मौजूदा समय में कई किसान ऐसी खेती/कृषि की ओर रुख कर रहें हैं, जहां लागत एक बार लगानी पड़े और मुनाफा साल दर साल होता रहे

एप्पल बेर की खेती

एप्पल बेर मूल रूप से थाईलैंड की एक किस्म है, एप्पल बेर की खेती किसानों के लिए लाभदायक और सबसे कारगर विकल्प बनकर उभरी है.

एप्पल बेर मूल रूप से बेर की हाइब्रिड किस्म है, जिसे अनुसंधान द्वारा विकसित किया गया है. एप्पल बेर, मूल बेरों की अपेक्षा अधिक स्वादिष्ट होते हैं.

एप्पल बेर मूल रूप से थाईलैंड की एक किस्म है, जिसे भारत में व्यवसायिक उत्पादन की दृष्टी से किसानो की आय बढ़ाने के लिए लाया गया है.

व्यवसायिक स्तर पर यदि बेर विशेषकर हाइब्रिड/एप्पल बेर की खेती (hybrid apple ber farming) की जाए तो इससे साल दर साल एक अच्छी आय भी मिलती है.

एप्पल बेर के पौधे हल्की क्षारीय और लवणीय भूमि में भी लग जाते हैं, क्योंकि इसमें कम पानी और सूखे से लड़ने की विशेष क्षमता होती है

हाइब्रिड एप्पल बेर की किस्में- Thai apple ber, kashmiri apple ber, सेन्यूरन – 5, कैथली, उमरान, मुण्डिया और गोमा-कीर्ति हैं.

एप्पल बेर के पौधे रोपने के लिए गडढा कम से कम 02 फुट गहरा, 1.5 फुट लंबा तथा 1.5 फुट चौड़ा होना जरूरी है जिसमें गोबर खाद व नीम की पत्तियां भरी जाती है.

एप्पल बेर के पौधे में फूल आ जाने के बाद बेर के फलों को परिपक्व होने में 150 से 180 दिनों का समय लगता है.

पहले वर्ष प्रति पौधा कम से कम 07 किलोग्राम, दूसरे वर्ष 15 से 25 किलोग्राम तथा तीसरे वर्ष से प्रति पौधे/पेड़ 50 से 90 किलोग्राम तक फल उत्पादन कर सकता है.