्लास्टर बनाने के लिए Pulverizer, Crusher & Powder Making, Mixing, Weighing और Packing Machine की आवश्यकता होती है

वैदिक प्लास्टर बनाने के व्यवसाय को स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक सामग्री सहित लगभग 05 से 12 लाख रूपये की लागत आती है

वैदिक प्लास्टर में मुनाफा 06 से 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर तक आसानी से कमाया जा सकता है.

वैदिक प्लास्टर निर्माण कारोबार