आज शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे चॉकलेट पसंद न हो. बच्चे से लेकर बूढों तक सभी चॉकलेट का नाम सुनते ही स्वाभाविक रूप से excited हो जाते हैं.

हमेशा भारी डिमांड में रहने वाली चॉकलेट को बनाना भी एक सरल प्रक्रिया है, और चॉकलेट बिजनेस में संभावनाओं की कोई सीमा तय ही नहीं है

Let’s get started!

भारत में किसी भी तीज-त्यौहार पर एक-दूसरे को चॉकलेट गिफ्ट करने की प्रवृत्ति दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है.

ऐसा इसलिए क्योंकि हर उम्र के लिए चॉकलेट उत्पाद के कई प्रकार बाजार में सभी की पहुँच में हमेशा बने ही रहते हैं.

IMARC Group को उम्मीद है कि साल 2027 तक चॉकलेट का बाजार 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाने की सम्भावना जताई है.

चॉकलेट बनाने के लिए दूध, बटर, घी, फ्लेवर, कोको पाउडर, हार्ड चॉकलेट जैसे- डार्क, मिल्क, अनस्वीटेड व व्हाइट चॉकलेट, सूखे मेवे और चीनी, शहद आदि की जरूरत होती है.

चॉकलेट बनाने की प्रक्रिया में डबल बॉयलर, भट्टी/इंडक्शन कुक्टॉप, मिक्सिंग मशीन, विविध आकार के मोल्ड, रेफ्रिजटर/फ्रीजर, वेट मशीन आदि की जरूरत होती है.

छोटे स्तर पर हैंडमेड चॉकलेट मेकिंग बिजनेस शुरू करने के लिए आपको कम से कम 80 से 120 sqft और लागत 25 से 50 हजार तक आता है

बड़े स्तर पर चॉकलेट मेकिंग बिजनेस शुरू करने के लिए 1000 से 3000 sqft और लागत 05 से 15 लाख तक आ सकता है

चॉकलेट इंडस्ट्र्री में थोड़े निवेश से ही अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. चॉकलेट बिजनेस में मुनाफा per product 07 से 16 प्रतिशत तक उम्मीद की जा सकती है.